रांचीः धनबाद में जज उत्तम आनंद हत्याकांड (Judge Uttam Anand murder case) मामले पर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई एसपी कोर्ट में उपस्थित हुए. अदालत द्वारा पूछे गए एक-एक सवाल का जवाब एसपी ने दिया. एसपी ने बताया कि कुछ विशेष परिस्थिति में ट्रायल पूरा हो जाने के बावजूद भी अनुसंधान जारी रखा जा सकता है. इसके लिए सीबीआई की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने केरल हाई कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया. सीबीआई के जवाब से अदालत ने अपनी संतुष्टि जताते हुए उन्हें प्रगति रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान पहले हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में सीबीआई की ओर से जवाब पेश किया गया. सीबीआई ने केरल हाई कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए बताया है कि कुछ नए तथ्य आने के बाद ट्रायल पूरा हो जाने के बावजूद किसी मामले में सीबीआई अनुसंधान जारी रख सकती है. सीबीआई के जवाब पर खंडपीठ ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए सीबीआई को आवश्यक कार्रवाई करने की छूट देते हुए मामले की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
पूर्व में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि मामले में ट्रायल पूरा हो जाने के बाद आगे सीबीआई का अनुसंधान चल सकता है या नहीं. सीबीआई किस प्रावधान के तहत जांच जारी रखना चाहती है. कोर्ट ने मामले में सीबीआई को जवाब दायर करने का निर्देश दिया था. पूर्व की सुनवाई में सीबीआई की ओर से कहा गया कि जज उत्तम आनंद हत्याकांड में वृहत षड्यंत्र को देखते हुए सीबीआई जांच जारी रखे हुई है.
बता दें कि सीबीआई ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताया था कि धनबाद सिविल कोर्ट के सीबीआई की विशेष अदालत ने दो अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा दी. विशेष अदालत ने 6 अगस्त को दोषी राहुल वर्मा और लखन वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. ट्रायल कोर्ट ने धनबाद डालसा को यह निर्देश दिया है कि दिवंगत जज उत्तम आनंद के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाये.