ETV Bharat / city

सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन को चुनाव आयोग का नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन से भी सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें चुनाव आयोग ने पूछा है कि कारण स्पष्ट करिए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?

ec-notice-to-mla-basant-soren
बसंत सोरेन को नोटिस
author img

By

Published : May 5, 2022, 12:50 PM IST

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनके भाई बसंत सोरेन की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रहीं हैं. बहुचर्चित ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन से भी सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी है.

ये भी पढे़ं:- झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का शोकॉज नोटिस, खुद को खनन पट्टा जारी करने के मामले में पूछा-कार्रवाई क्यों न की जाए

सीएम हेमंत सोरेन को जारी किया था नोटिस: इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को शोकॉज नोटिस भेजा था. खुद को पत्थर खदान खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में भेजे गए नोटिस में भारत निर्वाचन आयोग ने पूछा था कि इस मामले में कार्रवाई क्यों न की जाए. निर्वाचन आयोग के नोटिस में कहा गया था कि प्रथम दृष्टया आपकी ओर से किया गया कार्य आरपी एक्ट की धारा 9A का उल्लंघन करता प्रतीत होता है. यह धारा जन प्रतिनिधि की अयोग्यता से संबंधित है.

Nishikant Dubey's tweet
निशिकांत दुबे का ट्वीट

क्या है पूरा मामला: इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी में राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर शिकायत की थी कि सीएम के पद पर रखते हुए जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज ली है. पाकुड़िया के ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बसंत सोरेन की भागीदारी का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. इसके बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से खदान लीज आवंटन रिपोर्ट मांगी थी. चुनाव आयोग द्वारा बसंत सोरेन को भेजे गये नोटिस पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि संवैधानिक संस्था अपना काम कर रही है. यदि दोषी पाये जाते हैं तो निश्चित रुप से विधिसम्मत कार्रवाई होनी चाहिए.

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनके भाई बसंत सोरेन की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रहीं हैं. बहुचर्चित ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन से भी सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी है.

ये भी पढे़ं:- झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का शोकॉज नोटिस, खुद को खनन पट्टा जारी करने के मामले में पूछा-कार्रवाई क्यों न की जाए

सीएम हेमंत सोरेन को जारी किया था नोटिस: इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को शोकॉज नोटिस भेजा था. खुद को पत्थर खदान खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में भेजे गए नोटिस में भारत निर्वाचन आयोग ने पूछा था कि इस मामले में कार्रवाई क्यों न की जाए. निर्वाचन आयोग के नोटिस में कहा गया था कि प्रथम दृष्टया आपकी ओर से किया गया कार्य आरपी एक्ट की धारा 9A का उल्लंघन करता प्रतीत होता है. यह धारा जन प्रतिनिधि की अयोग्यता से संबंधित है.

Nishikant Dubey's tweet
निशिकांत दुबे का ट्वीट

क्या है पूरा मामला: इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी में राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर शिकायत की थी कि सीएम के पद पर रखते हुए जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज ली है. पाकुड़िया के ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बसंत सोरेन की भागीदारी का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. इसके बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से खदान लीज आवंटन रिपोर्ट मांगी थी. चुनाव आयोग द्वारा बसंत सोरेन को भेजे गये नोटिस पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि संवैधानिक संस्था अपना काम कर रही है. यदि दोषी पाये जाते हैं तो निश्चित रुप से विधिसम्मत कार्रवाई होनी चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.