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बाबूलाल ने की घर वापसी तो जनता के साथ करेंगे विश्वासघात, बीजेपी छोड़ने पर ही बढ़ा था उनका कद: कांग्रेस

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Published : Jan 14, 2020, 8:41 PM IST

बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि दरअसल मरांडी का पॉलिटिकल ग्राफ तब बढ़ा जब वह बीजेपी छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा बना पाए. उन्होंने कहा कि जेवीएम बनने के बाद उनका राजनीतिक कद ऊंचा हुआ था. बीजेपी ने भले ही उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया, लेकिन बीजेपी छोड़ने के बाद ही राज्य में उन्हें नेता के रूप में प्रजेंट किया था.

Congress reaction to Babulal Marandi joining BJP
बाबूलाल मरांडी

रांची: झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने के राजनीतिक कयासों के बीच महागठबंधन खेमे में भी हलचल तेज हो गई है. महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी वापस बीजेपी में लौटते हैं तो यह एक तरीके से जनता के साथ विश्वासघात होगा.

देखिए पूरी खबर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि दरअसल मरांडी का पॉलिटिकल ग्राफ तब बढ़ा जब वह बीजेपी छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा बना पाए. उन्होंने कहा कि जेवीएम बनने के बाद उनका राजनीतिक कद ऊंचा हुआ था. बीजेपी ने भले ही उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया, लेकिन बीजेपी छोड़ने के बाद ही राज्य में उन्हें नेता के रूप में प्रजेंट किया था और वह उभरे थे, लेकिन अब वापस बीजेपी में घर वापसी करते हैं तो यह निर्णय लेने के लिए वह स्वतंत्र हैं.

जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव में 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली. इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि राज्य की जनता ने उन्हें जो सहयोग और समर्थन दिया था. वह वर्तमान राज्य सरकार और बीजेपी के खिलाफ दिया था. अगर ऐसे समय में वह बीजेपी में जाते हैं तो मतदाताओं ने उन पर जो विश्वास किया है उनके साथ विश्वासघात होगा.

ये भी पढे़ं: प्यार में धोखा खाई युवती बिन ब्याही बनी मां, आरोपी के परिजन केस उठाने की दे रहे धमकी
मरांडी के बीजेपी में जाने के कयासों को लेकर कार्यकर्ताओं में भी उहापोह की स्थिति है तो वहीं राजनीतिक दलों के बयानों को लेकर जेवीएम के पूर्व मीडिया प्रभारी तौहीद आलम ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो का फैसला ही मान्य होगा. चाहे राजनीतिक दल उनके पक्ष या विपक्ष में ही बयान क्यों न दे. उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका आधिकारिक तौर पर बयान नहीं आया है. इसलिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

रांची: झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने के राजनीतिक कयासों के बीच महागठबंधन खेमे में भी हलचल तेज हो गई है. महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी वापस बीजेपी में लौटते हैं तो यह एक तरीके से जनता के साथ विश्वासघात होगा.

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झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि दरअसल मरांडी का पॉलिटिकल ग्राफ तब बढ़ा जब वह बीजेपी छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा बना पाए. उन्होंने कहा कि जेवीएम बनने के बाद उनका राजनीतिक कद ऊंचा हुआ था. बीजेपी ने भले ही उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया, लेकिन बीजेपी छोड़ने के बाद ही राज्य में उन्हें नेता के रूप में प्रजेंट किया था और वह उभरे थे, लेकिन अब वापस बीजेपी में घर वापसी करते हैं तो यह निर्णय लेने के लिए वह स्वतंत्र हैं.

जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव में 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली. इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि राज्य की जनता ने उन्हें जो सहयोग और समर्थन दिया था. वह वर्तमान राज्य सरकार और बीजेपी के खिलाफ दिया था. अगर ऐसे समय में वह बीजेपी में जाते हैं तो मतदाताओं ने उन पर जो विश्वास किया है उनके साथ विश्वासघात होगा.

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मरांडी के बीजेपी में जाने के कयासों को लेकर कार्यकर्ताओं में भी उहापोह की स्थिति है तो वहीं राजनीतिक दलों के बयानों को लेकर जेवीएम के पूर्व मीडिया प्रभारी तौहीद आलम ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो का फैसला ही मान्य होगा. चाहे राजनीतिक दल उनके पक्ष या विपक्ष में ही बयान क्यों न दे. उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका आधिकारिक तौर पर बयान नहीं आया है. इसलिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

Intro:रांची.झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने के राजनीतिक कयासों के बीच महागठबंधन खेमे में भी हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी वापस बीजेपी में लौटते हैं। तो यह एक तरीके से जनता के साथ विश्वासघात होगा।





Body:झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि दरअसल मरांडी का पोलिटिकल ग्राफ तब बड़ा जब वह बीजेपी छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा बना पाए। उन्होंने कहा कि जेवीएम बनने के बाद उनका राजनीतिक कद ऊंचा हुआ था। बीजेपी ने भले ही उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया लेकिन बीजेपी छोड़ने के बाद ही राज्य में उन्हें नेता के रूप में प्रेजेंट किया था और वह उभरे थे लेकिन अब वापस बीजेपी में घर वापसी करते है तो यह निर्णय लेने के लिए वह स्वतंत्र है।

जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव में 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि राज्य की जनता ने उन्हें जो सहयोग और समर्थन दिया था। वह वर्तमान राज्य सरकार और बीजेपी के खिलाफ दिया था। अगर ऐसे समय में वह बीजेपी में जाते हैं। तो मतदाताओं ने उन पर जो विश्वास किया है।उनके साथ विश्वासघात होगा।


Conclusion:मरांडी के बीजेपी में जाने के कयासों को लेकर कार्यकर्ताओं में भी ऊहापोह की स्थिति है। तो वहीं राजनीतिक दलों के बयानों को लेकर जेवीएम के पूर्व मीडिया प्रभारी तौहीद आलम ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो का फैसला ही मान्य होगा। चाहे राजनीतिक दल उनके पक्ष या विपक्ष में ही बयान क्यों ना दे। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका आधिकारिक तौर पर बयान नहीं आया है। इसलिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।


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