रांचीः 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की ओर से लगाये गए आपातकाल की यादों को भाजपा जिंदा रखना चाहती है. राजनीतिक चश्मे से इसे देख रही भाजपा इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाने में जुटी है. ऐसे में कांग्रेस, झामुमो ने पलटवार कर वर्तमान समय को अघोषित आपातकाल बताकर बीजेपी पर हमला बोला है.
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25 जून 1975 को पूरे देश में आपातकाल लागू किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के इस फैसले के विरोध में भारतीय जनता पार्टी 25 जून को काला दिवस के रूप में मना रही है. वैसे तो आपातकाल को लेकर प्रदेश भाजपा की ओर से हर वर्ष 25 जून को विरोध प्रकट किया जाता रहा है, लेकिन इस साल यह विरोध विशेष तौर पर किया जा रहा है.
आपातकाल के विरोध में लड़ाई लड़ने वालों को श्रद्धांजलि
पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से लेकर जिला एवं सभी मंडलों में जहां आपातकाल के विरोध लड़ाई लड़नेवाले वैसे लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है, जिनका निधन हो चुका है. वहीं, जो लोग जीवित हैं उन्हें सम्मानित किया जा रहा है. बीजेपी इस बहाने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के फैसले को लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन और देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार को जनता के बीच ले जाकर इस दिन को देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में बताने की कोशिश में है.
कांग्रेस-झामुमो ने बीजेपी पर साधा निशाना
झारखंड में भी आपातकाल के दौरान हजारों लोग जेल में बंद हुए और पुलिस की लाठी खाई, जिसे बीजेपी काला दिवस के रूप में मना रही है. हालांकि, बीजेपी के आपातकाल दिवस को काला दिवस मनाये जाने पर सियासत भी तेज हो गई है. सत्तारूढ़ कांग्रेस और झामुमो ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा है फर्क इतना ही है कि उस समय घोषित आपातकाल था और अभी उससे ज्यादा अघोषित आपातकाल.
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नेहरू, इंदिरा को नाम लिए बिना बीजेपी को चैन नहीं
कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि बीजेपी नेहरू, इंदिरा को नाम लिए चैन से नहीं रह सकते. वहीं, झामुमो महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि आज जिस तरह से ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है वह अघोषित आपातकाल नहीं तो और क्या है.