रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी ने सोमवार को धरोहर श्रृंखला की 25वीं वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड की है. प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर जारी किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस अधिवेशन में राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अहिंसा और असहयोग का रास्ता अपनाकर आगे बढ़ने के संकल्प के साथ देश के स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व प्रदान किया. धरोहर के इस एपिसोड में अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई को विस्तार से प्रदर्शित किया गया है.
उन्होंने कहा कि 1923 तक की कांग्रेस अधिवेशनों ने जो रफ्तार आजादी के आंदोलनों को दी थी. वह आगे भी बदस्तूर जारी रहेगी. 1924 के बेलगाम अधिवेशन की अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी और इसी अधिवेशन में यह तय किया गया कि राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अहिंसा और असहयोग का रास्ता अपनाया जाएगा.
कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा कि आज जब सतही नफरत चरम पर है. जन सामान्य में हीनता की भावना भरी जा रही है तो यह समझना और भी जरूरी हो जाता है कि आजादी पाने के लिए बापू ने अहिंसा का मार्ग क्यों चुना, क्योंकि हमारे देश की प्रवृत्ति कभी भी हिंसक नहीं रही है.
झारखंड सरकार में कांग्रेस मंत्री बादल और बन्ना गुप्ता ने कहा कि देश की हिंसक प्रवृत्ति की रक्षा के लिए अपने देश की प्रवृत्ति को बदलने की इजाजत नहीं दे सकते, चाहे वह कोई भी हो. कांग्रेस के अधिवेशनों ने विभिन्न प्रस्तावों के जरिए ना केवल जनता को राह दिखाई बल्कि अंग्रेज हुकूमत को स्पष्ट संकेत दिया कि अब हिंदुस्तान अत्याचार नहीं सहेगा.
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वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दूबे, किशोर शाहदेव और राजेश गुप्ता ने कहा कि अत्याचार के खिलाफ खड़े होना हिंदुस्तान की मिट्टी का स्वभाव है और जिस भी अहंकारी सत्ता ने इस स्वभाव को दबाने की कोशिश की है, उसका पतन निश्चित है. इस देश को बांटने के लिए आज भी अंग्रेजी हुकूमत जैसे ही प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन हम सबकी जिम्मेदारी है कि कोई हमें डरा कर, हमारी भावनाओं से खेल कर हमें बांटने में सफल ना हो.