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अद्भुत है यह संग्रह, 50 देशों के सिक्कों का कलेक्शन और 20 देशों के माचिस बॉक्स देखकर लोग हो जाते हैं हैरान

राजधानी रांची के रहने वाले डॉ विभूति भूषण राय पेशे से एक बैंकर है, लेकिन इनकी शौक ने सबको हैरान करके रख दिया है. बचपन से इन्हें पुराने सिक्के और माचिस बॉक्स को जमा करने का शौक था जो आज पूरा जरूर हुआ और इनके कलेक्शन देख सब चौंक गए. आइये जानते है 40 साल पहले की शौक कैसे रंग लाई.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
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Published : Jul 28, 2020, 5:48 PM IST

रांचीः कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है. हालांकि बचपन का शौक आगे आते-आते किस्मत वालों का ही पूरा हो पाता है. लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए कभी-कभी तो हद पार कर देते है. आज हम आपको ऐसे एक व्यक्ति विशेष से मुलाकात करवाएंगे. जिनका शौक कुछ हट कर और यूनिक भी है. चाहे एक हजार साल पुराने सिक्कों का संग्रहण का शौक हो या फिर सन 1949 का माचिस बॉक्स का कलेक्शन का शौक. आइए आज हम आपको रूबरू कराते हैं एक ऐसे ही शख्सियत से जो पेसे से एक बैंकर है.

देखें स्पेशल स्टोरी
20 देशों का माचिस बॉक्स का कलेक्शन

राजधानी रांची के रहने वाले डॉ विभूति भूषण राय पेशे से एक बैंकर है. भारतीय स्टेट बैंक के एचईसी सेक्टर-2 के शाखा में कार्यरत विभूति भूषण को अलग-अलग देशों के करेंसी के आलावे बरसों पुरानी अद्भुत सिक्कों का संग्रह करने का शौक है और इसी के साथ हर तरह के माचिस के डिब्बों का संग्रहण भी इनके पास लाजवाब है. कोई भी व्यक्ति इनके संग्रहण को देखकर एक बार अचंभित जरूर हो जाएंगे. माचिस बॉक्स कलेक्शन का इनका शौक बचपन से था, लेकिन 1979 में मैट्रिक का एग्जाम देने के बाद रिजल्ट के इंतजार में लगातार इस शौक को पूरा करने के लिए मेहनत किया. अब तक इनके पास अलग-अलग 20 देशों के माचिस बॉक्स का कलेक्शन है.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
तरह-तरह के माचिस
यूरोप से लेकर अमेरिका तक के माचिस बॉक्स है इनमें शामिल

यूरोपियन देशों के साथ-साथ साउथ अफ्रीकन, अमेरिकन देशों के अलावे ऑस्ट्रेलिया, चाइना अमेरिका, दुबई जैसे देशों के माचिस बॉक्स इनके पास है और भारत के आजादी के बाद के तमाम माचिस बॉक्स के कलेक्शन इनके पास आपको मिल जाएंगे. इनमें कई वैरायटी और कई अलग-अलग साइज के आइटम है. इन माचिस बॉक्स में बारूद के अलग-अलग रंग, स्टिक्स के अलग-अलग रंग, अलग-अलग लंबाई अलग वैरायटी अलग कंपनी और अलग डिजाइन के माचिस बॉक्स और उनका स्टिक का कलेक्शन भी शामिल है.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
माचिस संग्रह

ये भी पढे़ं- जिंदगी से है प्यार तो न करें हेलमेट को इनकार, जानिए इसके फायदे और कानूनी पहलू


सन 1949 का माचिस बॉक्स भी है इनके पास

पेपर स्टिक के साथ-साथ सिंथेटिक स्टिक के माचिस बॉक्स आपको मिलेंगे. वहीं कई हीरो-हीरोइन के फोटो वाला पुराने जमाने का माचिस बॉक्स का कलेक्शन भी इनमें है. इन कलेक्शन में 71 वर्ष पुराना माचिस के बॉक्स शामिल है. जिनमें 1949 का माचिस बॉक्स भी देखने को मिल जाएंगे. लगभग 41 सालों से विभूति भूषण राय माचिस का कलेक्शन कर रहे हैं और इनके इस काम को अब आगे बढ़ाने में इनका मदद इनकी दो बेटियां इनकी पत्नी और इनके दोस्त भी कर रहे हैं.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
दूसरे देशों की करेंसी
अब तक के सिक्कों और नोटों का कलेक्शन

माचिस बॉक्स कलेक्शन के अलावे इनका और भी एक बेहतरीन संग्रह है और इस संग्रह में पुराने सिक्कों का संग्रह के साथ ही विभिन्न देशों के करंसी संग्रहण भी गजब की है. गजनी सुल्तान, फिरोजज शाह तुगलक, मुगल साम्राज्य के सिक्कों के साथ-साथ ब्रिटिश एनी गोल्ड कॉइन भी इनके पास है. 50 देशों के नोट और करेंसी इनके पास आपको मिल जाएंगे. सिक्कों की बात करें तो एक हजार साल पुराना सिक्को का कलेक्शन इनके पास है. इस शौक के बारे में जब विभूति भूषण राय से पूछा गया तो उनका कहना था कि 24 साल की उम्र से इस शौक को पूरा करने में जुटे हैं.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
दूसरे देशों का स्टाम्प
विरासत में 40 से 50 सिक्के मिले

वे बताते है कि उनके दादाजी ने उन्हें विरासत में 40 से 50 सिक्कों का कलेक्शन दिया था. उस दौरान ही मन में सिक्कों का कलेक्शन करने का ख्याल आया था. हालांकि जब उनकी नौकरी स्टेट बैंक के फॉरेन एक्सचेंज ब्रांच में हुआ तो उस दौरान यह शौक जुनून और अब जिद में तब्दील हो गया. एक्सचेंज ब्रांच में नोटों का तो एक्सचेंज हो जाता था, लेकिन लोगों को सिक्को का एक्सचेंज करने में भारी परेशानी होती थी. व्यक्तिगत रूप से डॉ विभूति वैसे लोगों से मुलाकात करते थे और उनसे सिक्के लेकर उनके बदले में इंडियन करेंसी वेलु के हिसाब से देते थे और यह संग्रह बढ़ते बढ़ते अब 50 देशों की करेंसी और नोटों के संग्रह में तब्दील हो गया.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
पचास से अधिक देशों की करेंसी
ये भी पढे़ं- हजारीबाग: कोरोना ने रोकी पहिए की रफ्तार, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार


दो बेटियां पत्नी और दोस्त भी करते हैं अब संग्रहण बढ़ाने में मदद

इस काम में उनके परिवार के साथ-साथ विदेश में रहने वाले उनके दोस्त और विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सगे संबंधी भी पूरा करने में सहयोग करते हैं. इनकी दो बेटियां हैं. प्रग्रति और उन्नति छोटी बेटी प्रगति कहती है कि बचपन में पापा का यह शौक देखकर मजा आता था, लेकिन जब बड़ी हुई तब उनके इस कलेक्शन को बढ़ाने में सहयोग करने लगी. माचिस का डिब्बा हो या फिर सिक्कों का संग्रह पापा का यह दोनों कलेक्शन देखकर कोई भी अचंभित हो जाता है. वहीं बड़ी बेटी उन्नति कहती है कि पापा का कलेक्शन देखकर प्राउड फील होता है. ऐसे अद्भुत और यूनिक चीजे किसी को देखने नहीं मिलती है, जो कि हमारे पास है. पापा दिनभर बैंक में काम करते हैं. रात में जो समय मिलता है अपने कलेक्शन को बढ़ाने में उसी में टाइम देते हैं और उनका इस जुनून को देखकर इस कलेक्शन को बढ़ाने में उनका सहयोग करने का मन हमेशा ही करता है. उन्नति तो यह भी कहती है कि आगे जाकर पिताजी का यह शौक खत्म ना हो इसलिए इस दिशा में वह भी काम करेंगी. डॉक्टर विभूति की पत्नी कृती भी अपने पति के इस अद्भुत चीजों का कलेक्शन में रुचि रखती है, वे कहती है कि इनका इसमें नशा है.

रांचीः कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है. हालांकि बचपन का शौक आगे आते-आते किस्मत वालों का ही पूरा हो पाता है. लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए कभी-कभी तो हद पार कर देते है. आज हम आपको ऐसे एक व्यक्ति विशेष से मुलाकात करवाएंगे. जिनका शौक कुछ हट कर और यूनिक भी है. चाहे एक हजार साल पुराने सिक्कों का संग्रहण का शौक हो या फिर सन 1949 का माचिस बॉक्स का कलेक्शन का शौक. आइए आज हम आपको रूबरू कराते हैं एक ऐसे ही शख्सियत से जो पेसे से एक बैंकर है.

देखें स्पेशल स्टोरी
20 देशों का माचिस बॉक्स का कलेक्शन

राजधानी रांची के रहने वाले डॉ विभूति भूषण राय पेशे से एक बैंकर है. भारतीय स्टेट बैंक के एचईसी सेक्टर-2 के शाखा में कार्यरत विभूति भूषण को अलग-अलग देशों के करेंसी के आलावे बरसों पुरानी अद्भुत सिक्कों का संग्रह करने का शौक है और इसी के साथ हर तरह के माचिस के डिब्बों का संग्रहण भी इनके पास लाजवाब है. कोई भी व्यक्ति इनके संग्रहण को देखकर एक बार अचंभित जरूर हो जाएंगे. माचिस बॉक्स कलेक्शन का इनका शौक बचपन से था, लेकिन 1979 में मैट्रिक का एग्जाम देने के बाद रिजल्ट के इंतजार में लगातार इस शौक को पूरा करने के लिए मेहनत किया. अब तक इनके पास अलग-अलग 20 देशों के माचिस बॉक्स का कलेक्शन है.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
तरह-तरह के माचिस
यूरोप से लेकर अमेरिका तक के माचिस बॉक्स है इनमें शामिल

यूरोपियन देशों के साथ-साथ साउथ अफ्रीकन, अमेरिकन देशों के अलावे ऑस्ट्रेलिया, चाइना अमेरिका, दुबई जैसे देशों के माचिस बॉक्स इनके पास है और भारत के आजादी के बाद के तमाम माचिस बॉक्स के कलेक्शन इनके पास आपको मिल जाएंगे. इनमें कई वैरायटी और कई अलग-अलग साइज के आइटम है. इन माचिस बॉक्स में बारूद के अलग-अलग रंग, स्टिक्स के अलग-अलग रंग, अलग-अलग लंबाई अलग वैरायटी अलग कंपनी और अलग डिजाइन के माचिस बॉक्स और उनका स्टिक का कलेक्शन भी शामिल है.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
माचिस संग्रह

ये भी पढे़ं- जिंदगी से है प्यार तो न करें हेलमेट को इनकार, जानिए इसके फायदे और कानूनी पहलू


सन 1949 का माचिस बॉक्स भी है इनके पास

पेपर स्टिक के साथ-साथ सिंथेटिक स्टिक के माचिस बॉक्स आपको मिलेंगे. वहीं कई हीरो-हीरोइन के फोटो वाला पुराने जमाने का माचिस बॉक्स का कलेक्शन भी इनमें है. इन कलेक्शन में 71 वर्ष पुराना माचिस के बॉक्स शामिल है. जिनमें 1949 का माचिस बॉक्स भी देखने को मिल जाएंगे. लगभग 41 सालों से विभूति भूषण राय माचिस का कलेक्शन कर रहे हैं और इनके इस काम को अब आगे बढ़ाने में इनका मदद इनकी दो बेटियां इनकी पत्नी और इनके दोस्त भी कर रहे हैं.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
दूसरे देशों की करेंसी
अब तक के सिक्कों और नोटों का कलेक्शन

माचिस बॉक्स कलेक्शन के अलावे इनका और भी एक बेहतरीन संग्रह है और इस संग्रह में पुराने सिक्कों का संग्रह के साथ ही विभिन्न देशों के करंसी संग्रहण भी गजब की है. गजनी सुल्तान, फिरोजज शाह तुगलक, मुगल साम्राज्य के सिक्कों के साथ-साथ ब्रिटिश एनी गोल्ड कॉइन भी इनके पास है. 50 देशों के नोट और करेंसी इनके पास आपको मिल जाएंगे. सिक्कों की बात करें तो एक हजार साल पुराना सिक्को का कलेक्शन इनके पास है. इस शौक के बारे में जब विभूति भूषण राय से पूछा गया तो उनका कहना था कि 24 साल की उम्र से इस शौक को पूरा करने में जुटे हैं.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
दूसरे देशों का स्टाम्प
विरासत में 40 से 50 सिक्के मिले

वे बताते है कि उनके दादाजी ने उन्हें विरासत में 40 से 50 सिक्कों का कलेक्शन दिया था. उस दौरान ही मन में सिक्कों का कलेक्शन करने का ख्याल आया था. हालांकि जब उनकी नौकरी स्टेट बैंक के फॉरेन एक्सचेंज ब्रांच में हुआ तो उस दौरान यह शौक जुनून और अब जिद में तब्दील हो गया. एक्सचेंज ब्रांच में नोटों का तो एक्सचेंज हो जाता था, लेकिन लोगों को सिक्को का एक्सचेंज करने में भारी परेशानी होती थी. व्यक्तिगत रूप से डॉ विभूति वैसे लोगों से मुलाकात करते थे और उनसे सिक्के लेकर उनके बदले में इंडियन करेंसी वेलु के हिसाब से देते थे और यह संग्रह बढ़ते बढ़ते अब 50 देशों की करेंसी और नोटों के संग्रह में तब्दील हो गया.

Collection of matchbox of 20 countries in ranchi
पचास से अधिक देशों की करेंसी
ये भी पढे़ं- हजारीबाग: कोरोना ने रोकी पहिए की रफ्तार, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार


दो बेटियां पत्नी और दोस्त भी करते हैं अब संग्रहण बढ़ाने में मदद

इस काम में उनके परिवार के साथ-साथ विदेश में रहने वाले उनके दोस्त और विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सगे संबंधी भी पूरा करने में सहयोग करते हैं. इनकी दो बेटियां हैं. प्रग्रति और उन्नति छोटी बेटी प्रगति कहती है कि बचपन में पापा का यह शौक देखकर मजा आता था, लेकिन जब बड़ी हुई तब उनके इस कलेक्शन को बढ़ाने में सहयोग करने लगी. माचिस का डिब्बा हो या फिर सिक्कों का संग्रह पापा का यह दोनों कलेक्शन देखकर कोई भी अचंभित हो जाता है. वहीं बड़ी बेटी उन्नति कहती है कि पापा का कलेक्शन देखकर प्राउड फील होता है. ऐसे अद्भुत और यूनिक चीजे किसी को देखने नहीं मिलती है, जो कि हमारे पास है. पापा दिनभर बैंक में काम करते हैं. रात में जो समय मिलता है अपने कलेक्शन को बढ़ाने में उसी में टाइम देते हैं और उनका इस जुनून को देखकर इस कलेक्शन को बढ़ाने में उनका सहयोग करने का मन हमेशा ही करता है. उन्नति तो यह भी कहती है कि आगे जाकर पिताजी का यह शौक खत्म ना हो इसलिए इस दिशा में वह भी काम करेंगी. डॉक्टर विभूति की पत्नी कृती भी अपने पति के इस अद्भुत चीजों का कलेक्शन में रुचि रखती है, वे कहती है कि इनका इसमें नशा है.

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