रांची: इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता कोरोना संक्रमण की वजह से पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ गई है. ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या फिर किसी के खाते में पैसे भेजने हो इन सबके के लिए आम और खास सभी इंटरनेट बैंकिंग या फिर ऑनलाइन पेमेंट का सहारा लेते हैं, लेकिन साइबर ठगों का जाल भी इंटरनेट पर फैला हुआ है जिसके चंगुल में फंसकर अक्सर लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं.
कहां कर सकते हैं साइबर ठगी की शिकायत
अक्सर देखा गया है कि आम लोग अपनी गलती से ही साइबर अपरधियों के जाल में फंसते हैं वे खुद ही अपने डेबिट कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी, ओटीपी किसी को बता देते हैं और धोखाधड़ी के जाल में आसानी से फंस जाते हैं. इसलिए इन मामलों में हमेशा सावधान रहना चाहिए. अगर इसके बाद भी आप साइबर ठगी के शिकार होते हैं तो सबसे पहले अपने स्थानीय थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाएं. सिटी एसपी सौरभ के अनुसार स्थानीय थाना साइबर थाना और ऑनलाइन एफआईआर के अलावा डायल 100 पर भी सायबर ठगी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वहीं, साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं उस पर भी आप संपर्क कर सकते हैं.
क्या है हेल्पलाइन नंबर और ईमेल एड्रेस
साइबर अपराधियों के खिलाफ कंप्लेंट के लिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के द्वारा cyberps.@jhpolice.gov.in पर जानकारी दे सकते हैं इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 9771432133 पर भी आप साइबर ठगों की जानकारी पुलिस को दे सकते हैं. इसके अलावा झारखंड पुलिस की वेबसाइट www.jhpolice.gov.in पर जाकर आप सीधे तौर पर कंप्लेंट दर्ज करवा सकते हैं. अगर थाना स्तर पर आपकी शिकायत नहीं सुनी जा रही है तब आप सीधे साइबर थाने जाकर या फिर रांची के एसएसपी को 9431706136 या रांची के सिटी एसपी के नंबर 943170 6137 पर अपनी शिकायत कर सकते हैं.
रिपोर्टिंग कम होना बड़ी चिंता
सिटी एसपी सौरभ के अनुसार साइबर अपराध की रिपोर्टिंग कम होना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है. अगर साइबर मामलों की त्वरित कार्रवाई करवानी है तो उसके लिए उसकी रिपोर्टिंग भी बेहद जरूरी है. इसलिए वे लोगों से आग्रह भी करते हैं कि वह किसी भी फॉर्मेट में जाकर अपना कंप्लेन जरूर दर्ज करवाएं.
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बड़े मामलों में सीधे जाएं साइबर थाना
सिटी एसपी के अनुसार अगर छोटी ठगी है तो आप स्थानीय थाने में जाकर मामला दर्ज करवाएं, लेकिन अगर बड़ी ठगी है तो आप सीधे साइबर थाना पहुंचे. साइबर थाना सीआईडी के अधीन काम करता है और सीआईडी के पास तमाम टेक्निकल चीजें उपलब्ध हैं जो साइबर अपराधियों के खिलाफ जांच में जरूरी होती हैं. हालांकि, सिटी एसपी यह भी कहते हैं कि अगर ठगी होती है को आप मामला कहीं भी जरूर दर्ज करवाएं यह सबसे ज्यादा जरूरी है. बड़े मामले थाने में दर्ज होने के बाद जांच के लिए साइबर थाना ही पहुंचते हैं, इसलिए जरूरी यह है कि मामला दर्ज होना चाहिए.
ठगी होने पर बैंक को जानकारी जरूर दें
रांची के साइबर एक्सपर्ट राहुल के अनुसार जैसे ही साइबर क्राइम का पता चले, उसे सीमित करने के कदम उठाएं. आपके क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग खाते से पैसे निकाल लिए जाने पर पहली फिक्र यह करनी चाहिए कि उससे और पैसे न निकल जाएं. तुरंत बैंक से संपर्क करना और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवाना जरूरी है. अगर ईमेल या सोशल नेटवर्किंग अकाउंट हैक होता है, तो रिलेटेड वेबसाइट पर जाकर रिकवरी प्रक्रिया शुरू करनी होगी. लॉग-इन स्क्रीन पर जाकर देखें कि क्या कहीं पासवर्ड भूलने या अकाउंट रिकवर करने का लिंक दिखाई देता है? अगर वेबसाइट हैक की गई है, तो पहले अपने जरूरी डेटा को सहेजने में जुटें, ताकि और नुकसान होने से बचें. अपराध कब हुआ, उसकी तारीख और वक्त जरूर नोट कर लें.
कोर्ट में भी दर्ज हो सकता है मामला
साइबर एक्सपर्ट राहुल के अनुसार स्थानीय थाना मामला दर्ज करें यह लोगों का आम अधिकार है इसके बावजूद अगर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो आप कोर्ट जा कर 156 /3 CRPC के तहत मामला दर्ज करवा सकते हैं.