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अभद्र टिप्पणी मामला: रघुवर दास के खिलाफ दर्ज मामले में सीएम हेमंत सोरेन का बयान लेगी पुलिस

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में जामताड़ा पुलिस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान लेगी.

CM Hemant Soren statement
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Published : Feb 20, 2020, 11:50 AM IST

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में जामताड़ा पुलिस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान लेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव राजेश चौरसिया को इस संबंध में जामताड़ा के एसपी अंशुमान कुमार ने एक पत्र भेजा है.

पत्र में यह जिक्र है कि अनुसंधान के लिए अगर मुख्यमंत्री कांड को आगे ले जाना चाहते हैं, तो इस संबंध में उनके लिखित जवाब की जरूरत होगी. जामताड़ा एसपी ने यह भी लिखा है कि अगर मुख्यमंत्री आगे के अनुसंधान के लिए सहमति देंगे तो मुख्यमंत्री का बयान लेने के लिए एसपी को मुख्यमंत्री का समय लेना होगा.

क्या है पत्र में

जामताड़ा एसपी ने मुख्यमंत्री के आप्त सचिव को भेजे गए चिट्ठी में लिखा है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें सूचना मिली थी कि मुख्यमंत्री इस कांड को आगे नहीं ले जाना चाहते हैं, जिसके कारण अब तक कांड का पर्यवेक्षण नहीं हो पाया है. जामताड़ा एसपी ने अनुरोध किया है कि पूरे मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इस संदर्भ में एक प्रतिवेदन निर्मित किया जाए ताकि अगर इस मामले में आगे कार्रवाई नहीं करनी हो तो जांच को बंद किया जा सके.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2019 को झारखंड विधानसभा के पांचवें और अंतिम चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा नेता सह राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सार्वजनिक मंच से वर्त्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद 25 दिसंबर 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ हेमंत सोरेन जामताड़ा जिले के महिजाम थाना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज करवाया था.

हेमंत सोरेन के लिखित आवेदन पर महिजाम थाना में आईपीसी की धारा 504/506 और U/S 3 SS SC एसटी उत्पीड़न एक्ट के तहत कांड संख्या 110 /2019 दर्ज किया गया था. उस दौरान एसडीपीओ अरविंद कुमार उपाध्याय को मामले का जांच अधिकारी बनाया गया था.

ये भी पढ़ें: गोड्डा सदर अस्पताल को मिला कायाकल्प का प्रथम पुरस्कार, सम्मानित किए गए कर्मी

हेमंत ने कहा था मुकदमा लेंगे वापस

झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ और हेमंत सोरेन को गठबंधन ने अपना नेता चुना, जिसके बाद वह झारखंड के मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री बनने से पहले ही हेमंत सोरेन ने ऐलान किया था कि वह रघुवर दास के खिलाफ किए गए कंप्लेन को वापस ले लेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बकायदा ट्विटर पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह रघुवर दास के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेंगे.

हालांकि, इस मामले में जामताड़ा पुलिस को कोई लिखित जानकारी हेमंत सोरेन के द्वारा नहीं दी गई थी. यही वजह है कि पुलिस ने केस के पर्यवेक्षण को रोके रखा था. इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखित रूप से आवेदन देना होगा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेना चाहते हैं उसके बाद ही रघुवर दास की मुश्किलें आसान हो सकती है.

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में जामताड़ा पुलिस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान लेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव राजेश चौरसिया को इस संबंध में जामताड़ा के एसपी अंशुमान कुमार ने एक पत्र भेजा है.

पत्र में यह जिक्र है कि अनुसंधान के लिए अगर मुख्यमंत्री कांड को आगे ले जाना चाहते हैं, तो इस संबंध में उनके लिखित जवाब की जरूरत होगी. जामताड़ा एसपी ने यह भी लिखा है कि अगर मुख्यमंत्री आगे के अनुसंधान के लिए सहमति देंगे तो मुख्यमंत्री का बयान लेने के लिए एसपी को मुख्यमंत्री का समय लेना होगा.

क्या है पत्र में

जामताड़ा एसपी ने मुख्यमंत्री के आप्त सचिव को भेजे गए चिट्ठी में लिखा है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें सूचना मिली थी कि मुख्यमंत्री इस कांड को आगे नहीं ले जाना चाहते हैं, जिसके कारण अब तक कांड का पर्यवेक्षण नहीं हो पाया है. जामताड़ा एसपी ने अनुरोध किया है कि पूरे मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इस संदर्भ में एक प्रतिवेदन निर्मित किया जाए ताकि अगर इस मामले में आगे कार्रवाई नहीं करनी हो तो जांच को बंद किया जा सके.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2019 को झारखंड विधानसभा के पांचवें और अंतिम चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा नेता सह राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सार्वजनिक मंच से वर्त्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद 25 दिसंबर 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ हेमंत सोरेन जामताड़ा जिले के महिजाम थाना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज करवाया था.

हेमंत सोरेन के लिखित आवेदन पर महिजाम थाना में आईपीसी की धारा 504/506 और U/S 3 SS SC एसटी उत्पीड़न एक्ट के तहत कांड संख्या 110 /2019 दर्ज किया गया था. उस दौरान एसडीपीओ अरविंद कुमार उपाध्याय को मामले का जांच अधिकारी बनाया गया था.

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हेमंत ने कहा था मुकदमा लेंगे वापस

झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ और हेमंत सोरेन को गठबंधन ने अपना नेता चुना, जिसके बाद वह झारखंड के मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री बनने से पहले ही हेमंत सोरेन ने ऐलान किया था कि वह रघुवर दास के खिलाफ किए गए कंप्लेन को वापस ले लेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बकायदा ट्विटर पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह रघुवर दास के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेंगे.

हालांकि, इस मामले में जामताड़ा पुलिस को कोई लिखित जानकारी हेमंत सोरेन के द्वारा नहीं दी गई थी. यही वजह है कि पुलिस ने केस के पर्यवेक्षण को रोके रखा था. इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखित रूप से आवेदन देना होगा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेना चाहते हैं उसके बाद ही रघुवर दास की मुश्किलें आसान हो सकती है.

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