रांची: मंगलवार को राज्य के प्रसिद्ध मुड़मा मेला का समापन हो गया. समापन समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास शामिल हुए. मेले में आए लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मेला मिठास लेकर आता है और इसके माध्यम से लोगों के बीच मेल-जोल को बढ़ावा मिलता है.
मुड़मा मेला को राजकीय मेला का सरकार ने दिया दर्जा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी परंपरा और संस्कृति को हमें मिलकर सहेजना है. हमें आदिवासी संस्कृति और परंपरा पर गर्व है और हम इसे अक्षुण्ण रखना चाहते हैं. जिससे नई पीढ़ी के युवा आगे बढ़कर अपनी संस्कृति को सहेजने का काम करें. इसलिए राज्य सरकार ने मुड़मा मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिया है. जिसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है.
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शक्ति स्थल तक जाने वाले पथ का 2 माह में होगा निर्माण
मुख्यमंत्री ने मेला में आए लोगों से कहा कि 2014 के बाद राज्य की सरकार इस क्षेत्र को विकसित करने का प्रयास किया है और यहां की बची समस्याओं को भी जल्द से जल्द दूर कर लिया जाएगा. अगले 2 माह के अंदर शक्ति स्थल तक पहुंचने वाले पथ का भी निर्माण हो जायेगा.
सरना धर्म कोड लागू करने की मांग
वहीं इस मौके पर मौजूद मांडर की विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि यह मेला सदियों से आदिवासियों के संस्कृति का निर्वहन करता आ रहा है. इस मेले को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने यहां विकास का कार्य किया है. विधायक गंगोत्री कुजूर ने सरना धर्म कोड लागू करने की मांग मुख्यमंत्री से की.
इस मौके पर मुख्यमंत्री के अलावा मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर, धर्मगुरु बंधन तिग्गा, रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे, वरीय पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता, रांची पहड़ा समिति के अध्यक्ष जगराम उरांव, मुर्मू मेला के सचिव रंथू उरांव, कमले उरांव और ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड के विभिन्न जिला से आए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे.