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एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में जुटे देशभर के हॉकी खिलाड़ी, खराब पिच के कारण झारखंड को होना पड़ा शर्मिंदा - National level tournament

राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम पूरी तरह बर्बाद हो चुका है लेकिन राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट का आयोजन कर दिया गया है. 65वें अंडर-19 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने देशभर से आए खिलाड़ियों ने भी इस बात को लेकर कहा कि झारखंड की टीम बेहतर है लेकिन स्टेडियम बद से बदतर है.

Astroturf Stadium completely ruined in ranchi
एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में लोग
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Published : Jan 14, 2020, 12:27 PM IST

रांची: जिले के मोरहाबादी स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ पूरी तरह खराब हो चुका है. इसके बावजूद राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट का आयोजन यहां कर दिया गया. अन्य राज्यों से आए खिलाड़ियों ने मेजबान झारखंड की टीम को इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान सबसे मजबूत और बेहतरीन टीम बताया है, हालांकि उन्होंने ग्राउंड को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

देखें पूरी खबर

खिलाड़ियों का यह भी कहना है कि इस हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रो टर्फ पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. प्रैक्टिस किया जा सकता है लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट का आयोजन कराना सही निर्णय नहीं है. खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं. लगातार रनिंग करने पर फिसलन आ रहा है. जगह-जगह टर्फ खराब हो चुका हैं. जिससे पैर फंसने का भी डर लगा रहता है.

ये भी देखें- रैली के दौरान हुए पथराव की घटना में 4 प्राथमिकी दर्ज, BJP विधायक और पूर्व विधायक भी नामजद आरोप

बेहतर है अन्य स्टेट का एस्ट्रोटर्फ
अन्य राज्यों से इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने आए खिलाड़ियों ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हॉकी स्टेडियम को बदहाल बताया है. इनकी मानें तो इनके राज्य में हॉकी को लेकर झारखंड से ज्यादा सुविधाएं खिलाड़ियों को दी जाती है. स्टेडियम और इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत भी इस राज्य से बेहतर है. इस मामले को लेकर टीम ने इंडियन हॉकी टीम के पूर्व कप्तान से भी बातचीत की है. असुंता लाकड़ा का कहना है कि इस टूर्नामेंट के बाद इस सिस्टम को बदलने की प्रक्रिया शुरू होगी. खेल निदेशालय ने इसे लेकर आश्वस्त किया है.

रांची: जिले के मोरहाबादी स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ पूरी तरह खराब हो चुका है. इसके बावजूद राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट का आयोजन यहां कर दिया गया. अन्य राज्यों से आए खिलाड़ियों ने मेजबान झारखंड की टीम को इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान सबसे मजबूत और बेहतरीन टीम बताया है, हालांकि उन्होंने ग्राउंड को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

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खिलाड़ियों का यह भी कहना है कि इस हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रो टर्फ पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. प्रैक्टिस किया जा सकता है लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट का आयोजन कराना सही निर्णय नहीं है. खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं. लगातार रनिंग करने पर फिसलन आ रहा है. जगह-जगह टर्फ खराब हो चुका हैं. जिससे पैर फंसने का भी डर लगा रहता है.

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बेहतर है अन्य स्टेट का एस्ट्रोटर्फ
अन्य राज्यों से इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने आए खिलाड़ियों ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हॉकी स्टेडियम को बदहाल बताया है. इनकी मानें तो इनके राज्य में हॉकी को लेकर झारखंड से ज्यादा सुविधाएं खिलाड़ियों को दी जाती है. स्टेडियम और इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत भी इस राज्य से बेहतर है. इस मामले को लेकर टीम ने इंडियन हॉकी टीम के पूर्व कप्तान से भी बातचीत की है. असुंता लाकड़ा का कहना है कि इस टूर्नामेंट के बाद इस सिस्टम को बदलने की प्रक्रिया शुरू होगी. खेल निदेशालय ने इसे लेकर आश्वस्त किया है.

Intro:रांची।

राजधानी रांची के मोराबादी स्थित एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम पूरी तरह बर्बाद है. 65 वें अंडर-19 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने देशभर से आए खिलाड़ियों ने भी इस बात को कहा है. इन खिलाड़ियों की मानें तो झारखंड की टीम बेहतर है .लेकिन स्टेडियम बद से बदतर है. फिर भी यहां के खिलाड़ी अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को लोहे का चना चबाने को मजबूर कर देता है.


Body:राजधानी रांची के मोराहाबादी स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रो टर्फ पूरी तरह खराब हो चुका है .इसके बावजूद इस टर्फ पर राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट का आयोजन कर दिया गया है. अन्य राज्यों से आए खिलाड़ियों ने इसे लेकर सवाल खड़ा किया है. साथ ही मेजबान झारखंड की टीम को इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान सबसे मजबूत और बेहतरीन टीम बताया है.वहीं खिलाड़ियों का यह भी कहना है कि इस हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रो टर्फ पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. प्रैक्टिस किया जा सकता है. लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट का आयोजन कराना सही निर्णय नहीं है. खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं .लगातार रनिंग करने पर फिसलन आ रहा है वहीं जगह-जगह टर्फ खराब हो चुका हैं. जिससे पैर फंसने का भी डर लगा रहता है .

इससे बेहतर है अन्य स्टेट का एस्ट्रो टर्फ

अन्य राज्यों से इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने आए खिलाड़ियों ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हॉकी स्टेडियम को बदहाल बताया है .इनकी मानें तो इनके राज्य में हॉकी को लेकर झारखंड से ज्यादा सुविधाएं खिलाड़ियों को दी जाती है स्टेडियम और इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत भी इस राज्य से बेहतर है. इस मामले को लेकर हमारी टीम ने इंडियन हॉकी टीम के पूर्व कप्तान से भी बातचीत की है असुंता लाकड़ा का कहना है कि इस टूर्नामेंट के बाद इस सिस्टम को बदलने की प्रक्रिया शुरू होगी खेल निदेशालय ने इसे लेकर आश्वस्त किया है.


Conclusion:हालांकि सवाल बड़ा है कि जब यह एस्ट्रो टर्फ पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. तब इसमें राष्ट्रीय स्तर का मैच कराना क्या लाजमी है. पहला तो स्टेट और स्टेडियम के संबंध में अन्य राज्यों के खिलाड़ियों के बीच संदेश अच्छा नहीं जा रहा है. दूसरा अन्य राज्यों से आए खिलाड़ी यहां गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं .इस दिशा में खेल विभाग और हॉकी झारखंड को भी सोचने की जरूरत थी. हॉकी की नर्सरी कहे जाने वाला झारखंड में आधारभूत संरचनाएं तो खड़ी कर दी गई है .लेकिन देखरेख के अभाव में यह संरचना है बर्बादी के कगार पर है और इससे झारखंड के हॉकी खिलाड़ियों को अन्य राज्यों के खिलाड़ियों के सामने शर्मिंदा जरूर होना पड़ रहा है.



बाइट-हॉकी खिलाड़ी, अन्य राज्य।

बाइट-असुंता लकड़ा,पूर्व कप्तान ,हॉकी
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