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Bacon Factory Ranchi: कभी देश-विदेश में बजता था डंका, अब कहते हैं वेतन फैक्ट्री!

Bacon Factory Ranchi, आज बदहाल अवस्था में है. इस फैक्ट्री के नाम का डंका कभी देश विदेश में बजता था. अब ये कारखाना बंद होकर वेतन फैक्ट्री में तब्दील हो चुका है. पढ़िए, बेकन फैक्ट्री की बदहाली को खंगालती ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट.

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बेकन फैक्ट्री की बदहाली
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Published : Dec 10, 2021, 7:04 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 10:29 AM IST

रांचीः Bacon Factory Ranchi कभी अपने उत्पाद RANBAC के लिए देश दुनिया में मशहूर हुआ करती थी. यहां के Processed Pork Kababs, सलामी सॉसेस यहां से सिर्फ नार्थ ईस्ट तक भेजे जाते थे. इतना ही नहीं यहां के उत्पाद विदेशों में भी भेजे जाते थे. किसी जमाने में इसी फैक्ट्री के गेस्ट हाउस में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को पशुपालन घोटाला के मामले में अस्थायी जेल बनाकर रखा गया था. आज ये फैक्ट्री बंद होकर बदहाली के आंसू भले बहा रही हो लेकिन पशुपालन विभाग की फाइलों ये फैक्ट्री आज भी चल रही है.

इसे भी पढ़ें- कभी गिरिडीह कोलियरी का शान था कोक प्लांट, आज बना लूट का चारागाह


पशुपालन विभाग की फाइलों के मुताबिक बेकन फैक्ट्री चल रही है. यहां कई लाखों की सैलरी के साथ 04 डॉक्टर, जिसमें महाप्रबंधक से लेकर क्रय और विक्रय अधिकारी तक हैं. वो वर्षों से लगातार तैनात हैं. हर दिन बंद बेकन फैक्ट्री के कैंपस में ये डॉक्टर और अधिकारी कर्मचारी आते हैं, दिन गुजरते हैं और फिर घर चले जाते हैं. यह और बात है कि इस बंद पड़े बेकन फैक्ट्री में सेवा दे रहे कर्मचारियों, डॉक्टरों के वेतन पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. इसलिए इसे बेकन नहीं वेतन फैक्ट्री कहा जाने लगा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
1966 में शिलान्यास और 1972 में हुआ था बेकन फैक्ट्री का उद्घाटन
वर्ष 1996 के जनवरी तक कांके स्थित बेकन फैक्ट्री का गौरवशाली इतिहास रहा. एकीकृत बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय ने 23 अगस्त 1966 को बेकन फैक्ट्री का शिलान्यास किया. 6 फरवरी 1972 को तत्कालीन राज्यपाल बिहार देवकांत बरुआ ने इसका उद्घाटन किया था. इस बेकन फैक्ट्री में सूकर मांस के विभिन्न प्रकार के Ready to Eat व्यंजन बनाकर Ranback के नाम से ब्रांडिंग कर बिक्री की व्यवस्था थी.
Ranchi bacon factory in bad condition
Ranbac के नाम से खाद्य पदार्थ की ब्रांडिंग

पहले इस फैक्ट्री से पूर्वोत्तर भारत के 7 राज्य असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, त्रिपुरा और अरूणाचल प्रदेश तक रेडी टू ईट सूकर मांस व्यंजन की आपूर्ति की जाती थी. इन 7 राज्यों के अलावा यहां तैयार की गई Packaged Ready to Eat Bacon पड़ोसी देश भूटान और नेपाल तक निर्यात किया जाता था. यह फैक्ट्री लगातार मुनाफे में रहा. लेकिन वर्ष 1996 के जनवरी महीने के बाद से यहां उत्पादन शून्य है. यह फैक्ट्री वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ चुका है.

इसे भी पढ़ें- क्या झारखंड की सबसे बड़ी कपड़ा फैक्ट्री ओरिएंट बंद हो गई? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Bacon बन गया वेतन फैक्ट्री

राज्य विभाजन के बाद से ही लगभग सभी पशुपालन मंत्री और सचिव इसे शुरू करने के लिए निरीक्षण कर कार्रवाई करने का प्रयास किया. इसको लेकर आज तक प्रयास जारी है, इसके बावजूद भी पता नहीं कौन-सी मजबूरी है कि इसे चालू नहीं किया जा रहा है. यह बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि वर्ष 1996 से फैक्ट्री के बंद रहने के बावजूद यहां महाप्रबंधक सहित पशु चिकित्सकों के स्वीकृत छह पदों पर लगातार पशु चिकित्सकों का पदस्थापन भी होते रहा है. जहां सभी पदाधिकारी पूरे दिन बैठकर गुजार देते हैं. वर्तमान में इसे बेकन फैक्ट्री ना कहकर वेतन फैक्ट्री कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

Ranchi bacon factory in bad condition
जर्जर अवस्था में फैक्ट्री के वाहन


बेकन फैक्ट्री को शुरू करने की सरकार कर रही कोशिश
वर्तमान सचिव अबू बकर सिदिकी और कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इसे शुरू करने की पहल शुरू की है. इसको लेकर राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख कहते हैं कि सरकार बेकन फैक्ट्री की पुरानी गरिमा को लौटाएगी. इसके लिए शीघ्र इसे चालू करने की कार्रवाई के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है.

Ranchi bacon factory in bad condition
बेकन फैक्ट्री का जर्जर भवन


क्यों बंद हो गयी बेकन फैक्ट्री
लोग बताते हैं कि 1996 में इस प्लांट में मामूली गड़बड़ी आ गयी थी. जिसे ठीक करने में महज 05-10 हजार रुपये खर्च होता. लेकिन उस समय चारा घोटाला का मामला की जद में ये फैक्ट्री आगयी. जिसकी वजह से ये हुआ कि कोई अधिकारी कारखाने की इस गड़बड़ी को ठीक कराना उचित नहीं समझा और स्वर्णिम बेकम फैक्टरी बंद हो गया.

रांचीः Bacon Factory Ranchi कभी अपने उत्पाद RANBAC के लिए देश दुनिया में मशहूर हुआ करती थी. यहां के Processed Pork Kababs, सलामी सॉसेस यहां से सिर्फ नार्थ ईस्ट तक भेजे जाते थे. इतना ही नहीं यहां के उत्पाद विदेशों में भी भेजे जाते थे. किसी जमाने में इसी फैक्ट्री के गेस्ट हाउस में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को पशुपालन घोटाला के मामले में अस्थायी जेल बनाकर रखा गया था. आज ये फैक्ट्री बंद होकर बदहाली के आंसू भले बहा रही हो लेकिन पशुपालन विभाग की फाइलों ये फैक्ट्री आज भी चल रही है.

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पशुपालन विभाग की फाइलों के मुताबिक बेकन फैक्ट्री चल रही है. यहां कई लाखों की सैलरी के साथ 04 डॉक्टर, जिसमें महाप्रबंधक से लेकर क्रय और विक्रय अधिकारी तक हैं. वो वर्षों से लगातार तैनात हैं. हर दिन बंद बेकन फैक्ट्री के कैंपस में ये डॉक्टर और अधिकारी कर्मचारी आते हैं, दिन गुजरते हैं और फिर घर चले जाते हैं. यह और बात है कि इस बंद पड़े बेकन फैक्ट्री में सेवा दे रहे कर्मचारियों, डॉक्टरों के वेतन पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. इसलिए इसे बेकन नहीं वेतन फैक्ट्री कहा जाने लगा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
1966 में शिलान्यास और 1972 में हुआ था बेकन फैक्ट्री का उद्घाटन
वर्ष 1996 के जनवरी तक कांके स्थित बेकन फैक्ट्री का गौरवशाली इतिहास रहा. एकीकृत बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय ने 23 अगस्त 1966 को बेकन फैक्ट्री का शिलान्यास किया. 6 फरवरी 1972 को तत्कालीन राज्यपाल बिहार देवकांत बरुआ ने इसका उद्घाटन किया था. इस बेकन फैक्ट्री में सूकर मांस के विभिन्न प्रकार के Ready to Eat व्यंजन बनाकर Ranback के नाम से ब्रांडिंग कर बिक्री की व्यवस्था थी.
Ranchi bacon factory in bad condition
Ranbac के नाम से खाद्य पदार्थ की ब्रांडिंग

पहले इस फैक्ट्री से पूर्वोत्तर भारत के 7 राज्य असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, त्रिपुरा और अरूणाचल प्रदेश तक रेडी टू ईट सूकर मांस व्यंजन की आपूर्ति की जाती थी. इन 7 राज्यों के अलावा यहां तैयार की गई Packaged Ready to Eat Bacon पड़ोसी देश भूटान और नेपाल तक निर्यात किया जाता था. यह फैक्ट्री लगातार मुनाफे में रहा. लेकिन वर्ष 1996 के जनवरी महीने के बाद से यहां उत्पादन शून्य है. यह फैक्ट्री वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ चुका है.

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Bacon बन गया वेतन फैक्ट्री

राज्य विभाजन के बाद से ही लगभग सभी पशुपालन मंत्री और सचिव इसे शुरू करने के लिए निरीक्षण कर कार्रवाई करने का प्रयास किया. इसको लेकर आज तक प्रयास जारी है, इसके बावजूद भी पता नहीं कौन-सी मजबूरी है कि इसे चालू नहीं किया जा रहा है. यह बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि वर्ष 1996 से फैक्ट्री के बंद रहने के बावजूद यहां महाप्रबंधक सहित पशु चिकित्सकों के स्वीकृत छह पदों पर लगातार पशु चिकित्सकों का पदस्थापन भी होते रहा है. जहां सभी पदाधिकारी पूरे दिन बैठकर गुजार देते हैं. वर्तमान में इसे बेकन फैक्ट्री ना कहकर वेतन फैक्ट्री कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

Ranchi bacon factory in bad condition
जर्जर अवस्था में फैक्ट्री के वाहन


बेकन फैक्ट्री को शुरू करने की सरकार कर रही कोशिश
वर्तमान सचिव अबू बकर सिदिकी और कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इसे शुरू करने की पहल शुरू की है. इसको लेकर राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख कहते हैं कि सरकार बेकन फैक्ट्री की पुरानी गरिमा को लौटाएगी. इसके लिए शीघ्र इसे चालू करने की कार्रवाई के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है.

Ranchi bacon factory in bad condition
बेकन फैक्ट्री का जर्जर भवन


क्यों बंद हो गयी बेकन फैक्ट्री
लोग बताते हैं कि 1996 में इस प्लांट में मामूली गड़बड़ी आ गयी थी. जिसे ठीक करने में महज 05-10 हजार रुपये खर्च होता. लेकिन उस समय चारा घोटाला का मामला की जद में ये फैक्ट्री आगयी. जिसकी वजह से ये हुआ कि कोई अधिकारी कारखाने की इस गड़बड़ी को ठीक कराना उचित नहीं समझा और स्वर्णिम बेकम फैक्टरी बंद हो गया.
Last Updated : Dec 11, 2021, 10:29 AM IST
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