रांची: झारखंड में करप्शन के बड़े मामलों में सीआईडी ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. 59 करोड़ से अधिक के चार बड़े घोटालों में झारखंड सरकार के अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में है. एडीजी सीआईडी अनिल पाल्टा सभी घोटालों की जांच के लिए अलग-अलग टीम गठित कर दी है.
चार बड़े मामलो की जांच में जुटी CID
सबसे बड़ा मामला झारखंड स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 38 करोड़ के 2 घोटालों का है. इन मामलों में सीआईडी ने बैंक को नोटिस कर लोन की गड़बड़ी से संबंधित सारे कागजात जब्त कर लिए हैं. सरायकेला थाने में बैंक में घोटाले को लेकर कांड संख्या 118 और 119 /19 को सीआईडी ने बीते हफ्ते ही टेकओवर किया है. वहीं सीआईडी ने बुधवार को पलामू के विशेष भू-अर्जन उत्तरी कोयल परियोजना मेदनीनगर से 12.60 करोड़ के गबन और गुमला में समेकित जनजाति विकास अभिकरण के 9.05 करोड़ के गबन के मामले में भी जांच को टेकओवर किया था. इन दोनों मामले में गुरुवार को सीआईडी के एसपी मनोज रतन चोथे के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है. सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने करप्शन से जुड़े इन चार प्रमुख कांडों के अनुसंधान के लिए डीएसपी, इंस्पेक्टर से लेकर दूसरे कर्मियों की एक अलग अलग टीम बनाई है, जो अलग-अलग इन सभी मामलों की जांच करेंगे.
बैंक के AGM भी करेंगे जांच में सहयोग
झारखंड स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में लोन घोटाले में बैंक अधिकारियों के साथ-साथ सरायकेला के एक कारोबारी की भी भूमिका संदिग्ध है. 38 करोड़ के इस घोटाले में सीआईडी ने जांच में बैंक के एजीएम स्तर के अधिकारी को भी जांच टीम में अपने साथ जोड़ा है. जो कि जांच में सहयोग करेंगे.