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सूखा पड़ा तो किसानों को नहीं होगी दिक्कत, मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को अपने प्लान से कराया अवगत

रांची में मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कम बारिश से परेशान किसानों की समस्या को लेकर एक बैठक बुलाई. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों से बातचीत के आधार एक सप्ताह के भीतर सहायता पहुंचाने से जुड़ी रणनीति तैयार करें.

अधिकारियों के साथ सीएस की बैठक
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Published : Jul 22, 2019, 10:48 PM IST

रांची: झारखंड में अब तक मानसून की कम हुई बारिश के मद्देनजर सुखाड़ की संभावना बन रही है. अगर ऐसा हुआ तो किसानों को जल्द से जल्द कैसे सहायता पहुंचाई जाए इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इस मसले को लेकर आनन-फानन में बैठक बुलाई और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों से बातचीत के आधार एक सप्ताह के भीतर सहायता पहुंचाने से जुड़ी रणनीति तैयार करें.

उपायुक्तों को जिम्मेदारी
दरअसल, कम बारिश होने पर धान की खेती प्रभावित होती है. लिहाजा सुखाड़ की सूरत में किसानों को दलहन और तिलहन के बीज जिलास्तर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो इसकी जिम्मेदारी उपायुक्तों को दी गई है. मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों से दलहन और तिलहन की बीज और खाद की उपलब्धता का डाटा भी मांगा है.

11 जिलों में धनरोपनी शून्य
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अभी तक 45 फीसदी कम बारिश हुई है, जो पिछले वर्ष से भी कम है. इससे आठ जिला चतरा, बोकारो, धनबाद, गोड्डा, पाकुड़, रांची, सरायकेला-खारसावां और खूंटी सर्वाधिक प्रभावित हैं. लेकिन, पूरे राज्य में बारिश की स्थिति अच्छी नहीं है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी 11 जिलों में धनरोपनी शून्य है.

बेरोजगारी बढ़ेगी
सुखाड़ होने पर धान की बुआई नहीं होने से बेरोजगारी बढ़ेगी. इसे देखते हुए मुख्य सचिव ने गांव स्तर पर लोगों को काम देने की व्यवस्था करने के लिए मनरेगा आयुक्त को निर्देश दिए हैं. मनरेगा आयुक्त ने बताया कि फिलहाल जल शक्ति योजना के तहत 54 हजार नई योजना पर पूरे राज्य में काम चल रहा है. उससे रोजगार भी सृजित हो रही है. उन्होंने बताया कि मजदूरी भुगतान के लिए भी केंद्र से 150 करोड़ रुपए मिल गए हैं, इसलिए तत्काल मजदूरी भुगतान भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि हर गांव में मनरेगा के द्वारा शार्ट और लॉन्ग टर्म योजनाएं संचालित हैं और रोजगार सृजन हो रहा है.

बीज और खाद की खरीद में बतौर अनुदान पैसा उपलब्ध कराएंगे
सूखा की स्थिति से समय रहते निपटने पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने स्टेट डिजास्टर रिसपांस फंड का 350 करोड़ रुपए एक सप्ताह के भीतर उपायुक्तों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इस फंड से उपायुक्त किसानों को बीज और खाद की खरीद में बतौर अनुदान पैसा उपलब्ध कराएंगे.

ये भी पढ़ें- मोबाइल रिचार्ज कराने गया दुकान, मिनटों में बाइक की डिक्की से उड़ा ले गए डेढ़ लाख

80 करोड़ रुपए तत्काल जिलों को उपलब्ध कराने का निर्देश
कम बारिश से पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया. इस वर्ष इस मद में 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. मुख्य सचिव ने इस मद की अतिरिक्त 80 करोड़ रुपए तत्काल जिलों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

रांची: झारखंड में अब तक मानसून की कम हुई बारिश के मद्देनजर सुखाड़ की संभावना बन रही है. अगर ऐसा हुआ तो किसानों को जल्द से जल्द कैसे सहायता पहुंचाई जाए इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इस मसले को लेकर आनन-फानन में बैठक बुलाई और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों से बातचीत के आधार एक सप्ताह के भीतर सहायता पहुंचाने से जुड़ी रणनीति तैयार करें.

उपायुक्तों को जिम्मेदारी
दरअसल, कम बारिश होने पर धान की खेती प्रभावित होती है. लिहाजा सुखाड़ की सूरत में किसानों को दलहन और तिलहन के बीज जिलास्तर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो इसकी जिम्मेदारी उपायुक्तों को दी गई है. मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों से दलहन और तिलहन की बीज और खाद की उपलब्धता का डाटा भी मांगा है.

11 जिलों में धनरोपनी शून्य
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अभी तक 45 फीसदी कम बारिश हुई है, जो पिछले वर्ष से भी कम है. इससे आठ जिला चतरा, बोकारो, धनबाद, गोड्डा, पाकुड़, रांची, सरायकेला-खारसावां और खूंटी सर्वाधिक प्रभावित हैं. लेकिन, पूरे राज्य में बारिश की स्थिति अच्छी नहीं है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी 11 जिलों में धनरोपनी शून्य है.

बेरोजगारी बढ़ेगी
सुखाड़ होने पर धान की बुआई नहीं होने से बेरोजगारी बढ़ेगी. इसे देखते हुए मुख्य सचिव ने गांव स्तर पर लोगों को काम देने की व्यवस्था करने के लिए मनरेगा आयुक्त को निर्देश दिए हैं. मनरेगा आयुक्त ने बताया कि फिलहाल जल शक्ति योजना के तहत 54 हजार नई योजना पर पूरे राज्य में काम चल रहा है. उससे रोजगार भी सृजित हो रही है. उन्होंने बताया कि मजदूरी भुगतान के लिए भी केंद्र से 150 करोड़ रुपए मिल गए हैं, इसलिए तत्काल मजदूरी भुगतान भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि हर गांव में मनरेगा के द्वारा शार्ट और लॉन्ग टर्म योजनाएं संचालित हैं और रोजगार सृजन हो रहा है.

बीज और खाद की खरीद में बतौर अनुदान पैसा उपलब्ध कराएंगे
सूखा की स्थिति से समय रहते निपटने पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने स्टेट डिजास्टर रिसपांस फंड का 350 करोड़ रुपए एक सप्ताह के भीतर उपायुक्तों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इस फंड से उपायुक्त किसानों को बीज और खाद की खरीद में बतौर अनुदान पैसा उपलब्ध कराएंगे.

ये भी पढ़ें- मोबाइल रिचार्ज कराने गया दुकान, मिनटों में बाइक की डिक्की से उड़ा ले गए डेढ़ लाख

80 करोड़ रुपए तत्काल जिलों को उपलब्ध कराने का निर्देश
कम बारिश से पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया. इस वर्ष इस मद में 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. मुख्य सचिव ने इस मद की अतिरिक्त 80 करोड़ रुपए तत्काल जिलों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

Intro:सूखा पड़ा तो किसानों को नहीं होगी दिक्कत, मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को अपने प्लान से कराया अवगत

रांची

झारखंड में अब तक मानसून की कम हुई बारिश के मद्देनजर सुखाड़ की संभावना बन रही है। अगर ऐसा हुआ तो किसानों को जल्द से जल्द कैसे सहायता पहुंचाई जाए इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इस मसले को लेकर आनन-फानन में बैठक बुलाई और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों से बातचीत के आधार एक सप्ताह के भीतर सहायता पहुंचाने से जुड़ी रणनीति तैयार करने को कहा है। दरअसल, कम बारिश होने पर धमकी खेती प्रभावित होती है लिहाजा सुखाड़ की सूरत में किसानों को दलहन और तिलहन के बीज जिला स्तर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो इसकी जिम्मेदारी उपायुक्तों को दी गई है। मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों से दलहन और तिलहन की बीज और खाद की उपलब्धता का डाटा ही मांगा है। आंकड़ों के अनुसार राज्य में अभी तक 45 फीसदी कम बारिश हुई है, जो पिछले वर्ष से भी कम है। इससे आठ जिलें चतरा, बोकारो, धनबाद, गोड्डा, पाकुड़, रांची, सरायकेला-खारसावां तथा खूंटी सर्वाधिक प्रभावित हैं। लेकिन, कमोबेस पूरे राज्य में बारिश की स्थिति अच्छी नहीं हैं। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी 11 जिलों में धनरोपनी शून्य है।

सुखाड़ होने पर धान की बुआई नहीं होने से बेरोजगारी बढ़ेगी। इसे देखते हुए मुख्य सचिव गांव स्तर पर लोगों को काम देने की व्यवस्था करने के लिए मनरेगा आयुक्त को निर्देश दिया है।

मनरेगा आयुक्त ने बताया कि फिलहाल जल शक्ति योजना के तहत 54 हजार नई योजना पर पूरे राज्य में काम चल रहा है तथा उससे रोजगार भी सृजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि मजदूरी भुगतान के लिए भी केंद्र से 150 करोड़ रुपये मिल गए हैं, इसलिए तत्काल मजदूरी भुगतान भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक गांव में मनरेगा के द्वारा शार्ट और लॉंग टर्म योजनाएं संचालित हैं तथा रोजगार सृजन हो रहा है।





Body:सूखा की स्थिति से समय रहते निबटने पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने स्टेट डिजास्टर रिसपांस फंड का 350 करोड़ रुपये एक सप्ताह के भीतर उपायुक्तों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस फंड से उपायुक्त किसानों को बीज और खाद की खरीद में बतौर अनुदान पैसा उपलब्ध कराएंगे।
Conclusion:कम बारिश से पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया। इस वर्ष इस मद में 100 करोड़ रुपये खर्च किए गये हैं। मुख्य सचिव ने इस मद की अतिरिक्त 80 करोड़ रुपये तत्काल जिलों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
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