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स्वास्थ्य क्रांति लाने में आयुष्मान भारत हो रहा सफल, 1 साल में लगभग तीन लाख लोगों को मिला लाभ - आयुष्मान भारत योजना से कितना फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के एक साल पूरे हो गए हैं. इसका फायदा झारखंड की लगभग तीन लाख लोगों को मिला है. इसके तहत गोल्डन कार्ड जारी करने के मामले में भी राज्य देशभर में तीसरे पायदान पर है.

अस्पताल में मौजूद नर्स
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Published : Sep 24, 2019, 7:37 PM IST

रांची: 23 सितंबर 2018 आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ झारखंड की राजधानी रांची की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरुआत की गई थी. एक साल पूरे होने पर राजधानी में दो लाख 83 हजार मरीजों का इस योजना के तहत उपचार हो चुका है.

देखें पूरी खबर

गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान
आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से राज्य के सवा तीन करोड़ आबादी को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए राज्य में स्वास्थ्य विभाग जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश में लगातार जुड़ा हुआ है. सरकार के लगातार प्रयास की वजह से ही पूरे देश में गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान है. वहीं झारखंड की राजधानी रांची का सदर अस्पताल आयुष्मान भारत के तहत मरीजों का इलाज करने में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है.

इलाज के लिए बनाया जाएगा गोल्डन कार्ड
राज्य में 220 सरकारी अस्पताल और 434 निजी अस्पताल हैं जो गोल्डन कार्ड धारी मरीजों का इलाज कराने के लिए रजिस्टर्ड किए गए हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 57 लाख 15 हजार पांच सौ अठाइस परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों में ढाई करोड़ लोगों का आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा.

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आवंटित राशि की सूची

जिला मामले आवंटित राशि (रुपए)
बोकारो 1468 59 लाख
चतरा 1207 70 लाख
देवघर 973 36 लाख
धनबाद 199 25 लाख
दुमका 755 81 लाख
पूर्वी सिंहभूम 1063 57 लाख
गढ़वा 1042 40 लाख
गिरिडीह 745 45 लाख
गोड्डा 737 49 लाख
गुमला 2443 2 करोड़
हजारीबाग 2114 1.75 करोड़
जामताड़ा 690 36 लाख
खूंटी 485 32 लाख
कोडरमा 675 45 लाख
लातेहार 465 25 लाख
लोहरदगा 350 22 लाख
पाकुड़ 260 12 लाख
पलामू 1349 79 लाख
रामगढ़ 289 20 लाख
साहिबगंज 243 14 लाख
सरायकेला 1511 73 लाख
सिमडेगा 467 24 लाख
पश्चिमी सिंहभूम 2354 2.30 करोड़
रांची 5420 2.5 करोड़

ये भी पढ़ें- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कांग्रेस का विशेष कार्यक्रम, कहा- BJP को हराना हमारा लक्ष्य

निशुल्क बन रहा है गोल्डन कार्ड
वहीं राज्य भर में आयुष्मान भारत के तहत रजिस्टर्ड निजी अस्पताल में गरीब मरीजों के इलाज के लिए 18,1677 केसों के इलाज पर 1 अरब 76 करोड़ 77 लाख 48 हजार 3 सौ रुपये सरकार की तरफ से लोगों के लिए खर्च किये गए हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अभिषेक श्रीवास्तव बताते हैं कि राज्य में 57 लाख परिवार में लगभग ढाई करोड़ लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिसमें अब तक 68 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बन चुका है और प्रत्येक दिन एक लाख लोगों का गोल्डन कार्ड स्वास्थ विभाग के तरफ से निर्गत कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद गोल्डन कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क प्रज्ञा केंद्र पर नहीं ली जा रही है. जबकि पूर्व में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार की तरफ से 30 रूपय शुल्क लिए जाते थे.

बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से सरकार गरीबों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाना चाहती है इसके लिए सरकार लोगों के बीच गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए हर अस्पताल में आरोग्य मित्र की बहाली की है. ताकि अस्पताल में आने वाले गरीब मरीज के राशन कार्ड के आधार से उनका आयुष्मान कार्ड तुरंत बना दिया जाए.

रांची: 23 सितंबर 2018 आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ झारखंड की राजधानी रांची की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरुआत की गई थी. एक साल पूरे होने पर राजधानी में दो लाख 83 हजार मरीजों का इस योजना के तहत उपचार हो चुका है.

देखें पूरी खबर

गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान
आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से राज्य के सवा तीन करोड़ आबादी को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए राज्य में स्वास्थ्य विभाग जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश में लगातार जुड़ा हुआ है. सरकार के लगातार प्रयास की वजह से ही पूरे देश में गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान है. वहीं झारखंड की राजधानी रांची का सदर अस्पताल आयुष्मान भारत के तहत मरीजों का इलाज करने में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है.

इलाज के लिए बनाया जाएगा गोल्डन कार्ड
राज्य में 220 सरकारी अस्पताल और 434 निजी अस्पताल हैं जो गोल्डन कार्ड धारी मरीजों का इलाज कराने के लिए रजिस्टर्ड किए गए हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 57 लाख 15 हजार पांच सौ अठाइस परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों में ढाई करोड़ लोगों का आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा.

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आवंटित राशि की सूची

जिला मामले आवंटित राशि (रुपए)
बोकारो 1468 59 लाख
चतरा 1207 70 लाख
देवघर 973 36 लाख
धनबाद 199 25 लाख
दुमका 755 81 लाख
पूर्वी सिंहभूम 1063 57 लाख
गढ़वा 1042 40 लाख
गिरिडीह 745 45 लाख
गोड्डा 737 49 लाख
गुमला 2443 2 करोड़
हजारीबाग 2114 1.75 करोड़
जामताड़ा 690 36 लाख
खूंटी 485 32 लाख
कोडरमा 675 45 लाख
लातेहार 465 25 लाख
लोहरदगा 350 22 लाख
पाकुड़ 260 12 लाख
पलामू 1349 79 लाख
रामगढ़ 289 20 लाख
साहिबगंज 243 14 लाख
सरायकेला 1511 73 लाख
सिमडेगा 467 24 लाख
पश्चिमी सिंहभूम 2354 2.30 करोड़
रांची 5420 2.5 करोड़

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निशुल्क बन रहा है गोल्डन कार्ड
वहीं राज्य भर में आयुष्मान भारत के तहत रजिस्टर्ड निजी अस्पताल में गरीब मरीजों के इलाज के लिए 18,1677 केसों के इलाज पर 1 अरब 76 करोड़ 77 लाख 48 हजार 3 सौ रुपये सरकार की तरफ से लोगों के लिए खर्च किये गए हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अभिषेक श्रीवास्तव बताते हैं कि राज्य में 57 लाख परिवार में लगभग ढाई करोड़ लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिसमें अब तक 68 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बन चुका है और प्रत्येक दिन एक लाख लोगों का गोल्डन कार्ड स्वास्थ विभाग के तरफ से निर्गत कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद गोल्डन कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क प्रज्ञा केंद्र पर नहीं ली जा रही है. जबकि पूर्व में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार की तरफ से 30 रूपय शुल्क लिए जाते थे.

बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से सरकार गरीबों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाना चाहती है इसके लिए सरकार लोगों के बीच गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए हर अस्पताल में आरोग्य मित्र की बहाली की है. ताकि अस्पताल में आने वाले गरीब मरीज के राशन कार्ड के आधार से उनका आयुष्मान कार्ड तुरंत बना दिया जाए.

Intro:पिछले वर्ष 23 सितंबर को देश की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ झारखंड की राजधानी रांची की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरुआत की गई थी।एक साल पूर्ण होने पर राजधानी रांची में दो लाख 83 हज़ार मरीज़ो का इस योजना के तहत उपचार हो चुका है।

आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से राज्य के सवा तीन करोड़ आबादी को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, इसीलिए राज्य में स्वास्थ्य विभाग जन जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश में लगातार जुड़ा हुआ है।


Body:सरकार के लगातार प्रयास की वजह से ही पूरे देश में गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान है, वही झारखंड की राजधानी रांची का सदर अस्पताल आयुष्मान भारत के तहत मरीजों का इलाज करने में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।

राज्य में 220 सरकारी अस्पताल और 434 निजी अस्पताल हैं जो गोल्डन कार्ड धारी मरीजों का इलाज कराने के लिए रजिस्टर्ड किए गए हैं।

आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 57 लाख 15 हज़ार पांच सौ अठाइस परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है,जिसमें राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों में ढाई करोड़ लोगों का आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा।

सरकार की तरफ से गरीब मरीज़ो की इलाज़ के लिये दिए गए आवंटित राशि की सूची।

आयुष्मान भारत के तहत राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में से बोकारो में 1468 केसों में लगभग 59 लाख रुपये सरकार की तरफ से खर्च किये गए हैं, चतरा में 1207 केस के लिए लगभग 70 लाख रुपए सरकार की तरफ से गरीब मरीजों की इलाज़ के लिए खर्च किए गए हैं, वहीं देवघर में 973 केसों में लगभग 36 लाख रुपए लोगों के इलाज के लिए खर्च किए गए हैं, धनबाद में 199 केस के लिए लगभग 25 लाख रुपए सरकार की तरफ से खर्च किए गए हैं, दुमका में 755 केस में लगभग 81 लाख रुपये सरकार की तरफ से इलाज के लिए लोगों को दिए गए हैं, पूर्वी सिंहभूम में 1063 केसो में 57 लाख रुपये सरकार के तरफ से दिए गए हैं, गढ़वा में 1042 केसों में 40 लाख रुपए सरकार की तरफ से लोगों को इलाज के लिए दिए गए हैं, गिरिडीह में 745 केसों में लगभग 45 लाख रुपये इलाज के लिये सरकार की तरफ से दिये गये हैं, गोड्डा में 737 केसों में लगभग 49 लाख रूपये सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, गुमला में 2443 के समय लगभग दो करोड़ सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, हजारीबाग में 2114 केसों के लिए लगभग एक करोड़ 75 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, जामतारा में 690 केसों के लिए लगभग 36 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, खूंटी में 485 केसों में लगभग 32 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, कोडरमा में 675 केसों के लिए लगभग 45 लाख रुपए सरकार की तरफ से आवंटित किए गए, लातेहार में 465 केसों के लिए 25 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, लोहरदगा में 350 केसों के लिए लगभग 22 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, पाकुर में 260 केसों के लिए लगभग 12 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, पलामू में 1349 केस के लिए लगभग 79 लाख रुपये सरकार की तरफ से इलाज के लिए खर्च किए गये, रामगढ़ में 289 केसों के लिए लगभग 20 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, साहिबगंज में 243 केसो में लगभग 14 लाख रुपए सरकार की तरफ से इलाज के लिए दिए गए, सरायकेला जिले में 1511 केसों में लगभग 73 लाख रुपये सरकार की तरफ से इलाज के लिए खर्च किए गए हैं, सिमडेगा में 467 केसों के लिए लगभग 24 लाख रुपए सरकार की तरफ से दिए गए, पश्चिमी सिंहभूम में 2354 केसों के लिए लगभग दो करोड़ 30 लाख रुपए इलाज के लिए सरकार की तरफ से दिए गए राजधानी रांची में सबसे अधिक 5420 केसों के लिए ढाई करोड़ रुपये सरकार की तरफ से इलाज़ के लिये दिये गये।

वहीं राज्य भर में आयुष्मान भारत के तहत रजिस्टर्ड निजी अस्पताल में गरीब मरीजों के इलाज के लिए 18,1677 केसों के इलाज पर 1 अरब 76 करोड़ 77 लाख 48 हज़ार 3 सौ रुपये सरकार की तरफ से लोगों के लिए खर्च किये गए हैं।



Conclusion:इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अभिषेक श्रीवास्तव बताते हैं कि राज्य में 57 लाख परिवार में लगभग ढाई करोड़ लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, जिसमें अब तक 68 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बन चुका है और प्रत्येक दिन एक लाख लोगों का गोल्डन कार्ड स्वास्थ विभाग के तरफ से निर्गत कराया जा रहा है। गोल्डन कार्ड राज्य के प्रज्ञा केंद्रों में बनाया जा रहा है और पिछले माह से मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद गोल्डन कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क प्रज्ञा केंद्र पर नहीं ली जा रही है जबकि पूर्व में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार की तरफ से 30 रूपय शुल्क लिए जाते थे।

गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से सरकार गरीबों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाना चाहती है इसके लिए सरकार लोगों के बीच गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए हर अस्पताल में आरोग्य मित्र की बहाली की है, ताकि अस्पताल में आने वाले गरीब मरीज के राशन कार्ड के आधार से उनका आयुष्मान कार्ड तुरंत बना दिया जाए और उन्हें अस्पताल में बेहतर इलाज मिल सके।

बाइट- अभिषेक श्रीवास्तव,अपर सचिव,स्वास्थ्य विभाग।
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