रांची: अपने वरीय सहयोगी स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ज्वाला प्रसाद की बर्खास्तगी और NHM कर्मियों के साथ वरीय अधिकारियों द्वारा लगातार दुर्व्यवहार करने के विरोध में मंगलवार से राज्यभर के स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर हैं. एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) कर्मियों की हड़ताल का असर राज्य में कोरोना जांच के साथ-साथ टीकाकरण और उसकी रिपोर्टिंग पर पड़ने लगा है. इसके अलावा दूरस्थ इलाकों में चलने वाले स्वास्थ्य योजनाएं और अभियान भी प्रभावित हुईं है.
पहली बार नहीं जारी हुआ राज्य भर में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा
राज्य भर में 16 जनवरी 2021 से कोरोना टीकाकरण शुरू हुआ है तब से लगातार स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर दिन कोरोना अपडेट के साथ साथ वैक्सीनेशन अपडेट भी दिया जाता रहा है. पर NHM कर्मियों की हड़ताल के कारण मंगलवार 12 अक्टूबर के दिन हुए टीकाकरण की कोई जानकारी नहीं दी जा सकी है. स्टेट के IDSP में सेवा दे रहे डॉ प्रवीण कुमार कर्ण के अनुसार NHM कर्मियों की हड़ताल के कारण रिपोर्ट जारी नहीं की गई है.
किस किस जगह पर ज्यादा असर
NHM के तहत दो दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम राज्य में चलाया जाता है. उन सभी पर असर पड़ना शुरू हो गया है. वहीं, कोरोना सैंपल जांच में अहम भूमिका निभाने वाले लैब टेक्नीशियन और कई वैक्सीनेटर भी NHM से जुड़े हैं. ऐसे में उन जगहों पर भी असर हुआ है. स्वास्थ्य मुख्यालय में बड़ी संख्या में NHM कर्मी और स्टेट लेवल के अधिकारी हैं जिनके हड़ताल पर रहने से NHM के विभागीय कार्य रुक गया है.
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दुर्गा पूजा बाद हड़ताल को और व्यापक बनाने की तैयारी
हड़ताल पर गए NHM कर्मियों ने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल को और व्यापक बनाने की तैयारी चल रही है. दुर्गा पूजा बाद सभी सहिया बहनों और अनुबंधित नर्सों को भी जोड़ने के लिए दोनों के अलग-अलग एसोसिएशन नेताओं से बात की जा रही है.
झासा ने की जल्द हड़ताल समाप्त कराने की मांग
झासा के प्रदेश महामंत्री और सदर अस्पताल कोरोना टेस्टिंग सह वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डॉ बिमलेश सिंह ने माना कि हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है और सरकार से जल्द हड़ताल समाप्त कराने की मांग की.