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खदानों में जमा पानी से होगा पटवन, सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस, चेक डैम का बनेगा डाटा - कोनार सिंचाई परियोजना कार्य की समीक्षा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को जल संसाधन विभाग की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का सीधा जुड़ाव जल संसाधन विभाग से होता है. कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि खेतों तक पानी पहुंचे. मुख्यमंत्री ने पटवन के लिए पाइपलाइन सिस्टम डेवलप करने का निर्देश दिया है.

water resources department
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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Published : Dec 14, 2020, 8:51 PM IST

रांची: झारखंड के अलग-अलग जिलों में माइनिंग के कारण बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. इन गड्ढों में पानी भी जमा है. अब इस पानी का इस्तेमाल करने के लिए अलग से लिफ्ट इरिगेशन प्लान तैयार किया जाएगा. इससे आसपास के खेतों में पटवन हो सकेगा. जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बाबत निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का सीधा जुड़ाव जल संसाधन विभाग से होता है. कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि खेतों तक पानी पहुंचे. मुख्यमंत्री ने पटवन के लिए पाइपलाइन सिस्टम डेवलप करने का निर्देश दिया है.

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कोनार सिंचाई परियोजना कार्य की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने कोनार सिंचाई परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने जरूरी फॉरेस्ट क्लीयरेंस कराने के साथ-साथ परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कर टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया. गुमानी बराज परियोजना को अगले साल तक चालू किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के शुरु होने से 16000 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित होगी. मुख्यमंत्री ने सभी कैनालों पर लाइनिंग कार्य कराने का भी निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कैनाल के अगल-बगल कच्ची सड़क बनाने का भी निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया.

स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना कार्य की समीक्षा

राज्य में चेक डैम का डाटा तैयार होगा. इससे पता चलेगा कि कितने का कार्य पूर्ण हो चुका है और कितने चेक डैम निर्माण कार्य अभी लंबित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चेक डैम का निर्माण कृषि विभाग, वन विभाग तथा नरेगा के माध्यम से भी किया जा रहा है. इन सभी विभागों के साथ आपसी तालमेल स्थापित कर डाटा तैयार करें. मुख्यमंत्री ने स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक सब कमेटी बनाकर योजना में बदलाव किए जाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की राशि को अन्य सिंचाई परियोजनाओं में लगाया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने चांडिल डैम के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मती जल्द करने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें: किसान संगठनों के आह्वान पर वामदलों का राजभवन मार्च, तीन सदस्यीय शिष्टमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात

कई परियोजनाओं को किया जाएगा बंद

सिंचाई की वैसी परियोजनाएं जिनकी उपयोगिता शून्य है उन्हें बंद किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने अगले मार्च तक ऐसी योजनाओं की समीक्षा करने का निर्देश भी विभागीय पदाधिकारियों को दिया. विभागीय सचिव प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री को अमानत बराज परियोजना, अन्नराज जलाशय योजना, बक्सा जलाशय योजना, खुदीया वीयर योजना, पलना जलाशय योजना, चेगरी नाला पर चेक डैम निर्माण, मुर्गाबनी जोरिया पर चेक डैम निर्माण कार्य, राढू नाला पर चेक डैम निर्माण कार्य, मरदा नाला पर चेक डैम निर्माण कार्य, सिकरिया नाला पर चेक डैम निर्माण कार्य, सोन-कनहर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना, मसलिया रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना, पलामू पाइपलाइन सिंचाई परियोजना, तिलैया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना, भोगनाडीह मेगा लिफ्ट योजना की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया.

रांची: झारखंड के अलग-अलग जिलों में माइनिंग के कारण बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. इन गड्ढों में पानी भी जमा है. अब इस पानी का इस्तेमाल करने के लिए अलग से लिफ्ट इरिगेशन प्लान तैयार किया जाएगा. इससे आसपास के खेतों में पटवन हो सकेगा. जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बाबत निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का सीधा जुड़ाव जल संसाधन विभाग से होता है. कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि खेतों तक पानी पहुंचे. मुख्यमंत्री ने पटवन के लिए पाइपलाइन सिस्टम डेवलप करने का निर्देश दिया है.

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कोनार सिंचाई परियोजना कार्य की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने कोनार सिंचाई परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने जरूरी फॉरेस्ट क्लीयरेंस कराने के साथ-साथ परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कर टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया. गुमानी बराज परियोजना को अगले साल तक चालू किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के शुरु होने से 16000 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित होगी. मुख्यमंत्री ने सभी कैनालों पर लाइनिंग कार्य कराने का भी निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कैनाल के अगल-बगल कच्ची सड़क बनाने का भी निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया.

स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना कार्य की समीक्षा

राज्य में चेक डैम का डाटा तैयार होगा. इससे पता चलेगा कि कितने का कार्य पूर्ण हो चुका है और कितने चेक डैम निर्माण कार्य अभी लंबित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चेक डैम का निर्माण कृषि विभाग, वन विभाग तथा नरेगा के माध्यम से भी किया जा रहा है. इन सभी विभागों के साथ आपसी तालमेल स्थापित कर डाटा तैयार करें. मुख्यमंत्री ने स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक सब कमेटी बनाकर योजना में बदलाव किए जाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की राशि को अन्य सिंचाई परियोजनाओं में लगाया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने चांडिल डैम के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मती जल्द करने का निर्देश दिया.

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कई परियोजनाओं को किया जाएगा बंद

सिंचाई की वैसी परियोजनाएं जिनकी उपयोगिता शून्य है उन्हें बंद किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने अगले मार्च तक ऐसी योजनाओं की समीक्षा करने का निर्देश भी विभागीय पदाधिकारियों को दिया. विभागीय सचिव प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री को अमानत बराज परियोजना, अन्नराज जलाशय योजना, बक्सा जलाशय योजना, खुदीया वीयर योजना, पलना जलाशय योजना, चेगरी नाला पर चेक डैम निर्माण, मुर्गाबनी जोरिया पर चेक डैम निर्माण कार्य, राढू नाला पर चेक डैम निर्माण कार्य, मरदा नाला पर चेक डैम निर्माण कार्य, सिकरिया नाला पर चेक डैम निर्माण कार्य, सोन-कनहर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना, मसलिया रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना, पलामू पाइपलाइन सिंचाई परियोजना, तिलैया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना, भोगनाडीह मेगा लिफ्ट योजना की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया.

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