रांचीः झारखंड में स्थानीय और नियोजन नीति की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन एक मंच पर आ गए हैं. जिन्होंने सड़क पर उतर कर आंदोलन करने की रणनीति बनाई है. ये लोग राज्य सरकार से नियोजन नीति बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि स्थानीय नियोजन नीति का लाभ यहां के स्थानीय लोगों को मिल सके. नियोजन नीति झारखंड के सबसे ज्वलंत मुद्दों में से एक है. इसको लेकर लगातार विभिन्न आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन आंदोलन कर रहे हैं और राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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स्थानीय और नियोजन नीति मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई कर रहे शिक्षाविद और समाजसेवी डॉ. करमा उरांव का कहना है कि राज्य के बनने 21 साल हो गए, लेकिन आज भी यहां के मूल जन भावना के अनुरूप स्थानीय नीति नहीं बनी. जिसका खामियाजा यहां के स्थानीय आदिवासियों और मूलवासी समाज को भुगतना पड़ रहा है. दूसरे राज्यों के बाहरी लोगों को सरकारी नौकरी उद्योग धंधे और व्यापार के क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और यहां के स्थानीय बेदखल हो रहे हैं. राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द ही स्थानीय और की मूल भावना के अनुरूप स्थानीय और नियोजन नीति बनाई जाए ताकि यहां के लोगों को रोजगार में अवसर मिल सके.