रांची: भारत-चाइना के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ राजधानी रांचीवासियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है. जहां पूरे भारत में लोग चाइनीज ऐप और चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर चाइना का विरोध कर रहे हैं. उसी तरह राजधानी में भी चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात कह रहे हैं.
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'भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का काम करेंगे'
वहीं, बूटी मोड़ के निवासी राजीव रंजन बताते हैं कि भारतीय सेना के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को भी चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर विरोध करने की जरूरत है, ताकि चाइना को आर्थिक रूप से कमजोर कर सकें. दुकानदार गौरी शंकर ने भी अपना आक्रोश जाहिर करते हुए बताया कि जिस तरह से हमारे पूर्वजों के मिट्टी और भारत में बने सामानों का उपयोग किया जाता था, उसी तरह लोग अब भारतीय सामान का उपयोग कर भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का काम करेंगे.
'देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं'
जयप्रकाश नगर निवासी नीरज सिंह बताते हैं कि सरहद पर शहीद हुए 20 जवान सिर्फ एक घर के नहीं, बल्कि 135 करोड़ हिंदुस्तानी के घर का बेटा है. इसीलिए आज पूरे देश के नागरिकों से अपील करते हैं कि चाइना के रणनीति और कूटनीति को असफल करने के लिए उसे आर्थिक रूप से कमजोर बनाने का काम करें. क्योंकि चाइना तब तक मजबूत है जब तक भारत के लोग उसके सामानों का उपयोग कर रहे हैं. इसीलिए भारत के लोगों का यह धर्म बनता है कि चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं.
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20 जवान हुए हैं शहीद
बता दें कि बीते सोमवार को भारत और चाइना के सेनाओं के बीच लद्दाख में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सेना शहीद हो गए हैं. जिसको लेकर भारत के नागरिकों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है और वह मेड इन चाइना और चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं.