रांची: सत्तारूढ़ दल झामुमो, कांग्रेस और राजद के बीच आई खटास बढ़ती जा रही है. कांग्रेस कोटे के मंत्रियों और नेताओं के दिल्ली बुलावे के बाद सबकी नजरें दिल्ली पर टिकी हुई है कि आखिर कांग्रेस के बड़े नेता क्या फैसला लेते हैं. इधर सत्तारूढ़ दलों के अंदर बढ़ रही खटास पर प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के अंदर ऑल इज वेल नहीं है.
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झारखंड बीजेपी पार्टी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि कांग्रेस की नाराजगी शुभ संकेत नहीं है. कहीं ना कहीं सरकार के अंदर उसकी बातों को तरजीह नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो-दो विधायक खुलकर सामने आये हैं उससे साफ लग रहा है कि सरकार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है.
दिल्ली में कांग्रेस कोटे के मंत्री और नेता: कांग्रेस आलाकमान के बुलावे पर पार्टी कोटे के हेमंत सरकार में मंत्री और नेता दिल्ली में हैं. आनन फानन में बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस प्रभारी पार्टी विधायक को इस बहाने एकजुट कर सरकार के अंदर उनकी मांगों को रखने के लिए दवाब बनाने की कोशिश करेंगे. इसके अलावे दिल्ली में आयोजित बैठक में कॉमन मीनिमम प्रोग्राम पर मुख्यमंत्री की उदासीन रवैया पर भी खुलकर चर्चा हुई.
जानकारी के मुताबिक संगठन के अंदर विधायक और पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर भी चर्चा होगी. लंबे समय से पार्टी कार्यकर्ता और विधायक सरकार में उनकी कोई बात नहीं सुने जाने का आरोप लगाते रहे हैं. अधिकारियों की मनमानी से मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता खासे नाराज हैं. कांग्रेस चिंतन शिविर में इसके प्रमाण मिलने के बाद कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करने का भरोसा दिया था. मगर इसमें आगे कुछ भी नहीं हुआ और संगठन के अंदर विरोध के स्वर तेज होता देख पार्टी नेताओं की आनन फानन बैठक बुलानी पड़ी है.