रांची: लातेहार के चंदवा से डॉक्टर नीलिमा कुमारी को अगवा करने के मामले में झारखंड आईएमए (IMA) ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूरे मामले में कार्रवाई की मांग की है. झारखंड आईएमए ने अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं होने पर रोष जताया है.
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झारखंड आईएमए का मुख्य सचिव को पत्र
आईएमए के पत्र में लिखा गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने 12 जनवरी को महिला चिकित्सक नीलिमा कुमारी को अगवा कर लिया था और उन्हें अपने साथ लेकर रामगढ़ चले गए थे. बहुत मिन्नत के बाद उक्त चिकित्सक से ढाई लाख रुपए की फिरौती लेकर महिला चिकित्सक को छोड़ा गया. इस वजह से डॉ नीलिमा कुमारी गहरे सदमे में है. महिला चिकित्सक डॉक्टर नीलिमा कुमारी चंदवा वापस आने के बाद थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है. लेकिन अभी तक किसी भी अपहरणकर्ता को नहीं पकड़ा गया है.
भयभीत हैं चंदवा के डॉक्टर
मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि पुलिस द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं करने से चंदवा और उस क्षेत्र के सभी चिकित्सक भयभीत और आक्रोशित हैं और इस भय के वातावरण में अपना कार्य का निष्पादन नहीं कर पा रहे हैं.अतः आपसे आग्रह है कि इस घटना को गंभीरता पूर्वक लेकर अपराधियों को गिरफ्तार करने का आदेश दें. आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा कि कोई भी कार्रवाई नहीं किए जाने से झारखंड के सभी चिकित्सक में आक्रोश बढ़ रहा है और इसके साथ उनका मनोबल भी गिर रहा है. ऐसे में सभी चिकित्सक राज्य भर में आंदोलन करने का मन बना रहे हैं आशा है कि आप अविलंब उचित अधिकारी को आदेश देंगें. ताकि उन अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा सके और राज्य के चिकित्सकों की समुचित सुरक्षा हो सके.
लातेहार आईएमए ने भी लिखा पत्र
इस संबंध में लातेहार आईएमए ने वहां के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर महिला चिकित्सक नीलिमा कुमारी के मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की है. पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की भी चेतावनी भी दी गई है.
लातेहार में डॉक्टर का अपहरण
बता दें कि महिला चिकित्सक नीलिमा कुमारी के आवास पर 12 जनवरी को मरीज बनकर कुछ अपराधी पहुंचे और जबरन उन्हें कार में बैठाकर रामगढ़ ले गए. 13 जनवरी को डॉक्टर से ढाई लाख रुपया लेकर उन्हें मुक्त कर दिया. अपराधियों ने इस घटना की जानकारी किसी को नहीं देने की धमकी भी दी. लेकिन 16 जनवरी को पूरे मामले की जानकारी पीड़ित डॉक्टर के द्वारा पुलिस को दी गई. बताया जाता है कि पुलिस के द्वारा जो सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई उसमें अपराधियों का चेहरा भी दिख रहा है.