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सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलनः कांग्रेस ने कहा- रघुवर सरकार की वजह से आई है यह समस्या

झारखंड में स्थायीकरण की मांग को लेकर सहायक पुलिसकर्मी आंदोलनरत हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस ने सहायक पुलिसकर्मियों की समस्या के समाधान को सरकार की प्राथमिकता बताया है. लेकिन इन सबका जिम्मेवार पूर्व की रघुवर सरकार को ठहराया है.

congress statement on protest of assistant police personnel
सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन
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Published : Sep 20, 2020, 1:19 PM IST

रांचीः सहायक पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं. झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शनिवार शाम उनसे वार्ता भी की. लेकिन उस वार्ता के बाद भी सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. संविदा पर नियुक्त सहायक पुलिसकर्मियों की कार्य अवधि 31 अगस्त को खत्म हो गई है. जिसके बाद वह स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ऐसे में सत्ता में शामिल कांग्रेस ने सहायक पुलिसकर्मियों की समस्या के समाधान को सरकार की प्राथमिकता बताई है. लेकिन इन सबका जिम्मेवार पूर्व की रघुवर सरकार को ठहराया है.

देखें पूरी खबर
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा है कि सहायक पुलिसकर्मियों ने पिछले 3 वर्षों से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा गया था. लेकिन पूर्व की रघुवर सरकार ने उनकी स्थायीकरण के लिए कोई कार्य नहीं किए. आलम यह है कि वर्तमान कोरोना काल में वह आंदोलन करने को मजबूर हुए हैं. ऐसे में वर्तमान सरकार की उनके समस्या के समाधान करना प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि पिछले 5-10 वर्षों में बीजेपी ने सारे मामलों को उलझा कर रख दिया है. मदरसा शिक्षकों की सैलरी की बात हो या मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल की, इन सब के पीछे की वजह बीजेपी की पूर्व की सरकार है.उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार धीरे-धीरे सभी उलझे हुए मामलों को रास्ते पर लाने का प्रयास कर रही है. जबकि बीजेपी सहायक पुलिस कर्मियों के माध्यम से राजनीतिक रोटी सेकने का काम कर रही हैं. लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को दूर करना अपनी जिम्मेवारी समझती है. उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन अपनी जिम्मेवारी से नहीं भाग सकती है. क्योंकि कोरोना काल में सभी को अपने परिवार का भरण पोषण करना हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस कोटे के मंत्री सहायक पुलिस कर्मियों की समस्या का समाधान कर उन्हें वापस लाने में सफल होंगे. इसके लिए प्रयास भी जारी है.

रांचीः सहायक पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं. झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शनिवार शाम उनसे वार्ता भी की. लेकिन उस वार्ता के बाद भी सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. संविदा पर नियुक्त सहायक पुलिसकर्मियों की कार्य अवधि 31 अगस्त को खत्म हो गई है. जिसके बाद वह स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ऐसे में सत्ता में शामिल कांग्रेस ने सहायक पुलिसकर्मियों की समस्या के समाधान को सरकार की प्राथमिकता बताई है. लेकिन इन सबका जिम्मेवार पूर्व की रघुवर सरकार को ठहराया है.

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा है कि सहायक पुलिसकर्मियों ने पिछले 3 वर्षों से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा गया था. लेकिन पूर्व की रघुवर सरकार ने उनकी स्थायीकरण के लिए कोई कार्य नहीं किए. आलम यह है कि वर्तमान कोरोना काल में वह आंदोलन करने को मजबूर हुए हैं. ऐसे में वर्तमान सरकार की उनके समस्या के समाधान करना प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि पिछले 5-10 वर्षों में बीजेपी ने सारे मामलों को उलझा कर रख दिया है. मदरसा शिक्षकों की सैलरी की बात हो या मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल की, इन सब के पीछे की वजह बीजेपी की पूर्व की सरकार है.उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार धीरे-धीरे सभी उलझे हुए मामलों को रास्ते पर लाने का प्रयास कर रही है. जबकि बीजेपी सहायक पुलिस कर्मियों के माध्यम से राजनीतिक रोटी सेकने का काम कर रही हैं. लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को दूर करना अपनी जिम्मेवारी समझती है. उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन अपनी जिम्मेवारी से नहीं भाग सकती है. क्योंकि कोरोना काल में सभी को अपने परिवार का भरण पोषण करना हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस कोटे के मंत्री सहायक पुलिस कर्मियों की समस्या का समाधान कर उन्हें वापस लाने में सफल होंगे. इसके लिए प्रयास भी जारी है.
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