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झारखंड में तय डेडलाइन पर पूरा नहीं हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का लक्ष्य, जानिए क्या है वजह - रांची की खबर

झारखंड में कोरोना वैक्सीनेशन सीएम के डेडलाइन के मुताबिक पूरा होता नहीं दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 15 जनवरी तक वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर झारखंड में सियासत तेज हो गई है.

corona vaccination in jharkhand
झारखंड में कोरोना वैक्सीनेशन
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Published : Jan 15, 2022, 10:39 PM IST

Updated : Jan 15, 2022, 11:00 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार से राज्य सरकार चिंतिंत है. कोरोना की गति थोड़ी कम हो इसके लिए राज्य में जारी पाबंदियों को 31 जनवरी तक बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को मजबूर होना पड़ा है. लेकिन राज्य सरकार की ये चिंता कम हो सकती थी अगर स्वास्थ्य महकमा सीएम के 20 जनवरी तक पूर्ण वैक्सीनेशन के लक्ष्य को गंभीरता से लेता. सरकार का संकल्प पूरा नहीं हो सका वह भी तब जब राज्य में वैक्सीन की कोई किल्लत नहीं है.

ये भी पढे़ं- सावधान! राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रफ्तार से झारखंड में फैल रहा कोरोना, कुल 2904 एक्टिव केस

पूर्ण वैक्सीनेशन से कोसों दूर है झारखंड

दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले साल यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि 20 जनवरी 2022 तक राज्य को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर दिया जाए. जिसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने 5 दिन पहले ही पूर्ण वैक्सीनेट का दावा किया था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. आज की तारीख में भी राज्य की 19 फीसदी 18 प्लस लोगों को पहला डोज और 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने दूसरा डोज नहीं लिया है. अगर मुख्यमंत्री द्वारा दिये 20 जनवरी को भी माना जाए तो किसी भी स्थिति में लक्ष्य पूरा होने वाला नहीं है.

देखें वीडियो

दूसरे डोज को लेकर भी स्थिति ठीक नहीं

राज्य में अभी भी 18 प्लस उम्र समूह वाले 2 करोड़ 41 लाख 54 हजार 390 लोगों में 45 लाख 85 हजार 338 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लगा है. इसी तरह दूसरे डोज के मामले में राज्य की स्थिति और खराब है. राज्य में अभी भी 01 करोड़ 20 लाख से अधिक की संख्या वैसे लोगों की है जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने 15 जनवरी 2022 तक 18 प्लस उम्र समूह वाले सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज दे देने का लक्ष्य निर्धारित किया था और इसके लिए सभी जिले के डीसी को कई निर्देश जारी किए थे टीकाकरण का महा अभियान चलाने की बात की गई थी पर ऐसा हुआ नहीं. अब मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ अपनी नाकामी का सारा ठीकरा वैक्सीनेशन को लेकर जनता की उदासीनता पर फोड़ते हैं.

ये भी पढे़ं- झारखंड में मिनी लॉकडाउन: 31 जनवरी तक के लिए बढ़ी पाबंदियां, बंद रहेंगे स्कूल कॉलेज

वैक्सीनेशन पर सियासत
झारखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अपने ही डेडलाइन में फेल होने पर राज्य में राजनीति तेज हो गयी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने इसे हेमंत सरकार की विफलता बताया है तो झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने इसे शुरुआती दिनों में झारखंड के साथ भेदभाव और वैक्सीन जरूरत के अनुसार नहीं देने का नतीजा बताया है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य ने भाजपा शासित राज्यों में टीकाकरण की रफ्तार का आईना दिखाते हुए उम्मीद जताई कि झारखंड 18 प्लस उम्र वाले लोगों के पूर्ण टीकाकरण करने वाला राज्य बन जायेगा.
कई जिलों में कम वैक्सीनेशन
राज्य में 09 ऐसे जिले हैं जहां वैक्सीन का पहला डोज कम लगा है, चतरा, देवघर,धनबाद, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, लोहरदगा, पाकुड़,सरायकेला और सिमडेगा ऐसे जिले हैं जहां 80% से भी कम लोगों को पहला डोज लगा है ,जबकि पूर्वी सिंहभूम 94% पहला डोज के साथ सबसे आगे है.

रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार से राज्य सरकार चिंतिंत है. कोरोना की गति थोड़ी कम हो इसके लिए राज्य में जारी पाबंदियों को 31 जनवरी तक बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को मजबूर होना पड़ा है. लेकिन राज्य सरकार की ये चिंता कम हो सकती थी अगर स्वास्थ्य महकमा सीएम के 20 जनवरी तक पूर्ण वैक्सीनेशन के लक्ष्य को गंभीरता से लेता. सरकार का संकल्प पूरा नहीं हो सका वह भी तब जब राज्य में वैक्सीन की कोई किल्लत नहीं है.

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पूर्ण वैक्सीनेशन से कोसों दूर है झारखंड

दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले साल यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि 20 जनवरी 2022 तक राज्य को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर दिया जाए. जिसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने 5 दिन पहले ही पूर्ण वैक्सीनेट का दावा किया था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. आज की तारीख में भी राज्य की 19 फीसदी 18 प्लस लोगों को पहला डोज और 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने दूसरा डोज नहीं लिया है. अगर मुख्यमंत्री द्वारा दिये 20 जनवरी को भी माना जाए तो किसी भी स्थिति में लक्ष्य पूरा होने वाला नहीं है.

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दूसरे डोज को लेकर भी स्थिति ठीक नहीं

राज्य में अभी भी 18 प्लस उम्र समूह वाले 2 करोड़ 41 लाख 54 हजार 390 लोगों में 45 लाख 85 हजार 338 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लगा है. इसी तरह दूसरे डोज के मामले में राज्य की स्थिति और खराब है. राज्य में अभी भी 01 करोड़ 20 लाख से अधिक की संख्या वैसे लोगों की है जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने 15 जनवरी 2022 तक 18 प्लस उम्र समूह वाले सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज दे देने का लक्ष्य निर्धारित किया था और इसके लिए सभी जिले के डीसी को कई निर्देश जारी किए थे टीकाकरण का महा अभियान चलाने की बात की गई थी पर ऐसा हुआ नहीं. अब मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ अपनी नाकामी का सारा ठीकरा वैक्सीनेशन को लेकर जनता की उदासीनता पर फोड़ते हैं.

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वैक्सीनेशन पर सियासत
झारखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अपने ही डेडलाइन में फेल होने पर राज्य में राजनीति तेज हो गयी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने इसे हेमंत सरकार की विफलता बताया है तो झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने इसे शुरुआती दिनों में झारखंड के साथ भेदभाव और वैक्सीन जरूरत के अनुसार नहीं देने का नतीजा बताया है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य ने भाजपा शासित राज्यों में टीकाकरण की रफ्तार का आईना दिखाते हुए उम्मीद जताई कि झारखंड 18 प्लस उम्र वाले लोगों के पूर्ण टीकाकरण करने वाला राज्य बन जायेगा.
कई जिलों में कम वैक्सीनेशन
राज्य में 09 ऐसे जिले हैं जहां वैक्सीन का पहला डोज कम लगा है, चतरा, देवघर,धनबाद, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, लोहरदगा, पाकुड़,सरायकेला और सिमडेगा ऐसे जिले हैं जहां 80% से भी कम लोगों को पहला डोज लगा है ,जबकि पूर्वी सिंहभूम 94% पहला डोज के साथ सबसे आगे है.

Last Updated : Jan 15, 2022, 11:00 PM IST
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