रांची: झारखंड के सहायक पुलिसकर्मी पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत हैं. इसको लेकर शुक्रवार को सहायक पुलिस कर्मियों के हंगामे को शांत करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा. जिसके बाद दोनों ओर से कई लोग घायल हुए हैं, इस मसले पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उन्हें अपनी बात सरकार के समक्ष रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज की नौबत क्यों आई यह जांच का विषय है.
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आंदोलन के बहाने बीजेपी सेंक रही राजनीतिक रोटी
बता दें कि झारखंड में संविदा के आधार पर सहायक पुलिस कर्मियों की बहाली पिछली सरकार में ही की गई थी. लेकिन उनकी कार्यकाल की समय अवधि 31 अगस्त को ही खत्म हो गई है. जिसके बाद वह स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं और इस मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं. इसको लेकर पक्ष-विपक्ष भी आमने-सामने आ गया है. विपक्षी बीजेपी का कहना है कि सहायक पुलिस कर्मियों को स्थाई किया जाए. साथ ही लाठीचार्ज की भी कड़ी निंदा की गई है, जबकि सत्ताधारी दलों का कहना है कि पिछली बीजेपी के सरकार में संविदा पर सहायक पुलिस कर्मियों को बहाल किया गया था तो सरकार को अपने कार्यकाल में ही उन्हें स्थाई करना चाहिए था. लेकिन अब विपक्षी दल बीजेपी सहायक पुलिस कर्मियों के आंदोलन के बहाने राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रही है.