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झारखंड में कोरोना का कहर, राजस्व को लेकर सरकार की बढ़ी चिंता - Jharkhand government is suffering from financial loss

झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. बुधवार को झारखंड में कोरोना के 3 हजार 553 नए मरीज मिले. इसके साथ ही झारखंड में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 361518 हो चुकी है. इसकी वजह से सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं और कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसकी वजह से एक बार फिर से झारखंड पर्यटन विकास निगम और रांची नगर निगम को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.

Jharkhand government is suffering from financial loss
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Published : Jan 6, 2022, 7:10 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर विकास की रफ्तार को कम कर दिया है. झारखंड में कोरोना तेजी से फैल रहा है. जिसके कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ पर्यटन स्थल को भी बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार को हर साल पर्यटन उद्योग से अच्छी खासी आमदनी होती रही है. हर साल करीब 40 करोड़ का राजस्व देने वाला यह सेक्टर कोरोना के कारण लगातार दूसरे वर्ष भारी घाटे में चल रहा है.

आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया की राह पर चल रहे पर्यटन उद्योग को कोरोना की तीसरी लहर ने बड़ा झटका दिया है. झारखंड पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों की मानें तो 2019-20 तक लाभ में चलने वाला निगम कोरोना के आते ही राजस्व संग्रह में कमजोर हो गया. 2019-20 में झारखंड पर्यटन विकास निगम को करीब 5 करोड़ का फायदा हुआ था.

ये भी पढ़ें: Jharkhand Corona Updates: बुधवार को झारखंड में कोरोना के मिले 3 हजार 553 नए मरीज

रांची नगर निगम झेल रहा है कोरोना का झटका
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित होने के कारण राजधानी रांची में कई व्यवसायिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है. इसका सीधा असर रांची नगर निगम के राजस्व संग्रह पर भी पड़ रहा है. नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के अनुसार कोरोना के कारण रांची नगर निगम को दो वर्षों में 15-20 करोड़ की राजस्व क्षति उठानी पड़ी है. नगर निगम को होल्डिंग टैक्स के अलावा निगम पार्क, पार्किंग एरिया और होर्डिंग से अच्छी खासी आमदनी होती है. मगर कोरोना के कारण एक बार फिर राजस्व को लेकर चिंता बढ़ गई है.

सूना पड़ा है बच्चों का पार्क
झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने आम जनजीवन को खासा प्रभावित किया है. हर दिन संक्रमण का एक नया रेकॉर्ड बनाती इस महामारी पर काबू पाना सरकार के लिए चुनौती भरा है. सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए सभी पार्कों, जिम, शैक्षणिक संस्थानों सहित कई संस्थानों पर पाबंदी लगी दी है. सरकार के इस फैसले के बाद से एक बार फिर से बच्चों का पार्क बंद है. इन पार्कों से सरकार को करोड़ों की आमदनी हर महीने होती थी. मोरहाबादी नगर निगम पार्क के संचालक मो.तौसीफ की मानें तो कोरोना के कारण ना केवल इसे संचालित कर रही कंपनी को भारी हानि हो रही है बल्कि यहां की रौनक भी छिन गई है.


झारखंड में कोरोना का कोहराम जारी है. स्थिति इतनी खराब है कि अधिकारी-कर्मचारी से भरे रहने वाले सचिवालय के ज्यादातर विभागों में सरकारी निर्देश के बाद पचास फीसदी कर्मचारियों के साथ किसी तरह काम चलाया जा रहा है. सरकार ने यह व्यवस्था फिलहाल 15 जनवरी तक के लिए किया है. मगर जिस तरह से संक्रमण की रफ्तार देखी जा रही है उससे नहीं लगता कि झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर से इतनी जल्दी मुक्ति मिलेगी. जाहिर तौर पर सरकार के लिए इस वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही होने के कारण राजस्व संग्रह और विकास की रफ्तार को बनाये रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.

रांची: झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर विकास की रफ्तार को कम कर दिया है. झारखंड में कोरोना तेजी से फैल रहा है. जिसके कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ पर्यटन स्थल को भी बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार को हर साल पर्यटन उद्योग से अच्छी खासी आमदनी होती रही है. हर साल करीब 40 करोड़ का राजस्व देने वाला यह सेक्टर कोरोना के कारण लगातार दूसरे वर्ष भारी घाटे में चल रहा है.

आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया की राह पर चल रहे पर्यटन उद्योग को कोरोना की तीसरी लहर ने बड़ा झटका दिया है. झारखंड पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों की मानें तो 2019-20 तक लाभ में चलने वाला निगम कोरोना के आते ही राजस्व संग्रह में कमजोर हो गया. 2019-20 में झारखंड पर्यटन विकास निगम को करीब 5 करोड़ का फायदा हुआ था.

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रांची नगर निगम झेल रहा है कोरोना का झटका
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित होने के कारण राजधानी रांची में कई व्यवसायिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है. इसका सीधा असर रांची नगर निगम के राजस्व संग्रह पर भी पड़ रहा है. नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के अनुसार कोरोना के कारण रांची नगर निगम को दो वर्षों में 15-20 करोड़ की राजस्व क्षति उठानी पड़ी है. नगर निगम को होल्डिंग टैक्स के अलावा निगम पार्क, पार्किंग एरिया और होर्डिंग से अच्छी खासी आमदनी होती है. मगर कोरोना के कारण एक बार फिर राजस्व को लेकर चिंता बढ़ गई है.

सूना पड़ा है बच्चों का पार्क
झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने आम जनजीवन को खासा प्रभावित किया है. हर दिन संक्रमण का एक नया रेकॉर्ड बनाती इस महामारी पर काबू पाना सरकार के लिए चुनौती भरा है. सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए सभी पार्कों, जिम, शैक्षणिक संस्थानों सहित कई संस्थानों पर पाबंदी लगी दी है. सरकार के इस फैसले के बाद से एक बार फिर से बच्चों का पार्क बंद है. इन पार्कों से सरकार को करोड़ों की आमदनी हर महीने होती थी. मोरहाबादी नगर निगम पार्क के संचालक मो.तौसीफ की मानें तो कोरोना के कारण ना केवल इसे संचालित कर रही कंपनी को भारी हानि हो रही है बल्कि यहां की रौनक भी छिन गई है.


झारखंड में कोरोना का कोहराम जारी है. स्थिति इतनी खराब है कि अधिकारी-कर्मचारी से भरे रहने वाले सचिवालय के ज्यादातर विभागों में सरकारी निर्देश के बाद पचास फीसदी कर्मचारियों के साथ किसी तरह काम चलाया जा रहा है. सरकार ने यह व्यवस्था फिलहाल 15 जनवरी तक के लिए किया है. मगर जिस तरह से संक्रमण की रफ्तार देखी जा रही है उससे नहीं लगता कि झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर से इतनी जल्दी मुक्ति मिलेगी. जाहिर तौर पर सरकार के लिए इस वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही होने के कारण राजस्व संग्रह और विकास की रफ्तार को बनाये रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.

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