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रांची: मिठाई दुकानों को लॉकडाउन 4 में ही मिली थी रियायत, बावजूद इसके हो रही 20 प्रतिशत बिक्री

अनलॉक वन लागू कर दिया गया है. लेकिन अभी भी राजधानी के मिठाई दुकानों में बिक्री प्रतिशत बढ़ा नहीं है. वैसे रांची में लॉकडाउन 4 के दौरान ही मिठाई दुकानों को खोलने की रियायत मिल गई थी. फिर भी कोरोना संक्रमण के डर से ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

sales in Ranchi sweet shops
रांची के मिठाई दुकान
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Published : Jun 2, 2020, 3:44 PM IST

रांची: राजधानी में लॉकडाउन 4 के दौरान मिठाई दुकानों को खोलने की रियायत मिल गई थी. जिसमें काउंटर सेल और होम डिलीवरी की छूट दी गई. बावजूद इसके मिठाई दुकानों में पहले की अपेक्षा अब महज 15 से 20 प्रतिशत तक ही बिक्री हो रही है. वह भी शहर के मुख्य मिठाई दुकानों में शामिल लगभग 50 मिठाई दुकानों में यह बिक्री प्रतिशत है. जबकि अन्य कई छोटे मिठाई दुकान खुल भी नहीं रहे हैं और उनकी बिक्री का प्रतिशत भी बड़े दुकानों से काफी कम है.

देखें पूरी खबर

राजधानी के मिठाई व्यवसाय से जुड़े लोगों का साफ तौर पर कहना है कि लॉकडाउन में व्यवसाय लगभग ठप पड़ गया है. कारीगर भी कम हैं और डिमांड भी कम है. इस वजह से पहले जहां प्रतिदिन शहर के मुख्य मिठाई दुकानों में 15 से 20 हजार रुपये से ज्यादा बिक्री होती थी. वहीं अब बिक्री महज 4 से 5 हजार रुपये ही रह गई है. राजधानी रांची में वैसे तो 500 से ज्यादा छोटे बड़े मिठाई की दुकानें हैं. लेकिन शहर में मुख्य रूप से बड़ी दुकानों की संख्या लगभग 50 है जहां सबसे ज्यादा मिठाइयों की बिक्री होती है.

मेन रोड में स्थित मुख्य मिठाई दुकानों में शामिल गणगौर के मैनेजर रवि बताते हैं कि लॉकडाउन में कारीगर भी कम हैं और डिमांड भी घट गई है. जिसकी वजह से बिक्री ना के बराबर रह गई है. हालांकि पहले की तुलना में 20 प्रतिशत तक की ही बिक्री रियायत मिलने के बाद लॉकडाउन 4 में हो रही है.

ये भी पढ़ें- Birthday Special : मणि रत्नम, जिन्होंने स्क्रीन पर बदली प्यार की परिभाषा !

ऐसे में शहर में स्थित 500 छोटे मिठाई दुकानों की औसतन बिक्री लॉकडाउन से पहले जंहा 4 से 5 हजार रुपये रहती थी. वहां बिक्री अब 1 से 2 हजार रुपये की रह गयी है. साथ ही कई छोटे मिठाई दुकान खुल भी नहीं रहे हैं. वजह साफ है कि ग्राहक ना के बराबर आ रहे हैं. ग्राहक कृष्ण कुमार ने बताया कि जिन मिठाई दुकानों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के हर तरह के उपाय किए गए हैं. वहीं से लोग भरोसा करके मिठाइयां खरीद रहे हैं. यही वजह है की ग्राहक भी कम है और बिक्री भी कम हो रही है.

ऐसे में राजधानी रांची के मिठाई व्यवसाय से जुड़े 500 छोटे दुकानदारों की लॉकडाउन से पहले की बिक्री की बात करें तो रोजाना लगभग 25 लाख रुपये की बिक्री हो रही थी. जो सिमट कर एक लाख हो गई है. जबकि बड़े 50 मिठाई दुकानों में 10 लाख से सिमट कर 2 लाख पर पहुंच गई है. हालांकि यह नुकसान के औसतन आंकड़े हैं. जबकि नुकसान का दायरा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है.

रांची: राजधानी में लॉकडाउन 4 के दौरान मिठाई दुकानों को खोलने की रियायत मिल गई थी. जिसमें काउंटर सेल और होम डिलीवरी की छूट दी गई. बावजूद इसके मिठाई दुकानों में पहले की अपेक्षा अब महज 15 से 20 प्रतिशत तक ही बिक्री हो रही है. वह भी शहर के मुख्य मिठाई दुकानों में शामिल लगभग 50 मिठाई दुकानों में यह बिक्री प्रतिशत है. जबकि अन्य कई छोटे मिठाई दुकान खुल भी नहीं रहे हैं और उनकी बिक्री का प्रतिशत भी बड़े दुकानों से काफी कम है.

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राजधानी के मिठाई व्यवसाय से जुड़े लोगों का साफ तौर पर कहना है कि लॉकडाउन में व्यवसाय लगभग ठप पड़ गया है. कारीगर भी कम हैं और डिमांड भी कम है. इस वजह से पहले जहां प्रतिदिन शहर के मुख्य मिठाई दुकानों में 15 से 20 हजार रुपये से ज्यादा बिक्री होती थी. वहीं अब बिक्री महज 4 से 5 हजार रुपये ही रह गई है. राजधानी रांची में वैसे तो 500 से ज्यादा छोटे बड़े मिठाई की दुकानें हैं. लेकिन शहर में मुख्य रूप से बड़ी दुकानों की संख्या लगभग 50 है जहां सबसे ज्यादा मिठाइयों की बिक्री होती है.

मेन रोड में स्थित मुख्य मिठाई दुकानों में शामिल गणगौर के मैनेजर रवि बताते हैं कि लॉकडाउन में कारीगर भी कम हैं और डिमांड भी घट गई है. जिसकी वजह से बिक्री ना के बराबर रह गई है. हालांकि पहले की तुलना में 20 प्रतिशत तक की ही बिक्री रियायत मिलने के बाद लॉकडाउन 4 में हो रही है.

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ऐसे में शहर में स्थित 500 छोटे मिठाई दुकानों की औसतन बिक्री लॉकडाउन से पहले जंहा 4 से 5 हजार रुपये रहती थी. वहां बिक्री अब 1 से 2 हजार रुपये की रह गयी है. साथ ही कई छोटे मिठाई दुकान खुल भी नहीं रहे हैं. वजह साफ है कि ग्राहक ना के बराबर आ रहे हैं. ग्राहक कृष्ण कुमार ने बताया कि जिन मिठाई दुकानों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के हर तरह के उपाय किए गए हैं. वहीं से लोग भरोसा करके मिठाइयां खरीद रहे हैं. यही वजह है की ग्राहक भी कम है और बिक्री भी कम हो रही है.

ऐसे में राजधानी रांची के मिठाई व्यवसाय से जुड़े 500 छोटे दुकानदारों की लॉकडाउन से पहले की बिक्री की बात करें तो रोजाना लगभग 25 लाख रुपये की बिक्री हो रही थी. जो सिमट कर एक लाख हो गई है. जबकि बड़े 50 मिठाई दुकानों में 10 लाख से सिमट कर 2 लाख पर पहुंच गई है. हालांकि यह नुकसान के औसतन आंकड़े हैं. जबकि नुकसान का दायरा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है.

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