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प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार DBT से सहायता राशि कराएगी उपलब्ध: सीएम हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए राज्य के सभी सांसद और सभी विधायकों के साथ झारखंड मंत्रालय से शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्चस्तरीय बैठक की.

CM Hemant Soren talks to all MLA and MP in jharkhand
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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Published : Apr 11, 2020, 12:02 PM IST

रांची: देश और राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड सरकार पूरी तरह एक्टिव मोड में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए राज्य के सभी सांसद और सभी विधायकों के साथ झारखंड मंत्रालय से शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्चस्तरीय बैठक की.

देखिए वीडियो

इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार सीमित संसाधनों के साथ गरीबों की सहायता में जुटी है. इस विकट परिस्थिति में सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम और महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि सीधे ग्रामीणों से जुड़े रहते हैं उनकी शिकायतों, दिक्कतों और परेशानियों से वे अवगत रहते हैं. इस समय सभी को एकजुट होकर राज्य की जनता को राहत देना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का यह कर्तव्य बनता है कि वर्तमान परिस्थिति में राज्य सरकार द्वारा जो भी कार्य किए जा रहे हैं उसका पूरा लाभ आम जनता को मिले यह सुनिश्चित कराने में वे अपनी भूमिका निभाए.

राज्य के 24 जिलों में से 22 जिलों के तीन सांसद विद्युतवरण महतो, गीता कोड़ा और राज्यसभा सांसद समीर उरांव सहित 65 विधायकों से मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया. जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना को गांव-गांव में शुरू करने का सुझाव रखा.

प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार करेगी डीबीटी

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के चलते फंसे हैं. इन प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव आवश्यक कदम उठा रही है. जल्द ही राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को सरकार डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में सहयोग राशि उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि जल्द से जल्द एक ऐसा मैकेनिज्म डेवेलप करें, जिससे इन प्रवासी मजदूरों का सारा डिटेल लेकर उन्हें राशि उपलब्ध कराया जा सके.

सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में करें सहयोग

मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों एवं विधायकों से उनके क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की प्रगति के संबंध में विस्तृत चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जाना कि राहत कार्य कितनी प्रभावी ढंग से किए जा रहे हैं. सभी सांसदों एवं विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से कैसे निपटा जाए इस संबंध में अपने अनुभवों को साझा किया और आवश्यक सुझाव भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. सोरेन ने सभी सांसदों एवं विधायकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान आम जनता को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे भोजन से जुड़ी सभी योजनाओं का जनप्रतिनिधि स्वयं मॉनिटरिंग करें. विपदा की इस घड़ी में अगर कोई राशन डीलर किसी तरह की अनियमितता बरतता है तो उस पर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि स्वयं राशन दुकानों में जाकर राशन बटवाएं ताकि लोगों को कालाबाजारी करने के लिए सोचना पड़े. जो कालाबाजारी करने की कोशिश करता है उसकी शिकायत दर्ज कराएं.

ये भी पढे़ं: गोड्डा कोरोना से लड़ने के लिए तैयार, विपरीत परिस्थिति से निपटने के किया मॉक ड्रिल

आपसी समन्वय स्थापित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय सांसदों और विधायकों के साथ-साथ सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर समन्वय स्थापित करें ताकि सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में सहूलियत हो सके. उन्होंने कहा कि कई बार समन्वय की कमी होने के कारण चीजें गड़बड़ होने लगती है. कम्युनिकेशन गैप नहीं हो यह सुनिश्चित कराएं.

जरूरी वाहनों को पास की आवश्यकता नहीं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि सब्जी ट्रांसपोर्टेशन वाले वाहनों को शहर के बाजारों तक घुसने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सब्जी ढोने वाले वाहनों पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. सब्जी लदे वाहनों की सुगमता के लिए हर संभव प्रयासरत रहें. उन्हें किसी प्रकार के पास या लाइसेंस की जरूरत नहीं है. किसानों के हितों को देखते हुए उन्हें आने जाने के संबंध में किसी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए.

दूध नष्ट न करें किसान

मुख्यमंत्री ने पशुपालक किसानों से आग्रह किया है कि ऐसी खबरें आ रही है कि किसान दूध को नष्ट कर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि पशुपालकों को लॉकडाउन की अवधि में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे दूध नाली में गिराकर या फेंक कर नष्ट न करें बल्कि दूध से घी बनाने का कार्य करें.

मेडिकल संसाधनों को बढ़ाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल इक्विपमेंट्स बढ़ाने को लेकर सतत प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि थर्मल इस्कैनर, पीपीई किट सहित अन्य मेडिकल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. निरंतर इस ओर कार्य किया जा रहा है.

केंद्र सरकार से किया गया है अनुरोध

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जांच केंद्र बढ़ाने और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जा चुका है. जांच केंद्र बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की सहमति अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रयासरत है कि जितनी जल्द हो सके अधिक से अधिक मात्रा में वेंटिलेटर उपलब्ध हो ताकि जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज गुणवत्ता पूर्ण तरीके से हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जांच बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है.

मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 जैसे संक्रमण से निपटने के लिए हमें आगे भी मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत है. कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में राज्य की जनता एवं जनप्रतिनिधियों का आपसी समन्वय होना बहुत ही आवश्यक है. राज्य सरकार के साथ-साथ सभी को इस लड़ाई में अपनी महती भूमिका निभानी पड़ेगी.

जांच व्यवस्था दुरुस्त रखने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूर झारखंड लौटेंगे. ऐसी स्थिति में उन सभी मजदूरों की जांच मुकम्मल हो ऐसी व्यवस्था हमें बनाकर रखनी है. व्यवस्था बनाने में हमें अभी से ही मिशन मोड में तैयारी करने की जरूरत है. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए यह सुनिश्चित करें.

सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करें लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है. बाहर राज्य से आने वाले व्यक्ति अथवा एक जिले से दूसरे जिले में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य जांच अनिवार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि आम जनता को लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन करने के लिए उन्हें जागरूक करें. इस समय सुरक्षा ही बचाव है.

ये भी पढे़ं: लॉकडाउन में बेरोजगार ग्रामीण कर रहे जगंलों की कटाई, मना करने पर वनकर्मियों को घंटों बनाया बंधन

बाहर से आए लोगों की हो रही है सघन जांच

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी लोग राज्य के बाहर से आए हैं उनकी सघन जांच और स्क्रीनिंग करायी जा रही है. गांव के लोग भी बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखने के काम में सहयोग दे रहे हैं. सभी जन प्रतिनिधि इस समय में एकजुट होकर अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्सेस के साथ-साथ पुलिस पदाधिकारी, प्रशासन, सभी जिला प्रशासन के लोग, झारखंड की समस्त जनता के सुरक्षा एवं सहयोग के लिए अपना दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसदों और विधायकों के सुझाव भी काफी महत्वपूर्ण हैं, उसे क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार के सभी विभाग आवश्यक कदम उठाएगा. मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से अपील की है कि सब लोग अपने घर के अंदर रहें. अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें पैनिक न हों. जरूरत के सामानों की कमी नहीं है.

रांची: देश और राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड सरकार पूरी तरह एक्टिव मोड में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए राज्य के सभी सांसद और सभी विधायकों के साथ झारखंड मंत्रालय से शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्चस्तरीय बैठक की.

देखिए वीडियो

इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार सीमित संसाधनों के साथ गरीबों की सहायता में जुटी है. इस विकट परिस्थिति में सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम और महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि सीधे ग्रामीणों से जुड़े रहते हैं उनकी शिकायतों, दिक्कतों और परेशानियों से वे अवगत रहते हैं. इस समय सभी को एकजुट होकर राज्य की जनता को राहत देना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का यह कर्तव्य बनता है कि वर्तमान परिस्थिति में राज्य सरकार द्वारा जो भी कार्य किए जा रहे हैं उसका पूरा लाभ आम जनता को मिले यह सुनिश्चित कराने में वे अपनी भूमिका निभाए.

राज्य के 24 जिलों में से 22 जिलों के तीन सांसद विद्युतवरण महतो, गीता कोड़ा और राज्यसभा सांसद समीर उरांव सहित 65 विधायकों से मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया. जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना को गांव-गांव में शुरू करने का सुझाव रखा.

प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार करेगी डीबीटी

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के चलते फंसे हैं. इन प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव आवश्यक कदम उठा रही है. जल्द ही राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को सरकार डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में सहयोग राशि उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि जल्द से जल्द एक ऐसा मैकेनिज्म डेवेलप करें, जिससे इन प्रवासी मजदूरों का सारा डिटेल लेकर उन्हें राशि उपलब्ध कराया जा सके.

सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में करें सहयोग

मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों एवं विधायकों से उनके क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की प्रगति के संबंध में विस्तृत चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जाना कि राहत कार्य कितनी प्रभावी ढंग से किए जा रहे हैं. सभी सांसदों एवं विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से कैसे निपटा जाए इस संबंध में अपने अनुभवों को साझा किया और आवश्यक सुझाव भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. सोरेन ने सभी सांसदों एवं विधायकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान आम जनता को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे भोजन से जुड़ी सभी योजनाओं का जनप्रतिनिधि स्वयं मॉनिटरिंग करें. विपदा की इस घड़ी में अगर कोई राशन डीलर किसी तरह की अनियमितता बरतता है तो उस पर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि स्वयं राशन दुकानों में जाकर राशन बटवाएं ताकि लोगों को कालाबाजारी करने के लिए सोचना पड़े. जो कालाबाजारी करने की कोशिश करता है उसकी शिकायत दर्ज कराएं.

ये भी पढे़ं: गोड्डा कोरोना से लड़ने के लिए तैयार, विपरीत परिस्थिति से निपटने के किया मॉक ड्रिल

आपसी समन्वय स्थापित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय सांसदों और विधायकों के साथ-साथ सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर समन्वय स्थापित करें ताकि सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में सहूलियत हो सके. उन्होंने कहा कि कई बार समन्वय की कमी होने के कारण चीजें गड़बड़ होने लगती है. कम्युनिकेशन गैप नहीं हो यह सुनिश्चित कराएं.

जरूरी वाहनों को पास की आवश्यकता नहीं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि सब्जी ट्रांसपोर्टेशन वाले वाहनों को शहर के बाजारों तक घुसने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सब्जी ढोने वाले वाहनों पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. सब्जी लदे वाहनों की सुगमता के लिए हर संभव प्रयासरत रहें. उन्हें किसी प्रकार के पास या लाइसेंस की जरूरत नहीं है. किसानों के हितों को देखते हुए उन्हें आने जाने के संबंध में किसी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए.

दूध नष्ट न करें किसान

मुख्यमंत्री ने पशुपालक किसानों से आग्रह किया है कि ऐसी खबरें आ रही है कि किसान दूध को नष्ट कर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि पशुपालकों को लॉकडाउन की अवधि में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे दूध नाली में गिराकर या फेंक कर नष्ट न करें बल्कि दूध से घी बनाने का कार्य करें.

मेडिकल संसाधनों को बढ़ाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल इक्विपमेंट्स बढ़ाने को लेकर सतत प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि थर्मल इस्कैनर, पीपीई किट सहित अन्य मेडिकल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. निरंतर इस ओर कार्य किया जा रहा है.

केंद्र सरकार से किया गया है अनुरोध

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जांच केंद्र बढ़ाने और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जा चुका है. जांच केंद्र बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की सहमति अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रयासरत है कि जितनी जल्द हो सके अधिक से अधिक मात्रा में वेंटिलेटर उपलब्ध हो ताकि जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज गुणवत्ता पूर्ण तरीके से हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जांच बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है.

मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 जैसे संक्रमण से निपटने के लिए हमें आगे भी मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत है. कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में राज्य की जनता एवं जनप्रतिनिधियों का आपसी समन्वय होना बहुत ही आवश्यक है. राज्य सरकार के साथ-साथ सभी को इस लड़ाई में अपनी महती भूमिका निभानी पड़ेगी.

जांच व्यवस्था दुरुस्त रखने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूर झारखंड लौटेंगे. ऐसी स्थिति में उन सभी मजदूरों की जांच मुकम्मल हो ऐसी व्यवस्था हमें बनाकर रखनी है. व्यवस्था बनाने में हमें अभी से ही मिशन मोड में तैयारी करने की जरूरत है. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए यह सुनिश्चित करें.

सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करें लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है. बाहर राज्य से आने वाले व्यक्ति अथवा एक जिले से दूसरे जिले में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य जांच अनिवार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि आम जनता को लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन करने के लिए उन्हें जागरूक करें. इस समय सुरक्षा ही बचाव है.

ये भी पढे़ं: लॉकडाउन में बेरोजगार ग्रामीण कर रहे जगंलों की कटाई, मना करने पर वनकर्मियों को घंटों बनाया बंधन

बाहर से आए लोगों की हो रही है सघन जांच

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी लोग राज्य के बाहर से आए हैं उनकी सघन जांच और स्क्रीनिंग करायी जा रही है. गांव के लोग भी बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखने के काम में सहयोग दे रहे हैं. सभी जन प्रतिनिधि इस समय में एकजुट होकर अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्सेस के साथ-साथ पुलिस पदाधिकारी, प्रशासन, सभी जिला प्रशासन के लोग, झारखंड की समस्त जनता के सुरक्षा एवं सहयोग के लिए अपना दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसदों और विधायकों के सुझाव भी काफी महत्वपूर्ण हैं, उसे क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार के सभी विभाग आवश्यक कदम उठाएगा. मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से अपील की है कि सब लोग अपने घर के अंदर रहें. अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें पैनिक न हों. जरूरत के सामानों की कमी नहीं है.

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