रांचीः किडनी और पथरी से सबंधित बीमारियों को लेकर राजधानी में 3 दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्वी क्षेत्र के सभी यूरोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टरों का जुटान हुआ. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में यूरोलॉजी से जुड़ी बीमारियों के उपाय को किस प्रकार ज्यादा से ज्यादा विकसित और सुदृढ़ किया जाए.
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चिकित्सा क्षेत्र में पूंजी निवेश की आवश्यकता
कार्यक्रम में आए हैदराबाद के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मलिकार्जुन ने बताया कि जिस प्रकार से पूर्वोत्तर क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन पथरी और किडनी से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ रही है, इससे स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में पूर्वोत्तर क्षेत्र यानी बंगाल, उड़ीसा, बिहार जैसे इलाकों में भी पथरी और किडनी से संबंधित बीमारियों का इलाज संभव होगा.
वहीं, अमेरिका से आए यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर क्रिस्टोफर ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर संसाधन अपनाने के लिए पूंजी निवेश की भी बहुत आवश्यकता होती है. इसीलिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में सरकार को चिकित्सा क्षेत्र में संसाधन जुटाने की आवश्यकता है. वहीं, उन्होंने सेमिनार को बेहतर बताते हुए विचारों का आदान-प्रदान किया.
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रोबोटिक सर्जरी से प्रोस्टेट कैंसर का इलाज
तीन दिवसीय सेमिनार में आए डॉक्टरों का कहना है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में किडनी और पथरी से जुड़े लगभग सभी बीमारियों का इलाज हो रहा है. लेकिन अभी भी प्रोस्टेट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के लिए रांची सहित आसपास के राज्यों में इसका इलाज संभव नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि इस सेमिनार के बाद रोबोटिक सर्जरी की भी सुविधा जल्द ही रांची में संभव हो सकेगी.
बिना चीर फाड़ के किडनी और पथरी का ऑपरेशन संभव
इस सेमिनार में अमेरिका के कैलिफोर्निया से करोड़ों की मशीन का भी प्रदर्शन किया गया. मशीन के जरिए सेमिनार में आए डॉक्टरों को यह बताया गया कि किस प्रकार से लेजर और रोबोट के माध्यम से बिना चीर फाड़ के किडनी और पथरी का ऑपरेशन करना संभव है.
वहीं, वॉइस सेमिनार में आए डॉक्टरों ने कहा कि यह सेमिनार निश्चित रूप से यूरोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टरों के ज्ञान में वृद्धि लाएगा और अपने आइडियाज को आदान प्रदान कर डॉक्टर अपनी जानकारी में वृद्धि कर पाएंगे. जिससे किडनी और पथरी से जुड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सके.