रांची: झारखंड में पंचायत चुनाव के दौरान किये गये प्रखंड विकास पदाधिकारियों के तबादले पर राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार चुनाव आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन कर रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरे प्रदेश में शुरू हो चुकी है और आचार संहिता लागू है. ऐसे में पंचायत चुनाव से प्रत्यक्ष रुप से जुड़े पदाधिकारियों का बड़े पैमाने पर ट्रांसफर यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार की मंशा साफ नही है.
दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, राज्य में आचार संहिता लागू है ऐसे में अगर झारखंड सरकार प्रखंड विकास पदाधिकारियों का तबादला करती है तो ये खुल्लमखुल्ला अचार संहिता का उल्लंघन है. बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी ही पंचायत चुनाव में निर्वाची पदाधिकारी होते हैं. इसके बाबजूद झारखं सरकार ने 32 प्रखंड विकास पदाधिकारियों के पदस्थापन से सबंधित अधिसूचना जारी की है.
बीजेपी सांसद ने कहा कि यह काम सरकार पहले भी कर सकती थी. राज्य सरकार बार बार पंचायत चुनाव कराने की बात कर रही थी. सरकार को पता भी था कि आचार संहिता लागू है फिर घोषणा के पूर्व पदाधिकारियों का पदस्थापन क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बताना चाहिए कि आखिर अभी कौन सी विशेष परिस्थिति उत्पन्न हो गई जिसके कारण आचार संहिता में पदस्थापन करना पड़ा.
दीपक प्रकाश ने राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता और बीजेपी को संवैधानिक संस्था पर पूरी आस्था और भरोसा है लेकिन ऐसे निर्णयों पर जनता को भरोसे में लेना भी बड़ी जिम्मेदारी है. आदर्श आचार संहिता में राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर पंचायत चुनाव से प्रत्यक्ष जुड़े पदाधिकारियों का पदस्थापन करना जनता के मन मे संदेह उत्पन्न करता है.