रांची: राजधानी समेत कई जिलों में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या खतरे का अलार्म बजा रही है. इसके बावजूद लोगों में सतर्कता नहीं के बराबर है. चौक चौराहों, अस्पताल, बाजार हर तरफ कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते लोग दिख रहे हैं. लोगों की लापरवाही से झारखंड के डॉक्टर चिंतिंत हैं. उन्हें इस बात की आशंका है कि कहीं कोरोना फिर से अपने पुराने रफ्तार में न लौट जाए.
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क्या कहते हैं डॉक्टर्स
राजधानी के मेडिसीन डॉक्टर एके झा कहते हैं कि कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है और लोगों को यह समझना होगा कि अभी भी मास्क ही वैक्सीन है. चाहे कोई वैरियंट आए मास्क ही हर वैरियंट के खिलाफ कारगर हथियार है. ऐसे में लोग लापरवाही नहीं बरतें, मास्क लगाना जारी रखें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
रिम्स के ट्रॉमा सेंटर के हेड और इंटिग्रेटेड कोविड केयर सेंटर के हेड डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें इस बात का डर अभी से सता रहा है कि कहीं राज्य में दीपावली और छठ पूजा के बाद संक्रमण बेतहाशा न बढ़ जाएं. क्योंकि दुर्गा पूजा के दौरान बरती गई लापरवाही का असर यह है कि न सिर्फ केस बढ़े हैं बल्कि दो लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है.
टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर जोर
इधर संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन सतर्क है. एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जहां से दूसरे राज्यों से लोगों का झारखंड में प्रवेश होता है वहां जांच की व्यवस्था को दुरूस्त की गई है. पूरा विभाग टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर खास जोर दे रहा है. लेकिन चिंता की बात शहर के अंदर के बाजार और दूसरे सार्वजनिक स्थल हैं. जहां किसी भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में इन जगहों पर भी सख्ती से नियम पालन कराने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.