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CLAT मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, न्यायालय ने फैसला रखा सुरक्षित

क्लैट से अलग होकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की प्रवेश परीक्षा लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों की ओर से अदालत में कोर्ट के क्षेत्राधिकार का भी मुद्दा उठाया गया. अदालत को बताया गया कि यह मामला पूरे देश से जुड़ा है. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता. जबकि प्रार्थियों का कहना था कि झारखंड के छात्र भी क्लैट के माध्यम से परीक्षा में शामिल होकर बेंगलुरु में नामांकन लेना चाहते हैं. इस कारण झारखंड हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 10, 2020, 10:13 PM IST

रांची: क्लैट से अलग होकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की प्रवेश परीक्षा लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसको लेकर रेनिया धर और अन्य ने याचिका दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में नामांकन क्लैट से होता था, लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी अलग से प्रवेश परीक्षा ले रही है, जो उचित नहीं है. केंद्र सरकार और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की ओर से बताया गया कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. यूनिवर्सिटी अलग से परीक्षा ले सकता है.

ये भी पढ़ें- टेरर फंडिंग मामले में अग्रवाल बंधुओं को झारखंड हाई कोर्ट से राहत जारी, 29 सितंबर को होगी अलगी सुनवाई

दोनों की ओर से अदालत में कोर्ट के क्षेत्राधिकार का भी मुददा उठाया गया. अदालत को बताया गया कि यह मामला पूरे देश से जुड़ा है. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता. जबकि प्रार्थियों का कहना था कि झारखंड के छात्र भी क्लैट के माध्यम से परीक्षा में शामिल होकर बेंगलुरु में नामांकन लेना चाहते हैं. इस कारण झारखंड हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

रांची: क्लैट से अलग होकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की प्रवेश परीक्षा लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसको लेकर रेनिया धर और अन्य ने याचिका दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में नामांकन क्लैट से होता था, लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी अलग से प्रवेश परीक्षा ले रही है, जो उचित नहीं है. केंद्र सरकार और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की ओर से बताया गया कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. यूनिवर्सिटी अलग से परीक्षा ले सकता है.

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दोनों की ओर से अदालत में कोर्ट के क्षेत्राधिकार का भी मुददा उठाया गया. अदालत को बताया गया कि यह मामला पूरे देश से जुड़ा है. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता. जबकि प्रार्थियों का कहना था कि झारखंड के छात्र भी क्लैट के माध्यम से परीक्षा में शामिल होकर बेंगलुरु में नामांकन लेना चाहते हैं. इस कारण झारखंड हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

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