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सांस लेने में हो परेशानी तो प्रोनिंग के जरिए बढ़ाएं ऑक्सीजन लेवल - प्रोनिंग क्या है

कोविड19 मरीजों के लिए इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू नुस्खे सुझाए हैं. यदि किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी आ रही हो या फिर उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो, तो प्रोनिंग के जरिए उसे राहत मिल सकती है. प्रोनिंग क्या है, ये जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें.

Proning for Self care
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Published : Apr 23, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Apr 23, 2021, 7:35 PM IST

हैदराबादः एक तरफ कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. कोविड19 मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन मिलना भी मुश्किल हो रहा है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों को जान तक गंवानी पड़ रही है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोनिंग का घरेलू नुस्खा बताया है. प्रोनिंग के जरिए मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल बढ़ा सकते हैं.

Proning for Self care
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

ये भी पढ़ें-देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं, ट्रांस्पोटिंग की है दिक्कत: जयंत सिन्हा

प्रोनिंग क्या है

स्वास्थ्य मंत्रालय की ट्वीट के अनुसार प्रोनिंग मरीज को पीठ से पेट के बल सटीक और सुरक्षित गति के साथ मोड़ने की प्रक्रिया है. सांस लेने में आराम और बेहतर ऑक्सीजनेशन के लिए प्रोनिंग की मेडिकल स्वीकार्यता है. होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड 19 मरीजों के लिए ये बेहद फायदेमंद है.

Proning for Self care
प्रोनिंग के बारे में जानिए

प्रोनिंग से क्या फायदा

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रोन पोजिशनिंग से वेंटिलेशन में सुधार होता है, एल्वोलर इकाइयां खुली रहती हैं और सांस लेना आसान होता है. जब मरीज को सांस लेने में कठिनाई महसूस हो और SpO2 घटकर 94 से कम हो जाए, तभी प्रोनिंग की आवश्यकता होती है. होम आइसोलेशन के दौरान तापमान, रक्तचाप और शुगर जैसे अन्य संकेतों के साथ, SpO2 की नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है. समय पर प्रोनिंग और अच्छे वेंटिलेशन को बनाए रखने से कई लोगों की जान बच सकती है.

ये भी पढ़ें-हजारीबाग के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादन शुरू, अब नहीं होगी समस्या

Proning for Self care
प्रोनिंग करने का तरीका

प्रोनिंग कैसे करें

प्रोनिंग के लिए आपको 4-5 तकियों की आवश्यकता होगी. गर्दन के नीचे एक तकिया रखें. ऊपरी जांघों से छाती के नीचे बीच में एक तकिया रखें. इसके अलावा पिंडली के नीचे दो तकिए रखें. प्रोनिंग की स्थिति में लगातार बदलाव करें. एक स्थिति में 30 मिनट से अधिक समय नहीं बिताना चाहिए. अगर किसी को कोई हार्ट प्रॉब्लम है, महिलाएं यदि गर्भवती हैं, अगर रीढ़ या पेल्विक की कोई परेशानी है, तो प्रोनिंग नहीं करना चाहिए.

ये भी पढ़ें-झारखंड के ऑक्सीजन से बचेगी यूपी के कोरोना मरीजों की जान, लखनऊ के लिए रवाना हुई ट्रेन

प्रोनिंग के दौरान सावधानी

खाना खाने के बाद एक घंटे तक प्रोनिंग करने से बचें. जितनी देर तक आसानी से रह सकें, उतनी देर के लिए ही प्रोनिंग करें. आरामदायक महसूस होने पर, एक दिन में कई बार में 16 घंटे तक प्रोनिंग कर सकते हैं. तकिए को दबाव क्षेत्रों को बदलने और आराम के लिए थोड़ा एडजस्ट किया जा सकता है.स्वास्थ्य मंत्रालय के ये घरेलू नुस्के किसी मरीज की जान बचाने में सहायक हो सकते हैं.

हैदराबादः एक तरफ कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. कोविड19 मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन मिलना भी मुश्किल हो रहा है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों को जान तक गंवानी पड़ रही है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोनिंग का घरेलू नुस्खा बताया है. प्रोनिंग के जरिए मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल बढ़ा सकते हैं.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

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प्रोनिंग क्या है

स्वास्थ्य मंत्रालय की ट्वीट के अनुसार प्रोनिंग मरीज को पीठ से पेट के बल सटीक और सुरक्षित गति के साथ मोड़ने की प्रक्रिया है. सांस लेने में आराम और बेहतर ऑक्सीजनेशन के लिए प्रोनिंग की मेडिकल स्वीकार्यता है. होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड 19 मरीजों के लिए ये बेहद फायदेमंद है.

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प्रोनिंग के बारे में जानिए

प्रोनिंग से क्या फायदा

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रोन पोजिशनिंग से वेंटिलेशन में सुधार होता है, एल्वोलर इकाइयां खुली रहती हैं और सांस लेना आसान होता है. जब मरीज को सांस लेने में कठिनाई महसूस हो और SpO2 घटकर 94 से कम हो जाए, तभी प्रोनिंग की आवश्यकता होती है. होम आइसोलेशन के दौरान तापमान, रक्तचाप और शुगर जैसे अन्य संकेतों के साथ, SpO2 की नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है. समय पर प्रोनिंग और अच्छे वेंटिलेशन को बनाए रखने से कई लोगों की जान बच सकती है.

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प्रोनिंग करने का तरीका

प्रोनिंग कैसे करें

प्रोनिंग के लिए आपको 4-5 तकियों की आवश्यकता होगी. गर्दन के नीचे एक तकिया रखें. ऊपरी जांघों से छाती के नीचे बीच में एक तकिया रखें. इसके अलावा पिंडली के नीचे दो तकिए रखें. प्रोनिंग की स्थिति में लगातार बदलाव करें. एक स्थिति में 30 मिनट से अधिक समय नहीं बिताना चाहिए. अगर किसी को कोई हार्ट प्रॉब्लम है, महिलाएं यदि गर्भवती हैं, अगर रीढ़ या पेल्विक की कोई परेशानी है, तो प्रोनिंग नहीं करना चाहिए.

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प्रोनिंग के दौरान सावधानी

खाना खाने के बाद एक घंटे तक प्रोनिंग करने से बचें. जितनी देर तक आसानी से रह सकें, उतनी देर के लिए ही प्रोनिंग करें. आरामदायक महसूस होने पर, एक दिन में कई बार में 16 घंटे तक प्रोनिंग कर सकते हैं. तकिए को दबाव क्षेत्रों को बदलने और आराम के लिए थोड़ा एडजस्ट किया जा सकता है.स्वास्थ्य मंत्रालय के ये घरेलू नुस्के किसी मरीज की जान बचाने में सहायक हो सकते हैं.

Last Updated : Apr 23, 2021, 7:35 PM IST
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