रांची: सोमवार को डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की देश भर में जयंती मनाई गई. इस मौके पर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए उनकी जयंती मनायी. इस मौके पर कुलपति के अलावा विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर फूलमाला अर्पण किया. इसके साथ ही उनके बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया.
डीएसपीएमयू के वीसी सत्यनारायण मुंडा ने डॉक्टर श्यामा मुखर्जी के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी धर्म के आधार पर विभाजन के कट्टर विरोधी थे. वह मानते थे कि एक ही भाषा, एक ही संस्कृति और एक ही हमारी विरासत है. संविधान सभा और प्रांतीय संसद के सदस्य और केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने अपना विशिष्ट योगदान दिया. इन्हीं सब वजहों से आज उनके सिद्धांतों पर चलने की जरूरत है.
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में उनकी जयंती के मौके पर कुलपति के अलावा विद्यालय के तमाम पदाधिकारी शामिल हुए. छात्र संगठनों ने इस मौके पर विश्वविद्यालय प्रशासन से प्रांगण में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आदमकद मूर्ति लगाने की मांग की है.