रांची: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी की सजा के मामले पर कोर्ट 24 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी. उससे पहले झारखंड के बहुचर्चित बड़कागांव गोलीकांड मामले में 22 मार्च को दोषी करार दिया गया था. जज विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है. इससे पहले की 8 मार्च को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
बरकागांव गोलीकांड मामला में जहां पूर्व मंत्री योगेंद्र साव उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी दोषी करार को दोषी करार दिया गया है. वहीं, उनके पुत्र अंकित राज साक्षी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. इस मामले में योगेंद्र साव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित हुए थे जबकि निर्मला देवी और अंकित राज शसरीर कोर्ट में मौजूद थे. 8 मार्च को दोनों पक्षों के अंतिम दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था.
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क्या है मामला: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर साल 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ कफन सत्याग्रह किया था. उस दौरान प्रशासन से आंदोलनकारियों की झड़प हुई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में प्रशासन ने 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराये थे. जिसमें से 11 मामलों में योगेंद्र साव बरी हो चुके हैं.
2015 बड़कागांव में कफन सत्याग्रह आंदोलन चल रहा था. पुलिस प्रशासन लगातार उसे खत्म कराने की कोशिश कर रही थी. इसके लिए कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन प्रशासन को सफलता नहीं मिली. आंदोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनों को रोक दिया. जिसके बाद बड़कागांव इलाके की विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पर गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया. इसी बीच गांव वाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया. बाद में पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी. जिसमे कई गांव वालों की मौत भी हुई.