रांची: कोरोना संक्रमण के खतरे (Covid-19 effect) के कारण कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. सीबीएसई की ओर से 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है. हालांकि 12वीं की परीक्षा को लेकर तैयारियां की जा रहीं हैं. लेकिन झारखंड में अब तक 10 वीं और 12वीं की परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल(Jharkhand Academic Council) की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इसके कारण अभिभावक और विद्यार्थी अभी भी असमंजस की स्थिति में हैं.
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कई राज्यों के बोर्ड कर चुके हैं परीक्षा रद्द
कई राज्यों ने अपनी-अपनी बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है. सीबीएसई ने बी 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है, हालांकि वह 12वीं की परीक्षा को लेकर तैयारियों में जुटा है . सीबीएसई की ओर से होम सेंटर बनाए जाने को लेकर भी चर्चा की जा रही है. कोरोना के चलते परीक्षा अवधि में भी कटौती कर डेढ़ घंटे की परीक्षा आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है. सीबीएसई ने प्रस्ताव दिया है कि दो चरणों में परीक्षा आयोजित की जाएगी. 15 दिनों के अंदर परीक्षा के बाद परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा.
10वीं और 12वीं परीक्षा को लेकर नहीं निकला अब तक नतीजा
इधर झारखंड सरकार के राज्य बोर्ड यानी झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से ली जाने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षा को लेकर अब तक निर्णय नहीं हो सका है. मामले को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल से भी बात की गई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जो भी निर्णय करेगी. उसी के आधार पर परीक्षा का आयोजन होगा. झारखंड में फिलहाल 9वीं और 11वीं के छात्रों को अगले कक्षा के लिए प्रमोट कर दिया गया है.लेकिन 10वीं और 12वीं परीक्षा को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
परीक्षार्थियों के अभिभावक भी परेशान
इधर विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी इसे लेकर परेशान हैं. आखिर उनकी परीक्षा होगी या नहीं, इसकी अभिभावकों को चिंता है. परीक्षार्थियों का यह भी कहना है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से अब तक सभी विषयों के मॉडल प्रश्न पत्र तक विद्यार्थियों को नहीं दिए गए हैं.
7 लाख परीक्षार्थी इंतजार में
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से ली जाने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर लगभग 7 लाख विद्यार्थी तैयारियों में जुटे हैं. विद्यार्थी परीक्षा देना चाहते हैं. लेकिन सरकार जो भी फैसला लेगी, उसी के तहत परीक्षार्थी भी अपनी तैयारी करेंगे. लेकिन विभाग और सरकार की ओर से इस दिशा में कोई फैसला नहीं आने पर परीक्षार्थी ऊहापोह की स्थिति में है.
हो चुका है विलंब
कोरोना महामारी से पहले मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं फरवरी से मार्च महीने के अंत तक समाप्त हो जाती थी. मई तक रिजल्ट भी जारी कर दिया जाता था. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस बार इन दोनों परीक्षाओं को लेकर काफी विलंब हो गया है. ऐसे में परीक्षार्थियों को उनके भविष्य का चिंता सता रही है.