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मोहम्मद मुफीज की वतन वापसी, सीएम रघुवर दास ने अधिकारियों को दिया धन्यवाद

11 मार्च 2017 को नौकरी की लालच में सऊदी अरब के लिए निकले मोहम्मद मुफीज सकुशल अपने घर लौटे. सोमवार को अपने घर लौटने के बाद रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मोहम्मद मुफीज ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और अधिकारियों का धन्यवाद दिया. मुफीज के घर लौटने पर सीएम रघुवर दास ने भी अधिकारियों को धन्यवाद कहा.

सीएम रघुवर दास
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Published : Aug 13, 2019, 12:54 AM IST

रांची: सोमवार को मोहम्मद मुफीज सकुशल अपने घर लौट गए. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मोहम्मद मुफीज ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और अधिकारियों को धन्यवाद दिया. उसने बताया कि वह तीन महीने से रियाद में बंधक था, जहां उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा था.

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
वहीं मुफीज के वतन वापसी पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि 'रक्षाबंधन और ईद से पहले मोहम्मद मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद. एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता. वहीं इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि मोहम्मद मुफीज सकुशल सऊदी अरब से रांची लौटेंगे. तीन महीने से भी ज्यादा वक्त तक रियाद में एक कंपनी ने इन्हें बंधक बना रखा था. उनकी बहन इशरत परवीन ने हमें इसकी जानकारी दी. विदेश मंत्रालय और झारखंड सरकार के प्रयासों से आज ईद उल जुहा के अवसर पर मुफीज वापस आ गए हैं'

  • रक्षाबंधन और ईद से पहले मो. मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद। एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता।

    — Raghubar Das (@dasraghubar) August 12, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
फंसने पर दी घरवालों को जानकारी
रांची पहुंचने के बाद मोहम्मद मुफीज ने बताया कि 11 मार्च 2017 को हिंदपीढ़ी के मौजिद ने उसे अच्छी और ज्यादा तनख्वाह वाली नौकरी देने का लालच देकर सऊदी अरब भेजा था. फिर वहां भेजने के बाद भारतीय करेंसी के अनुसार मात्र 15 हजार की नौकरी पर उसे एक दुकान में लगा दिया गया. जब उसने इसका विरोध किया तो वहां के सेठ और ठेकेदारों ने उस पर कई गलत आरोप लगाए. उन्होंने उसे भगोड़ा बताकर अपराधी साबित करने की कोशिश की. अपनी आपबीती सुनाते हुए मोहम्मद मुफीज बताते हैं कि उन्हें जब लगा कि वो यहां पर फंस गए हैं तो अपने घरवालों से संपर्क किया. जिसके बाद घरवालों ने सरकार से बात की फिर सरकार ने पहल कर और विदेश मंत्रालय एवं सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें अपने घर वापस लाया गया.
तीन महीने से रियाद में था बंधक
बता दें कि मोहम्मद मुफीज को तीन माह से अधिक समय से सऊदी अरब के रियाद की एक कंपनी में बंधक बनाकर रखा गया था. इसकी जानकारी जब मोहम्मद मुफीज ने किसी तरह अपने घरवालों को दी तो घरवालों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास अपने भाई को छुड़ाकर लाने की गुहार लगाई. मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव को मुफीज को वापस लाने का निर्देश दिया. आदेश के बाद आप्त सचिव केपी बालियान ने विदेश मंत्रालय से मदद लेकर मोहम्मद मुफीज को इमरजेंसी पासपोर्ट सर्टिफिकेट बना कर उसे भारत लाने की पहल की.

रांची: सोमवार को मोहम्मद मुफीज सकुशल अपने घर लौट गए. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मोहम्मद मुफीज ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और अधिकारियों को धन्यवाद दिया. उसने बताया कि वह तीन महीने से रियाद में बंधक था, जहां उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा था.

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
वहीं मुफीज के वतन वापसी पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि 'रक्षाबंधन और ईद से पहले मोहम्मद मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद. एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता. वहीं इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि मोहम्मद मुफीज सकुशल सऊदी अरब से रांची लौटेंगे. तीन महीने से भी ज्यादा वक्त तक रियाद में एक कंपनी ने इन्हें बंधक बना रखा था. उनकी बहन इशरत परवीन ने हमें इसकी जानकारी दी. विदेश मंत्रालय और झारखंड सरकार के प्रयासों से आज ईद उल जुहा के अवसर पर मुफीज वापस आ गए हैं'

  • रक्षाबंधन और ईद से पहले मो. मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद। एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता।

    — Raghubar Das (@dasraghubar) August 12, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
फंसने पर दी घरवालों को जानकारी
रांची पहुंचने के बाद मोहम्मद मुफीज ने बताया कि 11 मार्च 2017 को हिंदपीढ़ी के मौजिद ने उसे अच्छी और ज्यादा तनख्वाह वाली नौकरी देने का लालच देकर सऊदी अरब भेजा था. फिर वहां भेजने के बाद भारतीय करेंसी के अनुसार मात्र 15 हजार की नौकरी पर उसे एक दुकान में लगा दिया गया. जब उसने इसका विरोध किया तो वहां के सेठ और ठेकेदारों ने उस पर कई गलत आरोप लगाए. उन्होंने उसे भगोड़ा बताकर अपराधी साबित करने की कोशिश की. अपनी आपबीती सुनाते हुए मोहम्मद मुफीज बताते हैं कि उन्हें जब लगा कि वो यहां पर फंस गए हैं तो अपने घरवालों से संपर्क किया. जिसके बाद घरवालों ने सरकार से बात की फिर सरकार ने पहल कर और विदेश मंत्रालय एवं सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें अपने घर वापस लाया गया.
तीन महीने से रियाद में था बंधक
बता दें कि मोहम्मद मुफीज को तीन माह से अधिक समय से सऊदी अरब के रियाद की एक कंपनी में बंधक बनाकर रखा गया था. इसकी जानकारी जब मोहम्मद मुफीज ने किसी तरह अपने घरवालों को दी तो घरवालों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास अपने भाई को छुड़ाकर लाने की गुहार लगाई. मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव को मुफीज को वापस लाने का निर्देश दिया. आदेश के बाद आप्त सचिव केपी बालियान ने विदेश मंत्रालय से मदद लेकर मोहम्मद मुफीज को इमरजेंसी पासपोर्ट सर्टिफिकेट बना कर उसे भारत लाने की पहल की.
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मोहम्मद मुफीज की वतन वापसी, सीएम रघुवर दास ने अधिकारियों को दिया धन्यवाद

CM raghubar das expressed happiness on Mohammad Mufeez's return

रांची: सोमवार को मोहम्मद मुफीज सकुशल अपने घर लौट गए. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मोहम्मद मुफीज ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और अधिकारियों को धन्यवाद दिया. उसने बताया कि वह तीन महीने से रियाद में बंधक था, जहां उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा था.

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट

वहीं मुफीज के वतन वापसी पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि 'रक्षाबंधन और ईद से पहले मोहम्मद मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद. एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता. वहीं इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि मोहम्मद मुफीज सकुशल सऊदी अरब से रांची लौटेंगे. तीन महीने से भी ज्यादा वक्त तक रियाद में एक कंपनी ने इन्हें बंधक बना रखा था. उनकी बहन इशरत परवीन ने हमें इसकी जानकारी दी. विदेश मंत्रालय और झारखंड सरकार के प्रयासों से आज ईद उल जुहा के अवसर पर मुफीज वापस आ गए हैं'

फंसने पर दी घरवालों को जानकारी

रांची पहुंचने के बाद मोहम्मद मुफीज ने बताया कि 11 मार्च 2017 को हिंदपीढ़ी के मौजिद ने उसे अच्छी और ज्यादा तनख्वाह वाली नौकरी देने का लालच देकर सऊदी अरब भेजा था. फिर वहां भेजने के बाद भारतीय करेंसी के अनुसार मात्र 15 हजार की नौकरी पर उसे एक दुकान में लगा दिया गया. जब उसने इसका विरोध किया तो वहां के सेठ और ठेकेदारों ने उस पर कई गलत आरोप लगाए. उन्होंने उसे भगोड़ा बताकर अपराधी साबित करने की कोशिश की. अपनी आपबीती सुनाते हुए मोहम्मद मुफीज बताते हैं कि उन्हें जब लगा कि वो यहां पर फंस गए हैं तो अपने घरवालों से संपर्क किया. जिसके बाद घरवालों ने सरकार से बात की फिर सरकार ने पहल कर और विदेश मंत्रालय एवं सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें अपने घर वापस लाया गया. 

तीन महीने से रियाद में था बंधक 

बता दें कि मोहम्मद मुफीज को तीन माह से अधिक समय से सऊदी अरब के रियाद की एक कंपनी में बंधक बनाकर रखा गया था. इसकी जानकारी जब मोहम्मद मुफीज ने किसी तरह अपने घरवालों को दी तो घरवालों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास अपने भाई को छुड़ाकर लाने की गुहार लगाई. मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव को मुफीज को वापस लाने का निर्देश दिया. आदेश के बाद आप्त सचिव केपी बालियान ने विदेश मंत्रालय से मदद लेकर मोहम्मद मुफीज को इमरजेंसी पासपोर्ट सर्टिफिकेट बना कर उसे भारत लाने की पहल की.

 


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