रांची: छठ महापर्व को लेकर तालाबों और जलाशयों में साफ-सफाई के बेहतर व्यवस्था का दावा निगम की ओर से लगातार किया जाता रहा है. लेकिन शहर के बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती बनी हुई है. क्योंकि उसमें जलकुंभी के पौधे को अब तक हटाने में सफलता नहीं मिली है. आलम यह है कि बड़ा तलाब के छठ घाट की स्थिति दयनीय बनी हुई है.
जलकुंभी का अंबार
राजधानी के बड़ा तालाब की सफाई का काम दुर्गा पूजा के पहले से चल रहा है. लेकिन अब तक वहां सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई है. दुर्गा पूजा के विसर्जन के बाद जेसीबी से भी वहां सफाई कार्य किए गए हैं. तो वहीं सैकड़ों ट्रैक्टर जलकुंभी के पौधे भी निकाले जा चुके हैं. लगातार जलकुंभी के पौधे निकालने का काम किया जा रहा है.
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बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती
पिछले दिनों शहर की मेयर, डिप्टी मेयर समेत निगम के पदाधिकारियों ने तालाबों का निरीक्षण भी किया था और कई दिशा-निर्देश भी दिए थे. साथ ही श्रमदान भी किया था. लेकिन महज कुछ दिनों बाद छठ महापर्व है. फिर भी बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती बनी हुई है.
सैकड़ों सफाईकर्मी कर रहे काम
शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने छठ महापर्व को लेकर कहा कि सभी तालाबों की सफाई व्यवस्था छठ से पहले कर ली जाएगी. इसके लिए निगम पदाधिकारियों की ओर से जोर शोर से सफाई अभियान चलाया जा रहा है और सैकड़ों सफाईकर्मी हर छठ घाट की सफाई में लगाए गए हैं.
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विसर्जन कुंड और टेंपरेरी चेंजिंग रूम
उन्होंने कहा है कि जिस तरह से करमटोली तालाब का सौंदर्यीकरण करने के बाद तीन छठ घाट बनाए गए हैं, जो एक मॉडल के रूप में सामने आया है. उसी तरह आने वाले समय में बड़ा तालाब का भी सौंदर्यीकरण कर बेहतर छठ घाट की व्यवस्था की जाएगी. वहीं उन्होंने छठ घाटों की सफाई के साथ-साथ विसर्जन कुंड और टेंपरेरी चेंजिंग रूम बनाए जाने की भी जानकारी दी, ताकि छठ व्रतियों को सुविधा मिल सके.