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पुलिस मुख्यालय में DG-ADG स्तर के कई पदों पर अफसर नहीं, कामकाज हो रहा प्रभावित

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Published : Aug 20, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 9:37 PM IST

झारखंड पुलिस में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों के पद खाली हैं. आलम यह है कि राज्य पुलिस मुख्यालय में ही पुलिस के कैडर पोस्टों पर अफसरों की तैनाती नहीं होने से विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. पुलिस मुख्यालय का सबसे अहम डीजी मुख्यालय या एडीजी मुख्यालय का पद भी मई महीनें से रिक्त है.

DG and ADG headquarters post vacant in ranchi
पुलिस मुख्यालय

रांचीः झारखंड पुलिस में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों के पद खाली हैं. आलम यह है कि राज्य पुलिस मुख्यालय में ही पुलिस के कैडर पोस्टों पर अफसरों की तैनाती नहीं होने से विभागीय कामकाज के साथ साथ नक्सल अभियान, पुलिस आधुनिकीकरण जैसे कामकाज प्रभावित हो रहे हैं.

पहली बार बनी है ये स्थिति

झारखंड के निर्माण के बाद ऐसा पहली बार है जब पुलिस और सीआईडी मुख्यालय में शीर्ष स्तर पर पदों को रिक्त रखा गया है. कैडर पोस्ट पर रिक्ति रखकर नन कैडर पदों पर अधिकारियों की तैनाती की गई है. पुलिस मुख्यालय का सबसे अहम डीजी मुख्यालय और एडीजी मुख्यालय का पद भी मई महीनों से रिक्त है. पुलिसकर्मियों के विभागीय मामलों, प्रमोशन, ट्रांसफर-पोस्टिंग, विभागीय कार्रवाई से जुड़े मामलों में यह पद काफी अहम है. डीजी पीआरके नायडू के 31 मार्च के सेवानिवृत होने के बाद से ही यह पद खाली है.

कौन-कौन से अहम पद खाली

राज्य पुलिस मुख्यालय में डीजी और एडीजी मुख्यालय का पद खाली है. वहीं, मार्च महीनें में एडीजी आधुनिकीकरण पद से आरके मल्लिक की प्रतिनियुक्ति होने के बाद ये यह पद खाली है. पुलिस आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण का पद एक कैडर पोस्ट है. राज्य में आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण के कैडर पोस्ट को बांटकर काम लिया जा रहा. पुलिस प्रशिक्षण का प्रभार सीआईडी एडीजी अनिल पालटा के जिम्में है, जबकि आधुनिकीकरण का पद मार्च से रिक्त है. इस पद पर रिक्ति होने से पुलिस में आधुनिकीकरण और खरीद से जुड़े कई काम प्रभावित होते हैं. डेढ़ माह पूर्व एडीजी अभियान रहे मुरारीलाल मीणा को विशेष शाखा का एडीजी बनाया गया था, लेकिन एडीजी अभियान के तौर पर किसी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई. ऐसे में नक्सल अभियान की मॉनिटरिंग की मॉनिटरिंग करने वाले प्रमुख का पद भी रिक्त है. पुलिस के आईजी मुख्यालय विपुल शुक्ला भी जुलाई माह में रिटायर हो गए, उनकी रिटायरमेंट के बाद से यह पद खाली है. स्पेशल ब्रांच में भी आईजी और डीआईजी के कैडर पोस्ट हैं, जिन्हें रिक्त रखा गया है.

ये भी पढ़ें- चतरा में पुलिस ने अवैध शराब भट्ठी किया ध्वस्त, साढे़ 5 क्विंटल महुआ और सैकड़ों लीटर शराब किया नष्ट



सीआईडी मुख्यालय में आईजी नहीं

राज्य सीआईडी मुख्यालय में आईजी नहीं हैं. दिसंबर 2019 में आईजी संगठित अपराध रंजीत प्रसाद और जनवरी महीनें में आईजी सीआईडी अरूण कुमार सिंह रिटायर हो गए थे. इसके बाद से ही ये दोनों पद रिक्त हैं. राज्यभर में आपराधिक गतिविधियों की मॉनिटरिंग, अपराधियों पर इनाम, वारंट के तामिले और अपराध नियंत्रण के दिशा में आईजी संगठित अपराध का पद अहम माना जाता है. वैसे ही सीआईडी में चल रहे मामलों की समीक्षा और अनुसंधान में आईजी की भूमिका अहम है.

धनबाद जैसा शहर सिर्फ सिटी एसपी के भरोसे

वहीं, झारखंड में धनबाद जैसे शहर में सीनियर एसपी और ग्रामीण एसपी के पद रिक्त हैं. धनबाद के तत्कालीन सीनियर एसपी केस स्टडी लीव में जाने के बाद से ही धनबाद एसएसपी का पद पिछले दो सप्ताह से खाली है. जबकि इसी तरह धनबाद रूरल एसपी का भी पद काफी दिनों से रिक्त पड़ा हुआ है. वहीं जमशेदपुर जैसे शहर में भी रूरल एसपी का पद काफी दिनों से खाली पड़ा हुआ है.

विपक्ष लगातार लगा रहा आरोप

वहीं, ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हाल में ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह कहा था कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर पैसे का खेल खेला जा रहा है. जिस पर ध्यान देने की जरूरत है. जिस तरह से कई महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की पॉटिंग नहीं हो रही है उसे देखकर हर कोई यह समझ रहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग में जमकर पहुंच और पैसे का खेल चल रहा है.

रांचीः झारखंड पुलिस में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों के पद खाली हैं. आलम यह है कि राज्य पुलिस मुख्यालय में ही पुलिस के कैडर पोस्टों पर अफसरों की तैनाती नहीं होने से विभागीय कामकाज के साथ साथ नक्सल अभियान, पुलिस आधुनिकीकरण जैसे कामकाज प्रभावित हो रहे हैं.

पहली बार बनी है ये स्थिति

झारखंड के निर्माण के बाद ऐसा पहली बार है जब पुलिस और सीआईडी मुख्यालय में शीर्ष स्तर पर पदों को रिक्त रखा गया है. कैडर पोस्ट पर रिक्ति रखकर नन कैडर पदों पर अधिकारियों की तैनाती की गई है. पुलिस मुख्यालय का सबसे अहम डीजी मुख्यालय और एडीजी मुख्यालय का पद भी मई महीनों से रिक्त है. पुलिसकर्मियों के विभागीय मामलों, प्रमोशन, ट्रांसफर-पोस्टिंग, विभागीय कार्रवाई से जुड़े मामलों में यह पद काफी अहम है. डीजी पीआरके नायडू के 31 मार्च के सेवानिवृत होने के बाद से ही यह पद खाली है.

कौन-कौन से अहम पद खाली

राज्य पुलिस मुख्यालय में डीजी और एडीजी मुख्यालय का पद खाली है. वहीं, मार्च महीनें में एडीजी आधुनिकीकरण पद से आरके मल्लिक की प्रतिनियुक्ति होने के बाद ये यह पद खाली है. पुलिस आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण का पद एक कैडर पोस्ट है. राज्य में आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण के कैडर पोस्ट को बांटकर काम लिया जा रहा. पुलिस प्रशिक्षण का प्रभार सीआईडी एडीजी अनिल पालटा के जिम्में है, जबकि आधुनिकीकरण का पद मार्च से रिक्त है. इस पद पर रिक्ति होने से पुलिस में आधुनिकीकरण और खरीद से जुड़े कई काम प्रभावित होते हैं. डेढ़ माह पूर्व एडीजी अभियान रहे मुरारीलाल मीणा को विशेष शाखा का एडीजी बनाया गया था, लेकिन एडीजी अभियान के तौर पर किसी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई. ऐसे में नक्सल अभियान की मॉनिटरिंग की मॉनिटरिंग करने वाले प्रमुख का पद भी रिक्त है. पुलिस के आईजी मुख्यालय विपुल शुक्ला भी जुलाई माह में रिटायर हो गए, उनकी रिटायरमेंट के बाद से यह पद खाली है. स्पेशल ब्रांच में भी आईजी और डीआईजी के कैडर पोस्ट हैं, जिन्हें रिक्त रखा गया है.

ये भी पढ़ें- चतरा में पुलिस ने अवैध शराब भट्ठी किया ध्वस्त, साढे़ 5 क्विंटल महुआ और सैकड़ों लीटर शराब किया नष्ट



सीआईडी मुख्यालय में आईजी नहीं

राज्य सीआईडी मुख्यालय में आईजी नहीं हैं. दिसंबर 2019 में आईजी संगठित अपराध रंजीत प्रसाद और जनवरी महीनें में आईजी सीआईडी अरूण कुमार सिंह रिटायर हो गए थे. इसके बाद से ही ये दोनों पद रिक्त हैं. राज्यभर में आपराधिक गतिविधियों की मॉनिटरिंग, अपराधियों पर इनाम, वारंट के तामिले और अपराध नियंत्रण के दिशा में आईजी संगठित अपराध का पद अहम माना जाता है. वैसे ही सीआईडी में चल रहे मामलों की समीक्षा और अनुसंधान में आईजी की भूमिका अहम है.

धनबाद जैसा शहर सिर्फ सिटी एसपी के भरोसे

वहीं, झारखंड में धनबाद जैसे शहर में सीनियर एसपी और ग्रामीण एसपी के पद रिक्त हैं. धनबाद के तत्कालीन सीनियर एसपी केस स्टडी लीव में जाने के बाद से ही धनबाद एसएसपी का पद पिछले दो सप्ताह से खाली है. जबकि इसी तरह धनबाद रूरल एसपी का भी पद काफी दिनों से रिक्त पड़ा हुआ है. वहीं जमशेदपुर जैसे शहर में भी रूरल एसपी का पद काफी दिनों से खाली पड़ा हुआ है.

विपक्ष लगातार लगा रहा आरोप

वहीं, ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हाल में ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह कहा था कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर पैसे का खेल खेला जा रहा है. जिस पर ध्यान देने की जरूरत है. जिस तरह से कई महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की पॉटिंग नहीं हो रही है उसे देखकर हर कोई यह समझ रहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग में जमकर पहुंच और पैसे का खेल चल रहा है.

Last Updated : Aug 20, 2020, 9:37 PM IST
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