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चुनाव आयोग को भेजे गए सीएम पर आरोपों से जुड़े दस्तावेज, अब क्या होगा आगे ? - ऑफिस ऑफ प्रोफिट

ऑफिस ऑफ प्रोफिट को लेकर सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े मामले को लेकर मुख्य सचिव ने आयोग को रिपोर्ट भेज दी है. अब आगे की कार्रवाई चुनाव आयोग उसी रिपोर्ट के आधार पर करेगी.

allegations against cm hemant soren
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Published : Apr 27, 2022, 7:06 AM IST

Updated : Apr 27, 2022, 7:36 AM IST

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े पत्थर खदान के लीज से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित कॉपी चुनाव आयोग को भेज दी गई है. 18 अप्रैल को चुनाव आयोग की तरफ से मिले पत्र के आलोक में मुख्य सचिव ने रिपोर्ट भेजी है. हालांकि राज्य सरकार को रिपोर्ट देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया था. इसकी मियाद 3 मई को खत्म होने वाली थी.

ये भी पढ़ेंः चुनाव आयोग की चिट्ठी से सियासी पारा चढ़ा, सीएम पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप, जवाब तैयार कर रहा है सीएस ऑफिस

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी माह में राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर शिकायत की थी कि सीएम के पद पर रखते हुए हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज ली है. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. अब चुनाव आयोग ने इस पर आगे की कार्रवाई के लिए मंथन शुरू कर दिया है.

अब क्या होगा आगेः सरकार की तरफ से मिले कागजात के आधार पर चुनाव आयोग अब हेमंत सोरेन से उन पर लगे आरोपों पर जवाब मांगेगा. जवाब के बाद आयोग फैसला करेगा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 91A के तहत विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जा सकती है या नहीं. जवाब के आधार पर चुनाव आयोग अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को देगा. अब देखना है कि चुनाव आयोग कितने दिनों के भीतर मुख्यमंत्री से जवाब मांगता है. इधर, इस मसले पर सत्ताधारी दल झामुमो ने भी कड़ा स्टैंड अख्तियार कर लिया है. पार्टी नेता सुप्रियो भट्टाचार्य कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का कोई मामला नहीं बनता है.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े पत्थर खदान के लीज से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित कॉपी चुनाव आयोग को भेज दी गई है. 18 अप्रैल को चुनाव आयोग की तरफ से मिले पत्र के आलोक में मुख्य सचिव ने रिपोर्ट भेजी है. हालांकि राज्य सरकार को रिपोर्ट देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया था. इसकी मियाद 3 मई को खत्म होने वाली थी.

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दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी माह में राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर शिकायत की थी कि सीएम के पद पर रखते हुए हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज ली है. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. अब चुनाव आयोग ने इस पर आगे की कार्रवाई के लिए मंथन शुरू कर दिया है.

अब क्या होगा आगेः सरकार की तरफ से मिले कागजात के आधार पर चुनाव आयोग अब हेमंत सोरेन से उन पर लगे आरोपों पर जवाब मांगेगा. जवाब के बाद आयोग फैसला करेगा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 91A के तहत विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जा सकती है या नहीं. जवाब के आधार पर चुनाव आयोग अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को देगा. अब देखना है कि चुनाव आयोग कितने दिनों के भीतर मुख्यमंत्री से जवाब मांगता है. इधर, इस मसले पर सत्ताधारी दल झामुमो ने भी कड़ा स्टैंड अख्तियार कर लिया है. पार्टी नेता सुप्रियो भट्टाचार्य कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का कोई मामला नहीं बनता है.

Last Updated : Apr 27, 2022, 7:36 AM IST
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