रांची: झारखंड में लगभग 5 हजार से अधिक मनरेगा कर्मियों की हड़ताल का बुरा असर श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने में पड़ सकता है. सिर्फ 1 दिन में ही 13 फीसदी श्रमिकों को रोजगार मिला है. वहीं, मनरेगा एमआईएस आंकड़े के अनुसार 1 दिन पहले 25 और 26 जुलाई को सुबह में निबंधित 32.93 लाख निबंधित मजदूरों में से 7.42 लाख श्रमिकों को मनरेगा से रोजगार मुहैया कराया गया था.
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देवघर रामघाट सहित 10 जिलों का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है. मनरेगा में 10 जिलों की सबसे खराब स्थिति है इन जिलों में 11 फीसदी कुल रोजगार मिल पाया है. वहीं, 28 जुलाई से 3 अगस्त तक पौधारोपण अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू होना था. इसे लेकर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने सभी जिले को निर्देश दिए थे, लेकिन मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत ज्यादा पौधा लगाने के काम पर असर पड़ रहा है.
बता दें कि अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहा तो बारिश का समय बीतने के बाद पौधारोपण भी नहीं हो पाएगा. मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से सरकार और विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. श्रमिकों को रोजगार देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण योजना मनरेगा है. ऐसे में हड़ताल होने से रोजगार देने का सारा काम ठप हो गया है कई योजनाएं प्रभावित हो गई हैं. विभाग के मंत्री लगातार हड़ताल से वापस लौटने की अपील कर रहे हैं बावजूद राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर डटे हुए हैं.