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54 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाएगी सरकार, 260 निर्माणाधीन योजनाओं पर फोकस - स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का सर्वे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि साहिबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में आदिम जनजाति परिवार को उपलब्ध कराए जा रहे पेयजलापूर्ति योजना से संबंधित वीडियो साझा करें.

Drinking Water and Sanitation in jharkhand
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
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Published : Dec 14, 2020, 5:27 PM IST

रांची: झारखंड में 54 लाख से ज्यादा घरों तक नल से जल नहीं पहुंचा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर विशेष रूप से फोकस किया. उन्होंने कहा कि इस काम को पूरा करना होगा ताकि ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल मिल सके.

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मुख्यमंत्री ने साहिबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में आदिम जनजाति परिवार को उपलब्ध कराए जा रहे पेयजलापूर्ति योजना से संबंधित वीडियो साझा करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही, निर्माणाधीन 260 योजनाओं का कार्य जल्द पूरा करने को कहा है. सीएम ने कहा कि पेयजलापूर्ति योजना को पूर्ण करने में जितनी भी अंतर-विभागीय मामले हैं, उनके लिए मुख्य सचिव स्तर पर बैठक बुला कर समस्या का निदान किया जाए.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का सर्वे

मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय का सर्वे कराने का निर्देश दिया है ताकि पता चले कि लाभुक इसका उपयोग कर रहें हैं या नहीं. लोगों में व्यवहारगत परिवर्तन की आवश्यकता है. इसके साथ ही, सभी शौचालयों में पानी की सुविधा हो. मुख्यमंत्री ने जरूरी जगहों पर सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर जोर दिया. सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए बड़े, मंझोले और छोटे टोलों का चयन होगा. इन शौचालयों का रख-रखाव मनरेगा के माध्यम से किया जा सकता है.

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भूगर्भीय जल का संवर्धन

समीक्षा बैठक के दौरान सीएम को बताया गया कि लघु जलापूर्ति योजना के तहत पंचायत/टोला स्तर पर ग्रामीणों को सौर ऊर्जा आधारित बोरिंग के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जा रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों के रखरखाव में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. इसके लिए ग्रामीणों को भी जागरूक करना होगा. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे रिचार्ज पीठ के आकार को बढ़ाने का निर्देश दिया. ऐसा होने से भूगर्भीय जल का संवर्धन होगा.

सभी योजनाओं की सीएम ने ली जानकारी

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, ग्रामीण ड्रिलड ट्यूबवेल जलापूर्ति योजना, ग्रामीण जलापूर्ति योजना मरम्मती एवं संपोषण, शहरी जलापूर्ति योजना मरम्मती एवं संपोषण के लिए उपबंधित राशि एवं आवंटन व व्यय की जानकारी, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति, नई योजनाओं की स्वीकृति तथा उनके कार्यान्वयन की स्थिति, वृहद जलापूर्ति योजना का अवयव, लघु जलापूर्ति योजना का अवयव, वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना, नगर विकास विभाग द्वारा स्वीकृत शहरी जलापूर्ति योजना, जल जीवन मिशन की भौतिक प्रगति, गृह संयोजन की स्थिति, भारत सरकार से राशि प्राप्त तथा उसके व्यय की अद्यतन स्थिति, विभाग संस्थानों से संबंधित लंबित मामलों की जानकारी विभाग के अधिकारियों से ली.

बैठक में मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग प्रशांत कुमार, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नैंसी सहाय, विभाग के मुख्य अभियंता कई अधिकारी मौजूद थे.

रांची: झारखंड में 54 लाख से ज्यादा घरों तक नल से जल नहीं पहुंचा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर विशेष रूप से फोकस किया. उन्होंने कहा कि इस काम को पूरा करना होगा ताकि ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल मिल सके.

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मुख्यमंत्री ने साहिबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में आदिम जनजाति परिवार को उपलब्ध कराए जा रहे पेयजलापूर्ति योजना से संबंधित वीडियो साझा करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही, निर्माणाधीन 260 योजनाओं का कार्य जल्द पूरा करने को कहा है. सीएम ने कहा कि पेयजलापूर्ति योजना को पूर्ण करने में जितनी भी अंतर-विभागीय मामले हैं, उनके लिए मुख्य सचिव स्तर पर बैठक बुला कर समस्या का निदान किया जाए.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का सर्वे

मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय का सर्वे कराने का निर्देश दिया है ताकि पता चले कि लाभुक इसका उपयोग कर रहें हैं या नहीं. लोगों में व्यवहारगत परिवर्तन की आवश्यकता है. इसके साथ ही, सभी शौचालयों में पानी की सुविधा हो. मुख्यमंत्री ने जरूरी जगहों पर सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर जोर दिया. सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए बड़े, मंझोले और छोटे टोलों का चयन होगा. इन शौचालयों का रख-रखाव मनरेगा के माध्यम से किया जा सकता है.

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भूगर्भीय जल का संवर्धन

समीक्षा बैठक के दौरान सीएम को बताया गया कि लघु जलापूर्ति योजना के तहत पंचायत/टोला स्तर पर ग्रामीणों को सौर ऊर्जा आधारित बोरिंग के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जा रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों के रखरखाव में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. इसके लिए ग्रामीणों को भी जागरूक करना होगा. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे रिचार्ज पीठ के आकार को बढ़ाने का निर्देश दिया. ऐसा होने से भूगर्भीय जल का संवर्धन होगा.

सभी योजनाओं की सीएम ने ली जानकारी

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, ग्रामीण ड्रिलड ट्यूबवेल जलापूर्ति योजना, ग्रामीण जलापूर्ति योजना मरम्मती एवं संपोषण, शहरी जलापूर्ति योजना मरम्मती एवं संपोषण के लिए उपबंधित राशि एवं आवंटन व व्यय की जानकारी, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति, नई योजनाओं की स्वीकृति तथा उनके कार्यान्वयन की स्थिति, वृहद जलापूर्ति योजना का अवयव, लघु जलापूर्ति योजना का अवयव, वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना, नगर विकास विभाग द्वारा स्वीकृत शहरी जलापूर्ति योजना, जल जीवन मिशन की भौतिक प्रगति, गृह संयोजन की स्थिति, भारत सरकार से राशि प्राप्त तथा उसके व्यय की अद्यतन स्थिति, विभाग संस्थानों से संबंधित लंबित मामलों की जानकारी विभाग के अधिकारियों से ली.

बैठक में मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग प्रशांत कुमार, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नैंसी सहाय, विभाग के मुख्य अभियंता कई अधिकारी मौजूद थे.

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