रांची: 10 मई 2021 को जिस कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवास से किया था वह 'बिरसा जीवन आयुष किट' (Birsa Jeevan Ayush Kit Program) कार्यक्रम बिना शुरू हुए ही बंद हो गया. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान होम आइसोलेशन में रहने वाले या अस्पतालों में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं के किट उपलब्ध कराने की योजना थी. इस कार्यक्रम के तहत दो लाख बिरसा आयुष जीवन किट वितरित किया जाना था.
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क्यों बंद करना पड़ा कार्यक्रम
10 मई 2021 को जिस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था. वह करीब चार महीने बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई. बिना तैयारी के ही मुख्यमंत्री के हाथों इस योजना को शुरू करा दी गई थी. लेकिन योजना के लिए दवा वाली किट तक की खरीद नहीं हुई थी. दवा आपूर्ति करने वाले एजेंसियों और कंपनियों का चयन, शर्तों के अनुसार उपलब्ध कराए सैम्पल की गुणवत्ता जांच और फिर बिड यानि निविदा की प्रक्रिया में ही चार महीने लग गए.
कौन-कौन सी दवा होती किस किस किट में
बिरसा जीवन आयुष किट (आयुर्वेदिक) में गिलोय,अश्वगंधा, आयुष क्वाथ और आयुष 64.
बिरसा जीवन आयुष किट (होमियोपैथी) में
इसमें 09 किस्म की दवा होती. जिसमें एकोनाईट, आर्सेनिक, बेलाडोना, ब्रायोनिया, यूपेकट्रीयम, फेरमफास, जेल्सीमियम, पल्सटिला और रसटाक्स शामिल था.
बिरसा जीवन आयुष किट (यूनानी) में
खमीरा मरवारीद, जोशांदा, Laoo-Q-sapistan और हब ए मुबारक दवा होती.
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दवा खरीद करनेवाले कॉर्पोरेशन ने उठाए थे सवाल
झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कारपोरेशन के प्रभारी हेड ने बिरसा जीवन आयुष किट की खरीद को लेकर आयुष निदेशक से पूछा था कि अब जब कोरोना संक्रमण बिल्कुल कमांड में है और गिनती के एक्टिव केस बचे हैं तो ऐसे में अगर दो लाख आयुष किट की खरीद हुई तो इसे बांटेंगे किसके बीच. इसके बाद आयुष निदेशक के नेतृत्व वाली कमिटी ने बिरसा आयुष जीवन किट नहीं खरीदने का फैसला ले लिया.