रांची: हेमंत सरकार के शिक्षा विभाग इन दिनों शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर उपाय ढूंढ रही हैं. वहीं अन्य राज्यों के तर्ज पर यहां के प्राथमिक स्कूलों को व्यवस्थित करने की बातें भी कही जा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर इस ओर राज्य सरकार और इनके शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है. वहीं, बात करें रांची के बीचो बीच कई सरकारी स्कूल है. जिसके भवन जर्जर हो चुके हैं और उनमें विद्यार्थी पढ़ने को मजबूर है तो शिक्षक पढ़ाने को मजबूर है.
स्कूल के भवन पूरी तरह है जर्जर
बता दें कि रांची के बरियातू स्थित बड़गांव उर्दू मध्य विद्यालय इस स्कूल में लगभग इसी टोले मोहल्ले और क्षेत्र के 200 बच्चे पढ़ाई करते हैं. कक्षा 1 से लेकर 8 तक की यहां पढ़ाई होती है. बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है. बहरहाल एक ही शिक्षक पर पढ़ाने का भार ज्यादा रहता है. हालांकि यह तो है एकेडमिक व्यवस्थाओं की हालत है लेकिन जिस शिक्षा के मंदिर में बैठकर बच्चे पढ़ते हैं, उसकी हालत आप देखेगें तो डर जाएंगे.
डरावना है यह जर्जर स्कूल भवन
इस स्कूल के भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. स्कूल भवन के पीछे की तरफ अगर जाएंगे तो यह भवन इतना जर्जर है कि देख कर डर लगता है. कब ढह जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है. भगवान भरोसे बच्चे इस भवन में पढ़ाई करने को मजबूर है. शिक्षक भी इसी स्थिति में शिक्षा देने को बेबस है. पिछली सरकारों ने जो किया सो किया लेकिन अब इस सरकार ने भी मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देने की बजाय राज्य के तमाम सरकारी स्कूलों की डेवेलोप और मॉडल बनाने की बात कह रहे हैं जबकि इससे अनजान बच्चे बदहाल जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर है.
शौचालय की व्यवस्था बदहाल
शौचालय की व्यवस्था भी चरमर है और गंदगी का अंबार है. थोड़ी सी इच्छाशक्ति मात्र से ही इन सब चीजों को सुधारा जा सकता है लेकिन कहते हैं न कि समय किसके पास है. जैसी व्यवस्था चल रही है चलने दिया जाए, घोषणाएं होती रहेगी योजनाएं चलती रहेगी.
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जर्जर भवन को किया जाएगा ठीक
इस पूरे मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो से बात की तो उन्होंने कहा धीरे-धीरे सब ठीक कर दिया जाएगा. एक भी जर्जर भवन राज्य में नहीं रहने दिया जाएगा, सब को सुधार दिया जाएगा.