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मंगल होनहागा हत्याकांड: CRPF अधिकारी पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार, एक्शन में CID

मंगल होनहागा हत्याकांड में सीआरपीएफ के अधिकारी को गिरफ्तार किया जाएगा. सीआईडी ने सीआरपीएफ अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए चाईबासा कोर्ट में वारंट के लिए आवेदन दिया है.

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सीआईडी रांची
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Published : Aug 22, 2020, 7:36 PM IST

रांची: नक्सल ऑपरेशन के दौरान बेगुनाह ग्रामीण को मारने वाले सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. सीआईडी ने अपनी जांच में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या के मामले में सीआरपीएफ अधिकारी को दोषी पाया है. इसके बाद सीआईडी ने सीआरपीएफ अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए चाईबासा कोर्ट में वारंट के लिए आवेदन दिया है.

2011 का है मामला
साल 2011 में झारखंड में सुरक्षाबलों पर मंगल होनहागा की हत्या का आरोप लगा था. लेकिन कई सालों से केस सीआईडी के ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, अब इस मामले में सीआईडी रेस है. सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने इस मामले में हत्याकांड के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए सीआईडी डीएसपी मो नेहाल के नेतृत्व में टीम गठित की है. मंगल होनहागा की हत्या का मामला काफी विवादित रहा था. तब तात्कालीन जोनल आईजी रेजी डुंगडुंग ने मामले में सीआरपीएफ और पुलिस की भूमिका गलत पायी थी. इसके बाद सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे.

ये भी पढ़ें- सीएम ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कुड़ुख और मुंडारी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग



बीमारी की बात कह पूछताछ में नहीं आए शंभू कुमार विश्वास
मामले की जांच के दौरान सीआईडी ने पूछताछ के लिए शंभू कुमार विश्वास को नोटिस भेजा था. लेकिन वह नोटिस मिलने के बाद सीआईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. वहीं, बयान में दूसरे सीआरपीएफ कर्मियों ने इस बात की पुष्टि की है कि असिस्टेंट कमांडेंट के हथियार से चली गोली से ही मंगल होनहागा की मौत हुई थी. सीआईडी अधिकारियों के मुताबिक, वारंट मिलने के बाद इस मामले में सीआरपीएफ मुख्यालय को भी मामले की पूरी जानकारी दी जाएगी.

क्या है मामला
चाईबासा के घोर नक्सल प्रभाव वाले सारंडा के बलिबा गांव में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या कर दी गइ थी. हत्याकांड के बाद ग्रामीणों ने सीआरपीएफ पर हत्या का आरोप लगाया था, जबकि हत्याकांड के बाद 30 जून 2011 को सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास ने छोटानागरा थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी. एफआईआर में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप 100 अज्ञात माओवादियों पर लगाया गया था.

ये भी पढ़ें- होम क्वॉरेंटाइन का उल्लंघन करने पर 7 लोगों पर FIR, लगातार हो रही जांच


परिजनों ने क्या कहा था
मंगल होनहागा की पत्नी मंगरी होनहागा ने पूर्व में दिए बयान में बताया था कि 28 जून 2011 को उसके पति खेत से काम कर लौटे थे. इसी दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के जवान बलिबा गांव आए. ग्रामीणों में 20-22 लोगों के हाथ पीछे बांध दिए गए थे. पूरी रात खुले आसमान के नीचे सभी को रखा गया. 29 जून को सुरक्षाबल के लोग सभी को पैदल जंगल के रास्ते ले गए. एक जुलाई को बाहदा जंगल में मंगल होनहाना को गोली मार दी गई, जिससे मंगल की मौत हो गई.

रांची: नक्सल ऑपरेशन के दौरान बेगुनाह ग्रामीण को मारने वाले सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. सीआईडी ने अपनी जांच में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या के मामले में सीआरपीएफ अधिकारी को दोषी पाया है. इसके बाद सीआईडी ने सीआरपीएफ अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए चाईबासा कोर्ट में वारंट के लिए आवेदन दिया है.

2011 का है मामला
साल 2011 में झारखंड में सुरक्षाबलों पर मंगल होनहागा की हत्या का आरोप लगा था. लेकिन कई सालों से केस सीआईडी के ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, अब इस मामले में सीआईडी रेस है. सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने इस मामले में हत्याकांड के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए सीआईडी डीएसपी मो नेहाल के नेतृत्व में टीम गठित की है. मंगल होनहागा की हत्या का मामला काफी विवादित रहा था. तब तात्कालीन जोनल आईजी रेजी डुंगडुंग ने मामले में सीआरपीएफ और पुलिस की भूमिका गलत पायी थी. इसके बाद सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे.

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बीमारी की बात कह पूछताछ में नहीं आए शंभू कुमार विश्वास
मामले की जांच के दौरान सीआईडी ने पूछताछ के लिए शंभू कुमार विश्वास को नोटिस भेजा था. लेकिन वह नोटिस मिलने के बाद सीआईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. वहीं, बयान में दूसरे सीआरपीएफ कर्मियों ने इस बात की पुष्टि की है कि असिस्टेंट कमांडेंट के हथियार से चली गोली से ही मंगल होनहागा की मौत हुई थी. सीआईडी अधिकारियों के मुताबिक, वारंट मिलने के बाद इस मामले में सीआरपीएफ मुख्यालय को भी मामले की पूरी जानकारी दी जाएगी.

क्या है मामला
चाईबासा के घोर नक्सल प्रभाव वाले सारंडा के बलिबा गांव में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या कर दी गइ थी. हत्याकांड के बाद ग्रामीणों ने सीआरपीएफ पर हत्या का आरोप लगाया था, जबकि हत्याकांड के बाद 30 जून 2011 को सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास ने छोटानागरा थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी. एफआईआर में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप 100 अज्ञात माओवादियों पर लगाया गया था.

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परिजनों ने क्या कहा था
मंगल होनहागा की पत्नी मंगरी होनहागा ने पूर्व में दिए बयान में बताया था कि 28 जून 2011 को उसके पति खेत से काम कर लौटे थे. इसी दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के जवान बलिबा गांव आए. ग्रामीणों में 20-22 लोगों के हाथ पीछे बांध दिए गए थे. पूरी रात खुले आसमान के नीचे सभी को रखा गया. 29 जून को सुरक्षाबल के लोग सभी को पैदल जंगल के रास्ते ले गए. एक जुलाई को बाहदा जंगल में मंगल होनहाना को गोली मार दी गई, जिससे मंगल की मौत हो गई.

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