रांची: सहायक पुलिस कर्मियों और सरकार प्रतिनिधियों के बीच वार्ता खत्म हो गई है. सहायक पुलिसकर्मियों को एडिशनल होम सेक्रेटरी और आईजी की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि 2 महीने में उनकी सभी जायज मांगें मान ली जाएगी. बैठक में स्थाई नियुक्ति को छोड़ तमाम मुद्दों पर करीब करीब सहमती बन गई है. वार्ता के बाद सहायक पुलिसकर्मी अपने साथियों के साथ बैठकर सरकार के द्वारा दिए गए आश्वासन पर फैसला लेंगे. देर शाम आंदोलन खत्म करने का एलान हो सकता है.
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आज यानी मंगलवार को सहायक पुलिस कर्मियों का सीएम आवास घेराव करने का कार्यक्रम है. इसे देखते हुए हाई लेवल वार्ता जारी है. स्थाई नियुक्ति, मानदेय वृद्धि, भत्ता, छुट्टी सहित अन्य मुद्दों पर सहायक पुलिसकर्मी आंदोलनरत हैं. अगर वार्ता का कोई सार्थक परिणाम सामने आता है, तब सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास के घेराव करने की अपनी रणनीति पर फिर से विचार करेंगे.
झारखंड सहायक पुलिसकर्मी 37 दिनों से मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इस दौरान सरकार की तरफ से किसी ने सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को खत्म कराने की कोशिश तक नहीं की. वहीं उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बुनियादी सुविधा भी नहीं मुहैया कराई गई है और मौसम की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के आधार पर 12 अतिनक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखंड सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी. इसकी एवज में 10000 रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था. इसके साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया गया है. ऐसे में झारखंड सहायक पुलिस के लगभग 2200 सौ कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिसकर्मी शामिल हैं. सहायक पुलिस कर्मियों का आरोप है कि सरकार अब उनकी बातों को अनसुनी कर रही है. इसीलिए वे अब सीएम आवास का घेराव करेंगे.