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चाइनीज सामानों का हो रहा बहिष्कार, सीमा पर झड़प के बाद फूटा आक्रोश

भारत-चाइना के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ राजधानी रांचीवासियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है. बता दें कि रांचीवासियों ने चाइनीज ऐप और चाइनीज सामानों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है.

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रांची की जनता
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Published : Jun 19, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 6:01 PM IST

रांची: भारत-चाइना के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ राजधानी रांचीवासियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है. जहां पूरे भारत में लोग चाइनीज ऐप और चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर चाइना का विरोध कर रहे हैं. उसी तरह राजधानी में भी चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात कह रहे हैं.

चाइनीज सामानों का बहिष्कार
चाइनीज सामानों का बहिष्कार
राजधानी के बरियातू निवासी रोहन चौबे बताते हैं कि जिस तरह से चाइनीज सेनाओं ने कायराना हरकत दिखाते हुए भारतीय सेनाओं पर हमला कर मौत के घाट उतारा है यह निश्चित ही घोर निंदनीय है. अपने शहीद सेनाओं को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए उन्होंने चाइनीज सामानों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. छात्र गुंजन कुमार बताते हैं कि जिस तरह से भारतीय सेना पर चाइनीज सेनाओं ने हमला किया है इससे भारतीय काफी आक्रोशित हैं और छात्रों ने भी चाइनीज ऐप का उपयोग करना बंद कर दिया है.

ये भी पढ़ें- इंजीनियर ने नौकड़ी छोड़ बढ़ाया खेती की ओर हाथ, किसानों की आय बढ़ाने में कर रहे सहयोग

'भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का काम करेंगे'
वहीं, बूटी मोड़ के निवासी राजीव रंजन बताते हैं कि भारतीय सेना के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को भी चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर विरोध करने की जरूरत है, ताकि चाइना को आर्थिक रूप से कमजोर कर सकें. दुकानदार गौरी शंकर ने भी अपना आक्रोश जाहिर करते हुए बताया कि जिस तरह से हमारे पूर्वजों के मिट्टी और भारत में बने सामानों का उपयोग किया जाता था, उसी तरह लोग अब भारतीय सामान का उपयोग कर भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का काम करेंगे.

'देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं'
जयप्रकाश नगर निवासी नीरज सिंह बताते हैं कि सरहद पर शहीद हुए 20 जवान सिर्फ एक घर के नहीं, बल्कि 135 करोड़ हिंदुस्तानी के घर का बेटा है. इसीलिए आज पूरे देश के नागरिकों से अपील करते हैं कि चाइना के रणनीति और कूटनीति को असफल करने के लिए उसे आर्थिक रूप से कमजोर बनाने का काम करें. क्योंकि चाइना तब तक मजबूत है जब तक भारत के लोग उसके सामानों का उपयोग कर रहे हैं. इसीलिए भारत के लोगों का यह धर्म बनता है कि चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं.

ये भी पढ़ें- रांची: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी शुरू, 19,278 कैदियों को कराया जाएगा योग अभ्यास

20 जवान हुए हैं शहीद
बता दें कि बीते सोमवार को भारत और चाइना के सेनाओं के बीच लद्दाख में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सेना शहीद हो गए हैं. जिसको लेकर भारत के नागरिकों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है और वह मेड इन चाइना और चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं.

रांची: भारत-चाइना के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ राजधानी रांचीवासियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है. जहां पूरे भारत में लोग चाइनीज ऐप और चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर चाइना का विरोध कर रहे हैं. उसी तरह राजधानी में भी चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात कह रहे हैं.

चाइनीज सामानों का बहिष्कार
चाइनीज सामानों का बहिष्कार
राजधानी के बरियातू निवासी रोहन चौबे बताते हैं कि जिस तरह से चाइनीज सेनाओं ने कायराना हरकत दिखाते हुए भारतीय सेनाओं पर हमला कर मौत के घाट उतारा है यह निश्चित ही घोर निंदनीय है. अपने शहीद सेनाओं को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए उन्होंने चाइनीज सामानों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. छात्र गुंजन कुमार बताते हैं कि जिस तरह से भारतीय सेना पर चाइनीज सेनाओं ने हमला किया है इससे भारतीय काफी आक्रोशित हैं और छात्रों ने भी चाइनीज ऐप का उपयोग करना बंद कर दिया है.

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'भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का काम करेंगे'
वहीं, बूटी मोड़ के निवासी राजीव रंजन बताते हैं कि भारतीय सेना के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को भी चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर विरोध करने की जरूरत है, ताकि चाइना को आर्थिक रूप से कमजोर कर सकें. दुकानदार गौरी शंकर ने भी अपना आक्रोश जाहिर करते हुए बताया कि जिस तरह से हमारे पूर्वजों के मिट्टी और भारत में बने सामानों का उपयोग किया जाता था, उसी तरह लोग अब भारतीय सामान का उपयोग कर भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का काम करेंगे.

'देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं'
जयप्रकाश नगर निवासी नीरज सिंह बताते हैं कि सरहद पर शहीद हुए 20 जवान सिर्फ एक घर के नहीं, बल्कि 135 करोड़ हिंदुस्तानी के घर का बेटा है. इसीलिए आज पूरे देश के नागरिकों से अपील करते हैं कि चाइना के रणनीति और कूटनीति को असफल करने के लिए उसे आर्थिक रूप से कमजोर बनाने का काम करें. क्योंकि चाइना तब तक मजबूत है जब तक भारत के लोग उसके सामानों का उपयोग कर रहे हैं. इसीलिए भारत के लोगों का यह धर्म बनता है कि चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं.

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20 जवान हुए हैं शहीद
बता दें कि बीते सोमवार को भारत और चाइना के सेनाओं के बीच लद्दाख में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सेना शहीद हो गए हैं. जिसको लेकर भारत के नागरिकों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है और वह मेड इन चाइना और चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 19, 2020, 6:01 PM IST
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