रांचीः झारखंड के 2500 सहायक पुलिस कर्मियों का आंदोलन रांची के मोरहाबादी मैदान में पिछले 9 दिनों से जारी है. आंधी-तूफान और भारी बारिश के बावजूद सहायक पुलिस कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में लगातार सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे है. मंगलवार को 2,000 से अधिक सहायक पुलिस कर्मियों ने मोरहाबादी मैदान में रक्तदान किया और सरकार को यह चेतावनी दी कि जल्द से जल्द अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो गांधी जी के रास्ते को छोड़कर भगत सिंह का रास्ता अख्तियार करेंगे.
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रक्तदान कर दिया सरकार को संदेश
मंगलवार को सहायक पुलिस कर्मियों ने खुद से ही पहल कर मोरहाबादी मैदान में रक्तदान शिविर का आयोजन करवाया. जहां बढ़-चढ़कर सहायक पुलिस कर्मियों ने रक्तदान किया. सहायक पुलिस कर्मियों ने कहा कि वो इसी समाज का हिस्सा हैं और समाज की भलाई के लिए एक साथ मिलकर रक्तदान कर रहे हैं ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.
9 दिन से जारी है आंदोलन
झारखंड सहायक पुलिस कर्मी पिछले सोमवार से ही मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बुनियादी सुविधा भी नहीं मुहैया करायी गयी है और मौसम की भी दोहरी मार उनको झेलनी पड़ रही है. वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के आधार पर 12 अतिनक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखंड सहायक पुलिस कर्मियों की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी.
इसके एवज में 10 हजार रुपया प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था. साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में झारखंड सहायक पुलिस के लगभग 22सौ कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिस कर्मी शामिल हैं
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अब तक सिर्फ मिला है आश्वासन
इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर सभी ने सितंबर 2020 में आंदोलन भी किया था. उस समय मंत्री मिथिलेश ठाकुर की ओर से आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के अंदर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. लेकिन 15 महीने बीतने के बाद भी उनकी मांगों की ओर सरकार ने कदम नहीं उठाया है. ऐसे में वह फिर से आंदोलन के लिए मजबूर हो गए हैं.