रांचीः प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद राज्य में सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में उभरी भारतीय जनता पार्टी अब हार की समीक्षा करने जा रही है. इस बाबत पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष रांची आ रहे हैं और तय कार्यक्रम के अनुसार रविवार की दोपहर वह एक बैठक करेंगे.
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह भी रांची आ रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को दिन के 11:00 बजे स्टेट पार्टी हेड क्वार्टर में बैठक बुलाई गई है. जिसमें विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशियों को बुलाया गया है. उनमें एक तरफ जहां 25 मौजूदा विधायक होंगे वहीं 45 वैसे प्रत्याशी होंगे जिन्हें विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बढ़ रही है गतिविधियां
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के रांची यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि बीजेपी अब दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के बाद थोड़ी राहत की सांस ले रही है. पार्टी सूत्रों का यकीन करें तो अब पार्टी का फोकस झारखंड पर होगा. इसके साथ ही झाविमो का बीजेपी में विलय को लेकर भी संभावनाएं और प्रक्रिया समझी जाएगी. संतोष बैठक में न केवल विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा करेंगे, बल्कि एक तरह से वह पार्टी के नेताओं से फीडबैक भी लेंगे कि विपक्षी दल के रूप में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर सहमति बन सकती है.
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इसके अलावा वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी किन नामों पर विचार हो इस पर भी फीडबैक लेंगे. हालांकि इन सभी बातों का निर्णय दिल्ली क्षेत्र बीजेपी का आलाकमान करेगा, लेकिन संगठन महामंत्री संतोष इन सभी मुद्दों पर एक राय बनाने की कोशिश भी करेंगे.
दरअसल, बीजेपी में अभी तक हार को लेकर कोई खास चिंतन या रिव्यू नहीं हुई है. यह पहला मौका होगा जब पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी बैठकर विशेष रूप से विधानसभा चुनाव की हार को लेकर समीक्षा करेंगे. बता दें कि झारखंड विधानसभा के लिए हुए चुनाव में पिछले साल बीजेपी को 25 सीटें हासिल हुई. वहीं 2014 में पार्टी 37 सीट जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और 5 साल तक बहुमत वाली सरकार बनाने का श्रेय भी उसे है.