रांची: पिछले कई दिनों से बर्ड फ्लू फैलने के खतरे की खबरें आ रही हैं. कोरोना संक्रमण से अभी पीछा छूटा नहीं था की चीन में एक वायरस बर्ड फ्लू H10N3 ने दस्तक दे दी है. यह बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन है. पहली बार इसका संक्रमण मनुष्य में पाया गया है. हालांकि भारत में इसकी अब तक पुष्टि नहीं हुई. इसके बावजूद सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है.
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बर्ड फ्लू(H5N1) वायरस के कारण पक्षियों की मृत्यु होती है. बर्ड फ्लू बीमारी की चपेट में पक्षी दम तोड़ ही देते हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि बर्ड फ्लू का संक्रमण इंसानों में पाया गया हो. यह बीमारी इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक है. हालांकि भारत में बर्ड फ्लू का फिलहाल कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है. लेकिन सरकार ने वायरस के साथ चीन के पुराना नाते को देखते हुए चौकसी बढ़ा दी है.
व्यापारियों की बढ़ी परेशानी
बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर मुर्गा के व्यापार से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ गई हैं. उनका कहना है कि इस फ्लू के कारण व्यापारियों को काफी दिक्कत होती है. लोगों में फ्लू को लेकर भ्रम फैल जाता है. जिसके कारण व्यापार में काफी नुकसान होता है.
एक मुर्गे के चूजे को बढ़ाने में काफी खर्च होता है. ऐसे में बर्ड फ्लू के आने से काफी दिक्कतें होती हैं. व्यापार में भी काफी नुकसान होता है. एक तरफ कोरोना के कारण रेस्टोरेंट्स, शादी पार्टी में रोक लगी हुई है जिसके कारण पिछले 1 वर्षों से व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित है.
इधर, चीन में कोरोना के बाद बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है जिससे मुर्गा व्यवसाय से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का लोग पूरी तरह से पालन करते हैं
बाहरी लोगों को फार्म में जाने की अनुमति नहीं
वहीं, बर्ड फ्लू को लेकर मुर्गा पालक काफी सचेत नजर आ रहे हैं. उनकी मानें तो बर्ड फ्लू को लेकर अभी सबसे ज्यादा लोग फार्म पर ध्यान दे रहे हैं. इसके लिए सबसे पहले प्रत्येक दिन बर्तन की अच्छी तरह से साफ सफाई कर दाना और पानी मुर्गा को दिया जाता है. उसके साथ ही किसी भी बाहरी व्यक्ति को फार्म के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है.
इसके बावजूद संक्रमण का खतरा बना रहता है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए चिकन व्यवसाय पर काफी प्रभाव पड़ता है. खासकर कोरोना महामारी के दौर में जहां लोग सावधानियां बरत रहे हैं तो वहीं बर्ड फ्लू का एक और वायरस आने से लोग काफी सतर्क हो गया है. चिकन खरीदारों का कहना है कि मुर्गा सस्ता होने पर भी नहीं खरीद रहे क्योंकि उन्हें अपने स्वास्थ्य का डर है.
पक्षियों में नहीं मिले लक्षण
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटरनरी डॉक्टर सुशील प्रसाद ने बताया कि भारत में अभी इस प्रकार के कोई भी लक्षण पक्षियों में नहीं देखे गए हैं. न ही इसको लेकर पुष्टि की गई है. अगर किसी भी मुर्गी पालक के यहां 10 से अधिक मुर्गी मरती हैं, तो तुरंत वेटरनरी के डॉक्टर से संपर्क करें और उसकी जांच कराएं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी पक्षी कहीं मरा दिखे तो उसे तुरंत गड्ढा खोदकर दफन कर देना चाहिए. यह वायरस बांग्लादेश से होते हुए भारत में प्रवेश करता है. खासकर बंगाल जैसे राज्यों से मुर्गियों के आयात के कारण बर्ड फ्लू की आशंका बढ़ जाती है. उन्होंने यह भी कहा है कि अभी भारत में बर्ड फ्लू का कोई भी पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में चिकन खाने से लोगों को परहेज नहीं करना चाहिए, लेकिन सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए.
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बर्ड फ्लू से बचाव, सावधानियां और इसके लक्षण
बर्ड फ्लू की बीमारी इंसानों से मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के बेहद पास रहने से होती है. यह वायरस इंसानों की आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है. इसलिए नॉनवेज खरीदते वक्त साफ सफाई का बेहद ध्यान रखने की जरूरत है. साथ ही संक्रमित एरिया में मास्क का प्रयोग करना अति आवश्यक है.
इस बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू के जैसे ही होते हैं. जैसे ही यह इंसान में प्रवेश करता है सांस लेने में समस्या होने लगती है. उल्टी होने का एहसास होता है. बुखार, नाक बहना, सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द के साथ पेट में भी दर्द शुरू हो जाता है.
प्रवासी पक्षियों से फैलती है बीमारी
भारत में पक्षियों में बर्ड फ्लू की यह बीमारी प्रवासी पक्षियों के आवागमन के कारण फैलती है. क्योंकि ठंड के समय कई दूसरे प्रदेशों से भी प्रवासी पक्षी एक दूसरे राज्य में पहुंचते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कोरोना महामारी और चीन का नाता देखते हुए बर्ड फ्लू से भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. ऐसे में पक्षियों को इस बीमारी से बचाने के लिए सतर्कता जरूरी है. किसी भी परिस्थिति में अगर पक्षियों की मरने की घटनाएं सामने आती हैं, तो तुरंत पशुपालन विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए.