रांची: कोरोना महामारी से लड़ने को लेकर भारत ने अपने हर वह महत्वपूर्ण विभाग को लगाया है जो इस वक्त भारत के लिए हथियार-ढाल बनकर इस वैश्विक दुश्मन से एक योद्धा की तरह लड़ रहे हैं. रेल मंत्रालय ने सभी रेल मंडलों को विशेष निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर से सतर्क रहें और इस महामारी से निपटने के लिए हर प्रयास करें.
रेल मंत्रालय के गाइडलाइन के तहत यह कहा गया है कि तमाम रेल मंडल अपने रेलवे अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड के अलावे ट्रेनों के पुराने डिब्बों को भी आइसोलेशन वार्ड के रूप में जल्द से जल्द तैयार करें. जिससे मरीजों की संख्या बढ़ने से विभिन्न क्षेत्रों में रेलवे कनेक्टिविटी के माध्यम से उन चलते-फिरते अस्पताल और आइसोलेशन वार्ड को जरूरतमंद जगहो पर पहुंचाया जा सके.
रांची रेल मंडल लक्ष्य से काफी पीछे
रांची मंडल भी एक लक्ष्य के तहत 540 बेड वाला आइसोलेशन ट्रेन बना रहा है. इस ट्रेन में 60 कोच हैं जिसमें 500 से अधिक बेड है. नर्सिंग स्टॉप और चिकित्सक के लिए अलग केविन की व्यवस्था की जा रही है. रेल मंत्रालय ने जल्द से जल्द आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा था. इस दिशा में रांची रेल मंडल काफी धीमी गति से काम कर रहा है.
अब तक 10 कोच भी पूरी तरह तैयार नहीं
ट्रेन की खिड़कियों में मच्छरदानी लगाने के अलावे पंखे, टॉयलेट और समुचित पानी की व्यवस्था भी किया जा रहा है. मामले को लेकर हमारी टीम ने आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया तो पाया कि अभी भी कई काम बचे हुए हैं. जबकि झारखंड में भी कोरोना महामारी पैर पसार चुकी है. रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में लगातार कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं.
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मरीजों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में आधुनिक उपकरणों से लैस आइसोलेशन वार्ड की ज्यादा से ज्यादा जरूरत पड़ेगी और उस दौरान इन आइसोलेशन वार्ड का उपयोग किया जाएगा.
रेलवे से राज्य सरकार लेगी सहायता
फिलहाल रांची रेल मंडल की योजना है कि कुछ ट्रेनों को बोकारो-मुरी-रांची-हटिया के अलावे मांग के अनुसार तैनात किया जाएगा. इस काम में तेजी लाने की जरूरत है और जल्द से जल्द आइसोलेशन ट्रेन को तैयार करने की भी आवश्यकता है, ताकि विपरीत परिस्थिति में रांची रेल मंडल का सहयोग सरकार ले सके.