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International Day of Disabled Persons: स्टेज पर 'स्पेशल हुनर' का जलवा, कहा- हम दिव्यांगों को लोगों का प्यार मिलना चाहिए

विश्व विकलांग दिवस, 3 दिसंबर को हर साल पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इसके पीछे उद्देश्य है कि निशक्तजनों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया हो. राजधानी रांची में इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

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विश्व विकलांग दिवस
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Published : Dec 3, 2021, 6:03 PM IST

रांचीः 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया जाता है. इस दिन निशक्त व्यक्तियों को बराबरी के मौके देने और उनके अधिकारों को साकार रूप प्रदान कराने के लिए उन्हें जागरूक किया जाता है. दिव्यांग व्यक्तियों के मानवाधिकारों स्थाई विकास और शांति के साथ सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि ऐसे लोगों को सहायता प्रदान कराया जाए.

इसे भी पढ़ें- दिव्यांगों के उत्थान के लिए जरूरी है निरंतर प्रयास: विश्व विकलांग दिवस

World Disabilities Day, 3 दिसंबर निशक्तों के लिए सबसे खास दिन होता है. इसी को लेकर सार्थक नामक संस्था की ओर से दिव्यांग जनों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें रैंप वॉक, सिंगिंग और डांसिंग प्रतियोगिता करायी गई. सभी प्रतिभागियों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उन्होंने अपने टैलेंट का परिचय किया. किसी ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा तो किसी ने जबरदस्त डांस कर कार्यक्रम में बैठे लोगों का मनोरंजन किया.

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रैंप पर स्पेशल वॉक

कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची जमशेदपुर की रहने वाली दिव्यांग कुंती कुमारी बताती हैं कि इस तरह के कार्यक्रम से हम दिव्यांगों का मनोबल ऊंचा होता है. इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया कि आज भी हमारे देश में दिव्यांगों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर समझा जाता है. अभी-भी लोगों को यह बताने की आवश्यकता है कि दिव्यांग समाज में हर वह काम कर सकते हैं जो एक आम व्यक्ति कर सकता है, बस उन्हें थोड़े सहायता की आवश्यकता है. दिव्यांग भी मानसिक रूप से काफी मजबूत होते हैं, हम दिव्यांगों को लोगों का प्यार मिलना चाहिए.

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नृत्य का प्रदर्शन करती दिव्यांग लड़की
दिव्यांग सम्मी कुमारी ने बताया कि अगर सरकारी स्तर पर दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं को सही तरीके से धरातल पर उतारा जाए. जिससे भी दिव्यांग जनों को काफी मदद मिलेगी. लेकिन आज भी झारखंड जैसे राज्यों में दिव्यांग से जुड़ी योजनाए सही लोगों तक नहीं पहुंच पाते. कार्यक्रम को संचालित कर रही सार्थक एनजीओ की संचालक श्रेया तिवारी बताती हैं कि दिव्यांग भगवान की देन है अगर किसी भी व्यक्ति का शरीर टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है तो वैसे स्थिति में हमें उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए. इसीलिए सार्थक संस्था की तरफ से इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है जो समय-समय पर दिव्यांग जनों के टैलेंट को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर लाने का काम करता है.

इसे भी पढ़ें- World Disabilities Day 2021: साहिबगंज में दिव्यांग बने प्रेरणास्रोत, आत्मनिर्भर होकर चला रहे हैं परिवार


झारखंड में दिव्यांगों के स्थिति की बात करें तो अभी भी झारखंड में दिव्यांग जनों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है. ईटीवी भारत की टीम ने जब जानने की कोशिश की तो हमने देखा कि पिछले 8 से 9 महीने से राज्य निशक्तता आयुक्त कार्यालय में आयुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है. जिस वजह से दिव्यांग जनों से जुड़े कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

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स्पेशल आवाज का जादू
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साज बजाते स्पेशल बच्चे

रांचीः 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया जाता है. इस दिन निशक्त व्यक्तियों को बराबरी के मौके देने और उनके अधिकारों को साकार रूप प्रदान कराने के लिए उन्हें जागरूक किया जाता है. दिव्यांग व्यक्तियों के मानवाधिकारों स्थाई विकास और शांति के साथ सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि ऐसे लोगों को सहायता प्रदान कराया जाए.

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World Disabilities Day, 3 दिसंबर निशक्तों के लिए सबसे खास दिन होता है. इसी को लेकर सार्थक नामक संस्था की ओर से दिव्यांग जनों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें रैंप वॉक, सिंगिंग और डांसिंग प्रतियोगिता करायी गई. सभी प्रतिभागियों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उन्होंने अपने टैलेंट का परिचय किया. किसी ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा तो किसी ने जबरदस्त डांस कर कार्यक्रम में बैठे लोगों का मनोरंजन किया.

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रैंप पर स्पेशल वॉक

कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची जमशेदपुर की रहने वाली दिव्यांग कुंती कुमारी बताती हैं कि इस तरह के कार्यक्रम से हम दिव्यांगों का मनोबल ऊंचा होता है. इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया कि आज भी हमारे देश में दिव्यांगों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर समझा जाता है. अभी-भी लोगों को यह बताने की आवश्यकता है कि दिव्यांग समाज में हर वह काम कर सकते हैं जो एक आम व्यक्ति कर सकता है, बस उन्हें थोड़े सहायता की आवश्यकता है. दिव्यांग भी मानसिक रूप से काफी मजबूत होते हैं, हम दिव्यांगों को लोगों का प्यार मिलना चाहिए.

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नृत्य का प्रदर्शन करती दिव्यांग लड़की
दिव्यांग सम्मी कुमारी ने बताया कि अगर सरकारी स्तर पर दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं को सही तरीके से धरातल पर उतारा जाए. जिससे भी दिव्यांग जनों को काफी मदद मिलेगी. लेकिन आज भी झारखंड जैसे राज्यों में दिव्यांग से जुड़ी योजनाए सही लोगों तक नहीं पहुंच पाते. कार्यक्रम को संचालित कर रही सार्थक एनजीओ की संचालक श्रेया तिवारी बताती हैं कि दिव्यांग भगवान की देन है अगर किसी भी व्यक्ति का शरीर टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है तो वैसे स्थिति में हमें उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए. इसीलिए सार्थक संस्था की तरफ से इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है जो समय-समय पर दिव्यांग जनों के टैलेंट को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर लाने का काम करता है.

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झारखंड में दिव्यांगों के स्थिति की बात करें तो अभी भी झारखंड में दिव्यांग जनों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है. ईटीवी भारत की टीम ने जब जानने की कोशिश की तो हमने देखा कि पिछले 8 से 9 महीने से राज्य निशक्तता आयुक्त कार्यालय में आयुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है. जिस वजह से दिव्यांग जनों से जुड़े कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

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स्पेशल आवाज का जादू
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साज बजाते स्पेशल बच्चे
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