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सेवा सदन अस्पताल के बचाव में उतरी कांग्रेस, सीएम और स्वास्थ्यमंत्री से संज्ञान लेने की अपील

रांची में सेवा सदन तोड़ने के नगर निगम प्रबंधन के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. इस मामले में मेयर और डिप्टी मेयर पहले ही अपना विरोध जता चुके हैं.

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Published : Aug 5, 2021, 12:53 PM IST

Sewa Sadan Hospital Ranchi
सेवा सदन अस्पताल रांची

रांची: बड़ा तालाब स्थित सेवा सदन अस्पताल (Seva Sadan Hospital) को तोड़ने के नगर निगम के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. सत्ताधारी दल कांग्रेस ने इस मसले पर राज्य के सीएम, वित्त मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से संज्ञान लेने का आग्रह किया है. ताकि अस्पताल को बचाने को लेकर कोई रास्ता निकाला जा सके.

ये भी पढ़ें- सेवा सदन अस्पताल को 15 दिनों में तोड़ने का आदेश, जानें क्यों

नगर निगम का आदेश सही नहीं

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुमार राजा ने कहा है कि सेवा सदन अस्पताल को तोड़ने को लेकर रांची नगर निगम का आदेश कहीं से सही नहीं है. उन्होंने कहा कि सेवा सदन ऐसा अस्पताल है जो मध्यमवर्गीय परिवारों को कम पैसे में इलाज उपलब्ध कराता है. ऐसे में अगर अस्पताल टूटता है तो मध्यम वर्गीय परिवारों के इलाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

देखें वीडियो

बीजेपी की गलत नीतियों का असर

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार की गलत नीतियों की वजह से ऐसी नौबत आई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नगर निगम को राजनीति का अड्डा बना दिया था, जिसका खामियाजा अब शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि नगर निगम प्रबंधन के इस फैसले को शहर की मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने अव्यावहारिक करार दिया है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल बड़ा तालाब स्थित सेवा सदन अस्पताल को (Seva Sadan Hospital) नगर निगम ने नक्शा पेश करने को कहा था. नक्शा पेश नहीं किए जाने पर कड़ी कार्रवाई का फैसला निगम प्रबंधन ने लिया है. जिसमें 15 दिनों के अंदर सेवा सदन अस्पताल (Seva Sadan Hospital) को तोड़ने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही नगर निगम ने 5.25 लाख रुपये का जुर्माना भी अस्पताल प्रबंधन पर लगाते हुए नए मरीजों को भर्ती नहीं करने का निर्देश जारी किया है.

रांची: बड़ा तालाब स्थित सेवा सदन अस्पताल (Seva Sadan Hospital) को तोड़ने के नगर निगम के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. सत्ताधारी दल कांग्रेस ने इस मसले पर राज्य के सीएम, वित्त मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से संज्ञान लेने का आग्रह किया है. ताकि अस्पताल को बचाने को लेकर कोई रास्ता निकाला जा सके.

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नगर निगम का आदेश सही नहीं

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुमार राजा ने कहा है कि सेवा सदन अस्पताल को तोड़ने को लेकर रांची नगर निगम का आदेश कहीं से सही नहीं है. उन्होंने कहा कि सेवा सदन ऐसा अस्पताल है जो मध्यमवर्गीय परिवारों को कम पैसे में इलाज उपलब्ध कराता है. ऐसे में अगर अस्पताल टूटता है तो मध्यम वर्गीय परिवारों के इलाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

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बीजेपी की गलत नीतियों का असर

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार की गलत नीतियों की वजह से ऐसी नौबत आई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नगर निगम को राजनीति का अड्डा बना दिया था, जिसका खामियाजा अब शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि नगर निगम प्रबंधन के इस फैसले को शहर की मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने अव्यावहारिक करार दिया है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल बड़ा तालाब स्थित सेवा सदन अस्पताल को (Seva Sadan Hospital) नगर निगम ने नक्शा पेश करने को कहा था. नक्शा पेश नहीं किए जाने पर कड़ी कार्रवाई का फैसला निगम प्रबंधन ने लिया है. जिसमें 15 दिनों के अंदर सेवा सदन अस्पताल (Seva Sadan Hospital) को तोड़ने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही नगर निगम ने 5.25 लाख रुपये का जुर्माना भी अस्पताल प्रबंधन पर लगाते हुए नए मरीजों को भर्ती नहीं करने का निर्देश जारी किया है.

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